आमतौर पर जब भी हम खाखी वर्दी वालो को याद करते है या फिर उन्हें देखते है तो उनके प्रति हमे दिल मे जो डर वाली छवि आती है वो एक कड़क व गुस्सेल रवैये की वजह से आती है , क्योकि उनका काम इसी मिजाज की वजह से चलता है .व कोई भी विभाग अपने लिए समाज मे गलत छवि कायम करना नही चाहेगा पर नरम मिजाज से सबको अगर ये मिलने लगे तो ये कभी भी अपना कार्य सही ढंग से कर नही पाएंगे. परन्तु इस कड़क मिजाज वाली छवि की मेरी अवधारणा को एक इंस्पेक्टर ने गलत साबित कर दिया था . कुछ दिनों पहले की बात है कुछ कारण वश मुझे अपनी माता जी के साथ अपने घर से बड़े भाई के यहाँ जाना हुआ . अगले दिन वापसी में हमने अपनी स्कूटी से करीब 1 किलोमीटर का सफर ही तय किया होगा कि मेरी स्कूटी बंद पड़ गयी व काफी मशक्कत के बाद भी वो शुरू नही हुई . सुबह 10 बजे का समय , चिलचिलाती धुप व बीच सड़क में में , माता जी व स्कूटी खड़े थे. आखिरकार मेने हार मान कर माता जी को टैक्सी में बैठा कर घर भेज दिया व खुद स्कूटी को धकेलना शुरू किया. अभी महज कुछ कदम ही धकेला था मैंने स्कूटी को की पीछे से इंस्पेक्टर साहब अपनी बाइक पर आए व मेरी समस्या को जाना .जब मैंने अपनी समस्या बताई तो उन्होंने मुझे कहा कि आप अपनी स्कूटी पर बैठिए में अपनी बाइक के फ़ोर्स से पीछे से आपकी स्कूटी को धकेलता हु . मैने सामान्य शिष्टाचार दिखाते हुए मना कर दिया तो उन्होंने गर्मी का हवाला देते हुए कहा कि आप कहा तक व कब तक इसको धकेलेंगे ,अतः आपसे निवेदन है कि आप अपनी स्कूटी पर बैठ जाइए में पिछेसे धकेलता हु .उनके इस विनम्रता पूर्वक निवेदन को में मना नही कर पाया व जैसा उन्होंने कहा वैसे मैने किया व महज 5 मिनट में में अपने गंतव्य स्थान पर पहुँच गया . और फिर साइड में स्कूटी लगा कर जब में उनको धन्यवाद कहने के लिए मुड़ा तो क्या देखता हूं कि वो बिना धन्यवाद लिए ही आगे अपने गंतव्य की तरफ बढ़ चुके है . मैने दिल से उनको मन ही मन धन्यवाद दिया व घर के अंदर चला गया . उस दिन में अपने घर के अंदर तो चला गया था पर मेरे मन के भीतर जो पुलिस वालों की छवि बनी हुई थी वो बाहर आ गयी . क्योकि पुलिस वाले भी आखिरकार इंसान होते है व उनके भी अपने अरमान होते है . पर उनकी ये नोकरी ही ऐसी होते है जो किसी के भी साथ उनको दोस्ताना रवैया नही रखने देती है . कड़ी धूप में , बारिश में , सर्दी में हर मौसम में अपना घर , परिवार छोड़ कर कार्य करते है :- क्योकि ये पुलिस वाले होते है जनाब.