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मानवीय पूँजी

hindi articles, stories and books related to Manviy pooji


🌷 🙏   संस्कार   🙏 🌷 चुप रहकर जिनको देखता , जी भर के उसे तकता हूं , तन जिससे ढ़का है उसकी , आव भाव को टटोलता हूं । चलचित्र के हमस्वरुप , आचरण स्पष्ट हो जाता है , मनोभावनाए लेस म

👃👃🌷🌷 मां कि आहे 🌷 🌷👃👃 तु आन बान मेरी शान हैं , जी जान से पाला है तुझको, जीवन मृत्यु की परवाह नहीं कि, मां बनने कि थी गर्व मुझको । रात जगी गिले में सोई , तुझे सुलाने में थी खोई, रात बिति पता न

महाराणा प्रताप... गिरा जहाँ पर खून वहाँ का पत्थर-पत्थर जिंदा है, गिरा जहाँ पर खून वहाँ का पत्थर-पत्थर जिंदा है, जिस्म नहीं है मगर नाम का अक्षर-अक्षर जिंदा है, जिस्म नहीं है मगर नाम का अक

रानी दुर्गावती का जन्म 5 अक्टूबर सन 1524 को महोबा में हुआ था. दुर्गावती के पिता महोबा के राजा थे. रानी दुर्गावती सुन्दर, सुशील, विनम्र, योग्य एवं साहसी लड़की थी. महारानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीर्त

🌷🌷🌷 जननी गर्व कर लें 🌷🌷🌷🌷मिट्टी कहती हैं लिख दे अमिट नाम कोई ,गगन कहता है बन जा तु महान कोई ,पवन कहता है कर लो पूरूषार्थ कोई ,जला लो ज्ञान का दीप राह में भटके ना कोई।खिल सकता है दामन में तेरे ग

मेरी पहली पढ़ी पुस्तक,हिन्दी भाषा से शुरुआत हुई।समझ कुछ नहीं आता था,अक्षर ज्ञान कराया जाता था।।कापी पेंसिल स्लेट पर,लाइनें खींचा करते थे।अ आ इ ई उ ऊ ए ऐ,अक्षरों का संबोधन कराते थे।।बारम्बार लिख लिख के

🐜बरसात का मौसम था, एक नन्ही ही चींटी न जाने कहां से जमीन पर चलती दिखी। इधर-उधर अकेली दौड़ती न जाने क्या ढूंढ रही थी। षायद अन्य चीटिंयों की उस पंक्ति से बिछड़ गई थी। जो सीधे कतारबद्ध अपने पूरे साजो-सा

मृत्यु :         आखिरकार शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महारणा प्रताप 19 जनवरी 1597 को चावंड में स्वर्ग सिधार गये...

घोड़ा चेतक :         महाराणा प्रताप की वीरता के साथ साथ उनके घोड़े चेतक की वीरता भी विश्व विख्यात है| चेतक बहुत ही समझदार और वीर घोड़ा था जिसने अपनी जान दांव पर लगाकर 26 फुट गहरे दरिया से कूदकर महाराणा

हल्दीघाटी का युद्ध :         हल्दीघाटी का युद्ध भारत के इतिहास की एक मुख्य कड़ी है। यह युद्ध 18 जून 1576 को लगभग 4 घंटों के लिए हुआ जिसमे मेवाड और मुगलों में घमासान युद्ध हुआ था। महाराणा प्रताप की सेन

आरंभिक जीवन : महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जैवन्ताबाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जा

लालच के घोर अंधेरे में,संतोष का राज नहीं होता।जो धन के मद में अंधे हो, शांति का माहौल नहीं होता।।जो पाकर धन को फूल गए,हर रिश्ते नाते को भूल गए।जीवन के सद्गुण मौन हुए,जो अवगुण के फंदे झूल गए।।जो वक्त क

जीवन एक संघर्ष ही है,कभी हंसना कभी रोना।जीवन अनमोल है भाई,हर पल हर क्षण जीना।।जीवन एक संघर्ष ही है,कभी दुःख कभी सुख।संघर्षरत इस अभियान में,नित नए आयाम गुजरने में।।जीवन एक संघर्ष ही है,परिजनों के साथ स

महाराणा प्रताप की जीवनी :- नाम : महाराणा प्रताप जन्म : 9 मे, 1540 कुम्भलगढ़ दुर्ग पिता : राणा उदय सिंह माता : महाराणी जयवंता कँवर घोड़ा : चेतक महाराणा प्रताप सिंह ( ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया रविवार वि

17/9/2022प्रिय डायरी,                  आज का शीर्षक है नारीवाद,      नारीवाद अवधारणा का आरंभ इस विश्वास के साथ होता है कि स्त्रियां पुर

नारी तू ही नारायणी,मां, जननी, जगदम्बा।नारी से होता संसार,नारी की महिमा अपार।।नारी होती है स्वयं शक्ति,होते हैं इसके विभिन्न रूप।जरूरत खुद पहचानने की,होते हैं क्या इसके स्वरूप।।नारी दुर्गा नारी ही शक्त

मेरे अंदर का लेखक,विचारों का करता मंथन।उमड़ घुमड़ शब्दों से जुड़े,शब्दों को फिर देता मंचन।।मेरे अंदर का लेखक,शब्दों में व्यक्त करता।विचारों से प्रेरित होकर,मन मस्तिष्क में विचरता।।मेरे अंदर का लेखक,का

बिना खड्ग बिना ढाल का काला सच...  11 सितम्बर 1857 आज का ही दिन था जब.... बिठूर में एक पेड़ से बंधी 13 वर्ष की लड़की को, ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ  कर जलती वो लड़की, उफ़ तक न बोली

प्यारी डायरी..       सखी, आज तुमसे कुछ अनमोल विचारों को साझा करने की इच्छा हैं। जिसमें से एक हैं, मानवीय पूंजी। मनुष्य की मानवीय पूंजी हीं दुनिया की सबसे बड़ी पूंजी हैं। बाकी सब नश

डियर दिलरुबा दिनांक -15/9/22 समय-रात-9:15 प्यारी दिलरुबा आज तुम से मिलने आने में थोड़ा समय लग गया,,, क्या करूं अभी भी जल्दी आ गई समय तो मुझे 11:00 बजे के बाद ही मिलता है ख़ैर यह तो रोज़ का रोना है,,,,

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