shabd-logo

1प्रेम की तरंगें

19 दिसम्बर 2021

68 बार देखा गया 68
        प्रेम की तरंगें

प्रेम की तरंगें होती हैं विशिष्ट
 रेडियो प्रसारण सी
पर उससे थोड़ी भिन्न,
एक एकदम अलग फ्रीक्वेंसी की,
इसीलिए इसे
आम रेडियो प्रसारण की तरह
सब डीकोड नहीं कर सकते,
और यह पहुँचती है
इसे डीकोड कर पाने वाले
दुनिया के शायद
किसी एक के पास ही,
और शायद केवल वही
महसूस कर पाता है
इन अदृश्य तरंगों को,
और भेज पाता है
फीडबैक इसी तरह।
सचमुच
ये दो लोगों से बनी
एक अलग ही दुनिया होती है
और मीलों दूर से भी 
वे दोनों एक हो जाते हैं
और पहुँच जाते हैं,
अनुभूति के एक ही स्तर पर,
राधा और कृष्ण जैसे।
ये तरंगें समय के परे भी
यात्रा करती हैं
और पहुँच जाती हैं
मीरा तक।

-योगेन्द्र(कॉपीराइट रचना)



मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

मन के भावो को बहुत सुंदर तरीके से लिखा है आपने सर 👌 आप मेरी कहानी पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

26 नवम्बर 2023

6
रचनाएँ
प्रेम की तरंगें
5.0
प्रेम पर कविताओं का संग्रह

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए