shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

यशस्विनी:देह से आत्मा तक

Dr. Yogendra Kumar Pandey

18 अध्याय
1 व्यक्ति ने लाइब्रेरी में जोड़ा
37 पाठक
29 अक्टूबर 2023 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

लेखक की कलम से….✍️      हमारे समाज में प्रेम को लेकर अनेक वर्जनाएं हैं। कुछ मनुष्य शारीरिक आकर्षण और दैहिक प्रेम को ही प्रेम मानते हैं,तो कुछ हृदय और आत्मा में इसकी अनुभूति और इससे प्राप्त होने वाली दिव्यता को प्रेम मानते हैं।कुछ लोग देह से यात्रा शुरू कर आत्मा तक पहुंचते हैं।      प्रेम मनुष्य के जीवन का एक ऐसा अनूठा एहसास है,जिससे अंतस् में एक साथ हजारों पुष्प खिल उठते हैं।यह लघु उपन्यास "यशस्विनी:देह से आत्मा तक" अपने जीवन में समाज के लिए कुछ कर गुजरने की अभिलाषा से अनुप्राणित यशस्विनी नामक युवती की गाथा है।उसमें सौंदर्य और बुद्धि का मणिकांचन मेल है। वह प्रगतिशील है।उसमें प्रतिभा है,भावना है,संवेदना है,प्रेम है।उसे हर कदम पर अपने धर्मपिता और उनके साथ-साथ एक युवक रोहित का पूरा सहयोग मिलता है।दोनों के रिश्तों में एक अजीब खिंचाव है, आकर्षण है और मर्यादा है….और कभी इस मर्यादा की अग्नि परीक्षा भी होती है।क्या आत्मा तक का यह सफर केवल देह से गुजरता है या फिर प्रेम, संवेदनाएं और दूसरों के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाली भावना का ही इसमें महत्व है….इस 21वीं सदी में भी स्त्रियों की स्थिति घर से बाहर अत्यंत सतर्कता, सुरक्षा और सावधानी बरतने वाली ही बनी हुई है।यह व्यक्तिगत प्रेम और अपने कर्तव्य के बीच संतुलन रखते हुए जीवन पथ पर आने वाले संघर्षों के सामने हथियार नहीं डालने और आगे बढ़ते रहने की भी कहानी है।          समाज की विभिन्न समस्याओं और मानवता के सामने आने वाले बड़े संकटों के समाधान में अपनी प्रभावी भूमिका निभाने का प्रयत्न करने वाले इन युवाओं के अपने सपने हैं,अपनी उम्मीदें हैं।इन युवाओं के पास संवेदनाओं से रहित पाषाण भूमि में भी प्रेम के पुष्पों को खिलाने और सारी दुनिया में उस एहसास को बिखेरने के लिए अपनी भावभूमि है।प्रेम की इस गाथा में मीठी नोकझोंक है,तो कभी आंसुओं के बीच जीवन की मुस्कुराहट है। कभी देह और सच्चे प्रेम के बीच का अंतर्द्वंद है,तो आइए आप भी सहयात्री बनिए, यशस्विनी और रोहित के इस अनूठे सफर में..... और आगे क्या - क्या होता है,और कौन-कौन से नए पात्र हैं..... यह जानने के लिए इस लघु उपन्यास "यशस्विनी: देह से आत्मा तक" के प्रकाशित होने वाले भागों को कृपया अवश्य पढ़ते रहिए …. ✍️🙏 (आवरण चित्र freepik .com से साभार) डॉ. योगेंद्र पांडेय 

yashsvini deh se aatma tak

0.0(0)

पुस्तक के भाग

1

1: दुः स्वप्न

28 मई 2023
12
2
3

उपन्यास:यशस्विनी:देह से आत्मा तक भाग 1: दु:स्वप्न&

2

2. स्मृति

4 जून 2023
6
1
1

भाग 2.स्मृति &

3

3.मेरे अपने

10 जून 2023
2
0
0

भाग 3.मेरे अपने (5)यशस्विनी पढ़ने लिखने में तेज थी। अनाथालय में रहने के दौरान वह अनाथाल

4

4. आहट

11 जून 2023
1
0
0

भाग 4 आ (8)यशस्विनी की नींद रोज की तरह प्रातः 5:00 बजे ही खुल गई। यह

5

5.महा आनंद

18 जून 2023
1
0
0

भाग 5 देह से आत्मा तक (10) &nbs

6

6.विचलन

25 जून 2023
1
0
0

भाग 6:विचलन(देह से आत्मा तक) (12) &nbs

7

7.देने का सुख

2 जुलाई 2023
1
0
0

(15) पिछले कई दिन

8

8: इसके सिवा जाना कहां

9 जुलाई 2023
1
0
0

8: इसके सिवा जाना कहां (18) आज 12 जनवरी है। स्वामी विवेकानंद जी के जन्मदिन को पूरे देश के लोग युवा दिवस के रुप में मनाते हैं और इस अवसर पर सूर्य नमस्कार का सामूहिक अभ्यास

9

9: अंधेरे में एक किरण

1 अगस्त 2023
1
0
0

: अंधेरे में एक किरण (19) आखिर जिसका डर था,वही ह

10

10: वो अनछुई सी छुअन  

6 अगस्त 2023
1
0
0

10: वो अनछुई सी छुअन &

11

11 साधना

20 अगस्त 2023
2
0
0

11 साधना (23) योगसत्र का समापन दिवस आते-आते यशस्विनी ने सभी साधकों को ध्यान

12

12:चक्रों के पार

28 अगस्त 2023
2
1
1

12:चक्रों के पार (26)

13

13 : तैयार हैं हम   

3 सितम्बर 2023
1
1
1

13 : तैयार हैं हम (29) योग शिविर का

14

 14: जिऊंगी अपनी ज़िंदगी

9 सितम्बर 2023
0
0
0

14: जिऊंगी अपनी ज़िंदगी (32) यह योग ध्यान और मार्शल आर्ट का 15 दिवसीय

15

15: डर के जीना क्यूं नियति

17 सितम्बर 2023
1
0
0

15: डर के जीना क्यूं नियति (38) यशस्विनी ने मीरा को आगे समझते ह

16

16: एक अज्ञात भय  

24 सितम्बर 2023
1
1
1

16: एक अज्ञात भय (43) &n

17

17: संघर्ष का दौर  

1 अक्टूबर 2023
0
0
0

17: संघर्ष का दौर (50) यशस्विनी भी छूट की अवधि पूरी होने से पहले ही घर लौट गई।वह इतने सारे मास्क श्री कृ

18

18: देह से परे

8 अक्टूबर 2023
0
0
0

18: देह से परे &nbsp

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए