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उपन्यास की किताबें

सोमनाथ

भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्री ठठ-के-ठठ बारहों महीने इस महातीर्थ में आते और सोमनाथ के भव्य दर्शन करते थे। अनेक राजा-रानी, राजवंशी, धनी-कुबेर, श्रीमंत-साहूकार यहां महीनों रुके रहते थे और अनगिनत धन-रत्न, गांव-धरती सोमनाथ के चरणों में चढ़ा जाते थ

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18 मई 2022
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 बाग़ी बलिया

यह एक ऐसी कहानी है जो आपको हँसाते हुए रुला देने के मोड़ पर ले जाएगी। संजय-रफ़ीक़ की गंगा जमनी दोस्ती है। दोस्तों की छेड़ है। रफ़ीक़-उज़्मा का प्रेम है। शहर बलिया की अपनी राजनीति है। षड्यंत्र है। हत्या है। आत्महत्या है। और इन सबसे ऊपर एक ऐतिहासिक ट्विस्

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4 मई 2022
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सोना और खून - भाग -2

''सोने का रंग पीला होता है और खून का रंग सुर्ख। पर तासीर दोनों की एक है। खून मनुष्य की रगों में बहता है, और सोना उसके ऊपर लदा हुआ है। खून मनुष्य को जीवन देता है, जबकि सोना उसके जीवन पर खतरा लाता है। पर आज के मनुष्य का खून पर उतना मोह नहीं है, जितना स

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18 मई 2022
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धर्मपुत्र

धर्मपुत्र इंसान की गरिमा पर सवाल उठाते हैं। क्या किसी मनुष्य की उपस्थिति उसके परिवार के आधार पर निर्भर करती है या उसने किस प्रकार के शैक्षिक संस्कार प्राप्त किए हैं। यह कहानी हिंदू और मुस्लिम परिवारों की है। जिनका रिश्ता बहुत ही दोस्ताना होता है। हिं

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18 मई 2022
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 बनारस टॉकीज

एक आदर्श कॉलेज। तीन अपूर्ण छात्र। एक देखभाल करने वाला छात्रावास। तीन लापरवाह साथी। निर्णायक वर्ष। तीन अज्ञानी आत्माएं। एक बम विस्फोट और एक करीबी दाढ़ी। बीएचयू के द्वार से जीवन में आपका स्वागत है।

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4 मई 2022
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पूर्णाहुति

इतिहास अपने समय की गवाही देता है। यदि ऐतिहासिक समाज को समझना हो तो और साहित्य की पाठकों की बड़ी मदद करता है। आचार्य चतुरसेन के उपन्यास ऐतिहासिक तौर पर अपने समय और समाज की बदलती हुई सामाजिक संरचना को बहुत ही बारीकी ढंग से उकेरते थे। पूर्णाहुति उपन्यास

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18 मई 2022
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हृदय की प्यास

‘हृदय की प्यास’ आचार्यजी का अत्यंत रोचक उपन्यास है। यह उपन्यास ऐसे युवक-युवतियों की सरस कथा है जिसमें वे वासनाओं की ओर झुकते हैं और फिर भावना तथा कर्तव्य की पहेली को सुलझाने का प्रयास करते रहते हैं। यह प्रयास ऐसी कथा बुनता चला जाता है कि पाठक बंधता च

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18 मई 2022
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उफ़्फ़ कोलकाता

‘उफ़्फ़ कोलकाता’ हिंदी भाषा की पहली हॉरर कॉमेडी कही जा सकती है। इस लिहाज़ से यह एक पहल भी है। कोलकाता के बाहरी भाग में फैले एक विश्वविद्यालय का हॉस्टल, उपन्यास के मुख्य किरदारों की ग़लती से अभिशप्त हो जाता है। एक आत्मा जो अब हॉस्टल में है, बच्चों को परे

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4 मई 2022
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 राज्याभिषेक

आचार्य जी का यह प्रसिद्ध उपन्यास राम द्वारा लंका पर चढ़ाई से प्रारंभ होता है और सीता के भू प्रवेश तक चलता है। इसकी एक-एक पंक्ति, एक-एक दृश्य ऐसा जीवंत है कि पाठक को बरबस लगता है कि वह स्वयं उसी युग में जी रहा है। - बहुमुखी प्रतिभा के धनी आचार्य चतुरस

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18 मई 2022
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 मातृभूमि

इसका रचना-काल द्वितीय महायुद्ध का अंतिम काल है, जबकि मानव संहार के पीड़ित समाचारों को पढ़कर आचार्यजी का हृदय हाहाकार कर रहा था। युद्ध के दिन थे, सब चीजें बेहद महँगी और दुर्लभ हो रही थीं। लिखने के लिए कागज और जलाने के लिए मिट्टी का तेल भी उन्हें मुश्क

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19 मई 2022
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यूपी 65

उपन्यास की पृष्ठभूमि में आइआइटी बीएचयू (IIT BHU) और बनारस है, वहाँ की मस्ती है, बीएचयू के विद्यार्थी, अध्यापक और उनका औघड़पन है। समकालीन परिवेश में बुनी कथा एक इंजीनियर के इश्क़, शिक्षा-व्यवस्था से उसके मोहभंग और अपनी राह ख़ुद बनाने का ताना-बाना बुनत

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4 मई 2022
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लाल किला तथा आभा

दो प्रसिद्ध उपन्यास एक साथ मुगलकाल के बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान लाल किला सदियों से भारत की आन-बान-शान का प्रतीक रहा है। लाल किला में रहकर सारे हिन्दुस्तान पर शासन चलाने वाले मुग़ल बादशाहों की रोचक और मार्मिक दास्तान इस उपन्यास के प्रथम खंड

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19 मई 2022
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नरक दर नरक

उपन्यास की भाषा संक्रमण काल के उफनते-खलबलाते जीवन की संवेदनाओं की अभिव्यक्ति के अनुरूप सरल-ओजस्वी लगी। विशेषकर उषा या माँ की सामाजिकता और आवरणरहित स्वाभाविकता। कथानक और उसके अनुषंग मर्मस्पर्श के साथ नए जीवन-संतुलन की चेतना को भी कुरेदते हैं। 'नरक दर

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19 मई 2022
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काशी ( काले मंदिर का रहस्य )

“ब्रह्मांड की समस्त काली शक्तियां उसकी दास हैं. . . ” 1699 ईसापूर्व, आर्यवर्त के दलदल – जब प्रलय की लहरें एक-एक नगर को अपनी चपेट में लेती जा रही थी, तब विराट नौका और धरती के बीच एक अंतिम युद्ध की शुरुआत हुई। एक निर्मम राजा ने मानवजाति के अस्तित्व को

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5 मई 2022
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 बेघर

‘बेघर’ ममता कालिया का पहला उपन्यास और उनकी दूसरी पुस्तक है। यह कृति अपनी ताजगी , तेवर और ताप से एक बारगी प्रबुद्ध पाठकों और आलोचकों का ध्यान खींचती है। इस पुस्तक के अब तक कई संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं, पेपर बैक संक्षिप्त संस्करण भी । हिन्दी उपन्यास

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19 मई 2022
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चोखेर बाली

रवीन्द्रनाथ टैगोर का उपन्यास चोखेर बाली हिन्दी में ‘आँख की किरकिरी’ के नाम से प्रचलित है। प्रेम, वासना, दोस्ती और दाम्पत्य-जीवन की भावनाओं के भंवर में डूबते-उतरते चोखेर बाली के पात्रों-विनोदिनी, आशालता, महेन्द्र और बिहारी-की यह मार्मिक कहानी है। 1902

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20 मई 2022
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 प्रलय

1700 ईसापूर्व, हड़प्पा – हड़प्पा का देवता पथभ्रष्ट हो चुका है... पीड़ित और मृत कारावास का बंदी। उसकी मृत पत्नी के पावन रक्त ने महानगर की धरती को, हमेशा के लिए दुर्भाग्य का भागी बना दिया। 2017, बनारस – एक माहिर हत्यारा सायनाइड खा लेता है, लेकिन इससे पहले

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5 मई 2022
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योगायोग

सारी खुदाई एक तरफ, जोरू का भाई एक तरफ यह कहावत मधुसूदन पर बिलकुल भी चरितार्थ नहीं होती थी, क्योंकि वह ‘जोरू के भाई’ विप्रदास की ही नहीं, ‘जोरू’ कुमुदिनी की भी उपेक्षा करता था, जबकि कुमुदिनी से शादी का प्रस्ताव भी उस ने स्वयं ही विप्रदास के पास भेजा थ

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20 मई 2022
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मस्तान (दिल्ली का बाग़ी सरफ़रोश)

व्यापारिक कम्पनी के रूप में जब एक क्रूर शासक के कदम इस धरती पर पड़े, तो उसने समग्र उप महाद्वीप को अपना गुलाम बनाने के लिए बंदूक से लेकर अफीम तक का भरपूर इस्तेमाल किया | यहाँ तक कि शेर-ए-मैसूर, टीपू सुल्तान भी विकराल अंग्रेज सेना का शिकार हो गया | ए

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5 मई 2022
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 गोरा

जब गोरा का कोई नाम, जाति और धर्म नहीं था, तो परिस्थितियों ने उसे नाम दिया - गोरामोहन, जाति - ब्राह्मण, और धर्म - हिंदू। जबकि वह हिंदू धर्म के सच्चे पैरोकार थे, धर्म ने उन्हें एक बहिष्कृत और अछूत कहकर खारिज कर दिया। इस उत्कृष्ट कृति में, टैगोर सभी भार

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20 मई 2022
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