बालश्रम, बच्चों से स्कूल जाने का अधिकार छीन लेता है और पीढ़ी दर पीढ़ी गरीबी के चक्रव्यूह से बाहर नहीं निकलने देता।2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, भारत में बाल मजदूरों की संख्या 1.01 करोड़ है
गतांक से आगे:-चंचला की सांस उपर की उपर और नीचे की नीचे रह गयी जब उसने राजसी पोशाक में एक अधेड़ उम्र की औरत को अपने सामने खड़े पाया।उसने मन ही मन अनुमान लगाया कि हो ना हो ये राजकुमार सूरज की माता जी है
कितने काम बच्चे करते हैं देखो घर के कामो में बच्चो का योगदान देखो। छोटे छोटे काम आसानी से कर लेते हैं । पास के दुकान से जरुरत की चीज चाय,शक्कर या मसाला ले आता है। पडौस के घर संदेश भी दे आता है।ये