भक्तियोग का एक बड़ा लाभ यह है कि वह हमारे चरम लक्ष्य (ईश्वर) की प्राप्ति का सब से सरल और स्वाभाविक मार्ग है। पर साथ ही उससे एक विशेष भय की आशंका यह है कि वह अपनी निम्न या गौणी अवस्था में मनुष्य को बहुधा भयानक मतान्ध और कट्टर बना देता है।
बूढ़ा आदमी और समुद्र' उपन्यास एक बूढ़े गरीब मछुआरे के जीवन-संघर्ष की कहानी है। मछली पकडऩे जाना, मछली पकडऩे की कोशिश करना, उस कोशिश में कामयाब होना, फिर इस सफलता को अंजाम तक लाने की जद्दोजहद का नाम है 'बूढ़ा आदमी और समुद्र'। एक मछुआरे के जीवन-संघर्ष क
‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में
लघु उपन्यास ‘बहू की रिहाई’ मेरा तीसरा उपन्यास है. इससे पूर्व मेरा प्रथम लघु उपन्यास ‘बैंक अधिकारी: बिखरते ख्य्वाब’ प्रकाशित हुआ, जिसको देश भर के पाठकों ने विशेष रूप से बैंकर्स ने बेहद पसंद किया. मुझे जो प्रतिक्रियाएं मिली, उनमें सबमें एक ही कॉमन बात
महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे। उनका नाम इतिहास में वीरता, शौर्य, त्याग, पराक्रम और दृढ प्रण के लिये अमर है। उन्होंने मुगल बादशहा अकबर की अधीनता स्वीकार नहीं की और कई सालों तक संघर्ष किया।
प्यार पर सब का हक है। फिर चाहे वो प्यार हमें किसी भी उम्र में क्यों ना मिले। आदित्य जी और मिनाक्षी जी बहुत अर्से बाद एक दूसरे से मिले। दोनों के पीछे एक अतीत था जिसका साया दोनों के जीवन को प्रभावित कर रहा था। पर क्या हुआ जब दोनों को उनके बच्चों ने एक
एक ऐसा किला जिसमें बहुत प्रेतों का निवास माना जाता है । रात्रि तो क्या दिन के समय भी लोग उस ओर जाने का साहस नहीं कर पाते । किले पर खड़ी सुंदरी जो देखते ही देखते गायब हो जाती है । किले से उठती रक्त जमा देने वाली भयंकर चीख जो सहज ही भयभीत कर देती है ।
वह चंद मिनटों की मुलाक़ात और राजेश के कुछ शब्द गीत के दिलोदिमाग में घर कर गये । कई दिनों तक सोते जागते राजेश उसके दिलो दिमाग पर छाया रहा । एक दिन अपने कमरे बैठ कर वह एक पुस्तक पढ़ रही थी कि अचानक उसे राजेश की याद आने लगी। उसने सोचा कहीं उसे राजेश से प्
शब्द अपने आप में एक विशाल समुद्र है यह अपने गर्भ में असंख्य हीरे मोती एवं ज़हर की पोटली समाए रखते है एक शब्द युद्ध की नींव रख सकता है तो एक शब्द वात्सल्य की गंगा बहा सकता है । इस पवित्र गंगा को मैली करने का सामर्थ्य शब्दों में ही तो है। यह
देखिए मैं आपकी पत्नी जरूर हूँ लेकिन मैं एक औरत भी हूँ...जिस दुनियां में आप रहते हैं, वह भी सही है और जिस दुनियाँ में मैं रह सकती हूँ वह भी सही है...मेरा शरीर संतृप्त होता रहे और मेरा मन तृप्त होता रहे, यह मुझे आप के साथ बहुत दूर तक नहीं ले जा सकता...
भारत की स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अमृत महोत्सव वर्ष में देश की सरहदों पर रक्षा के कार्य में स्वयं को समर्पित कर देने वाले भारतीय सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और बलिदान को समर्पित रचना।
श्रीलाल शुक्ल जी का राग दरबारी एक ऐसा उपन्यास है जो गांव की कथा के माध्यम से आधुनिक भारतीय जीवन की मूल्यहीनता अनावृत करता है। उनका सबसे लोकप्रिय उपन्यास राग दरबारी 1968 में छपा। राग दरबारी का पन्द्रह भारतीय भाषाओं के अलावा अंग्रेजी में भी अनुवाद प्र
उसकी कजरारे वो सुन्दर सा नयन , उसकी वो चाल जैसे कोई कोई मृग नयनी विचरन कर रही हो । उसकी मदहोश कराने बाली अदा ... जैसे किसी को भी पागल किये है जाए । वह सुन्दरता की कोई संगमरमर की तरासी कोई मुरत । मदहोश कराने बाली छवि की मालकिन मधुलिका ... प्यार से स
राधे राधे दोस्तो 🙏 आज मैं लेकर आई हूं एक नई कहानी कॉल बॉय जिंदगी का अनदेखा पहलू ,, एक ऐसे लड़के की कहानी जो जिस्म फरोशी का धंधा करता था पर अपनी मोहब्बत के लिए उसने सही रास्ता चुना कहानी बहुत ज्यादा बड़ी नही है , 7 पार्ट में खत्म हो जायेगी ,,। तो आइए
ये किताब एक ऐसी नारी की कहानी कहती है जो अपने मानस और सलाहियत की पतवार लेकर जीवन भंवर में उतर जाती है और फिर शुरू होता है आसमान में घूमते नक्षत्रों की चाल के साथ उसका केटवॉक। एक संपन्न परिवार में कई भाई बहनों के बीच जन्म लेकर भी उसे अपने साथ नक्षत्रो
जयश्रीकृष्ण पाठकगण सुधिजन व मित्रगण। यह किताब मैने आपके निमित्त "श्रीमद्भागवत गीता जी" के कुछ शब्दो को सही सही विवेचन अपनी बौद्धिक कौशल के आधार पर आपकी भेंट करने की कोशिश की है। आशा है इन्हे समझकर गीता जी पढनी आसान लगेगी।एक प्रयास है आशा ह
#बदला न्याय की तलाश में भटकने के उपरांत न्याय छीनने की कोशिश।
प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। शेख़ सादी मुंशी प्रेमचंद ने इस नाटक में शेख़ मुसल
'सूरज का सातवाँ घोड़ा' धर्मवीर भारती जी का एक प्रयोगात्मक और मौलिक उपन्यास है। प्रयोगात्मक इसलिए क्योंकि इसके बहुत से गुण परम्परागत हिंदी उपन्यासों से अलग थे मसलन कहानी में कम पात्रों का होना, उपन्यास का बहुत विशाल न होना, किसी पात्र के विकास के लिए ब