🌷🌷🌷 जननी गर्व कर लें 🌷🌷🌷🌷
मिट्टी कहती हैं लिख दे अमिट नाम कोई ,
गगन कहता है बन जा तु महान कोई ,
पवन कहता है कर लो पूरूषार्थ कोई ,
जला लो ज्ञान का दीप राह में भटके ना कोई।
खिल सकता है दामन में तेरे गुलाब कोई ,
तुझे पाकर के गर्व कर सकता हर एक कोई ,
टटोल लें अपने मनोकुंज के कोने कोने में ,
तेरे नियत में क्या खोट है कोई ।
निर्मलता ला मन में अपनों में गुमराह है कोई,
सुन्दर सुझाव चाहिए उसे तलाश है कोई ,
तुझे जरूरत है अपनों को बात है कोई ,
ऐसा कुछ भी नहीं जिसे तलाशता ना कोई,
महान है हर एक प्राणी न जानता है कोई ,
इसे जानें और पहचानें ऐसा विरले है कोई,
मानवता पुकार रही सुनता है विरले कोई ,
अपनों को योग्य बना लुं स्मर्ण करता है कोई।
अपनी सोच को बदल सकता है हर एक कोई,
स्वयं सम्हला औरों को सम्हाला है विरले कोई,
जननी गर्व कर लें कभी भी वंश ऐसा है कोई,
सिमटकर अंग लगा लें वो पुण्यात्मा है कोई ।।
आर्य मनोज , पश्चिम बंगाल - ०७.१०.२०२२.