अब तक आपने देखा
लेकिन अफसोस है कि इस बात को बहुत कम लोग ही जानते और समझते हैं । प्रशांत और प्रतीक्षा दोनों बड़े ही ध्यान से , उनकी यह बातें सुन रहे थे । दोनों को ही इस बात में सच्चाई नजर आ रही थी ।
अब आगे
कुछ देर तक प्रशांत की चचेरी बहन दोनों को विवाहित जिंदगी के बारे में बताई फिर वो दोनों से हँसते कही — अब चलों दोनो जल्दी - जल्दी मेरा आशिर्वाद प्राप्त करो ... क्योंकि मुझे जल्दी है फुआ बनने की 😀 ।
प्रशांत और प्रतीक्षा दोनों ही उनकी ये बात सुनकर मुस्कुराने लगे , लेकिन प्रशांत जबरदस्ती मुस्कुरा रहा था , ताकि उसकी बहन को यह पता ना चले की उसे ये बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी है ।
वही प्रतिक्षा मुस्कुराते हुए झुककर अपनी ननद का पैर छुकर प्रणाम कि ... . तो प्रशात भी प्रतिक्षा को देख कर अपनी बहन का पैर छूकर प्रणाम किया .... तो प्रशांत की बहन मुस्कुरा कर अपना गला साफ करते हुए उन्हें आशिर्वाद दी दोनों के सर पर हाथ रख कर एक बूढ़े लोगों के स्टाइल में — युग - युग जियो . . . सदा सुहागन रहो ... कल्याण भवः ... दूधो नहाओं पूतो फूलो ... । वो भी बहुत जल्दी ही 😜😄 । पूजा घर के बाहर बैठी औरते उनके ऐसे आशिर्वाद देने पर हँसने लगी और उनमें से एक औरत प्रशांत के बहन से बोली — पहले खुद से स्टाट करो ... खुद तो हिरोइन बने फिर रही हो , शादी के तीन साल बाद भी । 😄🤭 वहां बैठी सब औरते हंसने लगी । प्रशांत की बहन उनलोगों से मुस्कुराते हुए बोली — मैं अभी आती हूँ आपलोगों के पास , और बताती हूँ आप लोगों को , मुझसे बच कर कही नहीं जा सकते हो इस मामले में , और ये बात तो आपलोग जानते ही हो कि मेरे मजाक करने से अच्छे - अच्छे लोग भी पानी - पानी हो जाते हैं । 😄😄 आप लोग रुको मैं आती हूँ अभी । इन्हें इनके रूम में छोड़ कर । जाना नहीं .... मुझसे डोज लिए बिना । 😄😄😄 ये कहकर वो दोनों को अपने साथ उनके कमरे तक लाई और फिर दोनों को अभी के लिए अलग - अलग कमरे में आराम करने को कहीं क्योंकि शाम को भी कुछ रस्में करनी थी । ये कहकर वो वहां से चली गई ।
दोनों काफी थक चुके थे . . . दो दिन से ये बिल्कुल भी नहीं सो पाये थे । इसी वजह से दोनों लेटते ही नींद के आगोश में चले गए ।
इधर प्रशांत की बहन दोनो को उनके कमरे में छोड़ कर , फॉरन हॉल में बैठी औरतो के पास आ गयी । उसके आते ही एक बार फिर पूरा हॉल औरतों के हंसी - मजाक से चहक उठा । कुछ देर तक ये सिल - सिला चलता रहा , फिर सब लोग सोने चले गए ... क्योंकि अब दोपर हो गया था और थकान के वजह से सबको बहुत निंद भी आ रही थी । कुछ लोग तो बारात के वापस आते ही पैर फैला कर सो गए थे , जिसे जहां जगह मिला था वहां । 😄 इस समय किसी को होश नहीं था कि वो कैसे सोये है और उनका हाथ - पैर कहां है ? ... 😄
क्रमश: