अब तक आपने देखा
उसकी ननंद ने कुछ जूलरी और मेकअप की चीजें , उसके बैग से निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी थी ताकि , प्रतिक्षा जब आए तो उसे ज्यादा परेशानी ना हो ।
अब आगे
प्रतिक्षा जब साड़ी पहन कर बाहर आयी तो उसकी ननंद ने उसकी तारीफ करते हुए कहा — अरे वाह भई तुम्हें तो साड़ी बहुत अच्छे से पहने आती है और तुम बहुत बहुत बहुत सुंदर भी लग रही हो साड़ी में । फिर प्रतीक्षा को एक बार उपर से नीचे तक देखते हुए उससे बोली — हम्म ... सिंपल साड़ी में भी तुम कहर ढा रही हो डार्लिंग |
प्रतीक्षा उनकी बात पर मुस्कुरा दी और वो ड्रेसिंग टेबल के तरफ बढ़ गई , तब प्रतीक्षा की ननंद ने उसे ड्रेसिंग टेबल के सामने बिठा दिया और खुद ही उसका मेकअप किया । वह प्रतीक्षा की लाइट मेंकअप ही करी थी , इसके बावजूद भी प्रतीक्षा बिल्कुल ब्राइडल की तरह दिख रही थी । जब प्रतीक्षा रेडी हो गई तो वह मुस्कुराते हुए एक बार प्रतीक्षा को ऊपर से नीचे तक देखी , फिर उसकी बलैया लेते हुए बोली — आज तो पक्का प्रशांत का होश उड़ने वाला है । यह कहते हुए वह अपने जीभ को काटते हुए अपनी एक आई विंक कर दी 😜 और बाहर चली गई यह कहकर कि अब मैं अपने भाई को भेज रही हूं तुम्हारे पास बेहोश होने के लिए । सम्भाल लेना उसे 😁 ... यह सुनकर प्रतिक्षा शरमा गई और अपनी नजरे नीचे झुका ली । ☺️ 😌
प्रशांत की बहन के जाने के बाद , प्रतीक्षा खिड़की के पास चली गई और फिर वहां से चांद को देखने लगी । इस समय चांद बादलों के साथ लुका - छिपी खेल रहा था और प्रतिक्षा इस दृश्य को देख कर मुस्कुरा रही थी , वो इस समय इस दृश्य को देखकर उसमें खो सी गयी थी । प्रतिक्षा चाँद को जब भी देखती है , तो उसके चेहरे पर एक प्यारी सी मुस्कुराहट तैर जाती है । उसे प्राकृत चीजों से बहुत लगाव है , यही कारण है कि वो पेड़ - पौधे , पहाड़ , जंगल , नदियों और समुद्रों को देख कर उससे बातें करने लग जाती है ।
चांद - तारों से बातें करना तो , उसकी आदतों में बेशुमार हैं , और आज अभी वह यही कर रही थी । वो चांद को देखकर उससे बातें करने में मगन थी , इसी वजह से उसे पता ही नहीं चला कि , प्रशांत उसके कमरे में कब आया ।
प्रशांत ने जब देखा कि प्रतीक्षा उसके कमरे में आने के बाद भी खिड़की से नहीं हटी और ना ही उसके तरफ देखी , तो वह उसे आवाज दिया , तब भी प्रतीक्षा ने कोई उत्तर नहीं दिया , तो प्रशांत उसके पास गया , जब वो वहां गया तो उसने देखा कि प्रतिक्षा चांद को देख कर मुस्कुरा रही है और बातें कर रही है । प्रशांत कुछ पल के लिए प्रतिक्षा में खो सा गया था । प्रतिक्षा का चेहरा पर चाँद की रौशनी में नहाया हुआ था । उसका चेहरा संगमरमर की तरह चमक रहा था । आँखों में खुशी की चमक थी और होठों पर मध्यम सी एक प्यारी मुस्कान । उसके चेहरे पर लटक रहें उसके घुंघराले बाल , इनसब कों और भी ज्यादा खुबसुरत बना रही थी प्रतिक्षा की बीच - बीच में पायल और चुडियों की खन - खन और छन - छन की आवाज । जिसमें प्रशांत अपने - आप को खोने से नहीं रोक सका था । उसे प्रतिक्षा की मुस्कुराहट , बिल्कुल किसी छोटे बच्चे की तरह लग रही थी । प्रशांत उसकी मासूम से चेहरे और उसकी मुस्कुराहट को बड़े गौर से देख रहा था । जहां वो प्रतिक्षा को पहले दिन से ही उसे गुस्सा दिलाने की बात कर रहा था , ताकि वो कुछ दिन बाद खुद ही उसे छोड़ कर चली जायेगी । वहीं आज अभी उसको एकटक निहार रहा था , बिना उससे कुछ कहे - सुने ।
क्रमशः