पिछले अध्यायों में हमने जाना कि दिशा ने अपने रेस्टॉरेंट - कैफे की शुरुआत कैसे की और साथ ही हमने दिशा की ज़िन्दगी के पिछले पन्नों के बारे में जाना। फिर हमने दिशा के ही रेस्टॉरेंट में ही काम करने वाली अन
अब तक हमने पढ़ा कि किस तरह दिशा जर्नलिस्ट से रेस्टॉरेंट की ओनर होने का सफर तय करती है | दिशा का रेस्टॉरेंट द कैफे ही दिशा की ज़िन्दगी बन जाता है | आपको अनोखी याद है ? वो प्यारी सी लड़की जो कहानी की शुरुआ
करवाचौथ सुनो ना, सीमा ने प्यार से पति रवि के कंधे पर सिर रखते हुए कहा... "करवाचौथ मे सिर्फ तीन दिन रह गए है । क्या उपहार चाहिए तुम्हें । "रवि ने सीमा की बात बीच मे काटते हुए तल्खी भरी आवाज म
कैफे जो दिशा की ज़िन्दगी बन चूका है उसकी शुरुआत भी इतनी आसान नहीं थी | दिशा किसी ज़माने में पत्रकार यानि जर्नलिस्ट हुआ करती थी पर उसे अपना जॉब बहुत बोरिंग लगता था | एक दिन हिम्मत जुटा कर दिशा ने अ
दिल्ली शहर के एक शानदार अपार्टमेंट है-आइडियल होम्स, इस अपार्टमेंट में करीब 500-600 परिवार रहते हैं। आइडियल होम्स के बाईं तरफ एक प्यारा-सा रेस्टोरेंट है जिसका नाम है - द कैफे । सुबह के 6: 00 बजे
मीराबाई की जीवनी... पायो जी मैंने नाम रतन धन पायो।बस्तु अमोलक दी म्हारे सतगुरु, किरपा कर अपनायो।जनम जनम की पूंजी पाई, जग में सभी खोवायो।खरचै नहिं कोई चोर न लेवै, दिन-दिन बढ़त सवायो।सत की नाव खेवहि
एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी. उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद उस आदमी ने औरत से पूछा कि आप मुझे
नारीवाद यह धारणा है कि सभी मानव जाति अपने लिंग की परवाह किए बिना समान हैं। नारीवाद महिलाओं का उत्थान करने का एक रास्ता है ताकि पुरुषों और महिलाओं के साथ समान व्यवहार किया जा सके। यह पुरुषों को नीचा दि
20/9/2022प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है नारी शक्ति का दुरुपयोग,नारी उस वृक्ष की भांति है जो विषम परिस्थितियों में भी तटस्थ रहते हुए राहगीरों क
प्यारी डायरी.. सखी, आज नारीवाद की बात कहें, तो इसकी हमारे देश में बहुत आवश्यकता हैं। क्योंकि नारी, जिसे इस संसार में शक्ति का दूसरा रूप समझा जाता हैं, वह सदैव हीं आदरणीय और प
जीवन एक संघर्ष ही है,कभी हंसना कभी रोना।जीवन अनमोल है भाई,हर पल हर क्षण जीना।।जीवन एक संघर्ष ही है,कभी दुःख कभी सुख।संघर्षरत इस अभियान में,नित नए आयाम गुजरने में।।जीवन एक संघर्ष ही है,परिजनों के साथ स
डियर दिलरुबा दिनांक-17/9/2222 दिन-शनिवार समय-रात 11:5 डियर दिलरुबा,, कल तो मैं तुमसे मिलने का टाइम ही नहीं निकाल पाई,, कहीं तुम नाराज़ तो नहीं,, चलो कोई बात नहीं हक़ है तुम्हारा,,,,,,। 😊हक़ से या
हर जगह नारीवाद का नारा है यह देश हमारा है यहां होती है हर नारी की पूजा उसके बिना ना हमारा कोई और दूजा सब जगह इन्ही का बोलबोला है यहां हर मर्द इन्ही का रखवाला है जातिवाद ने जब किया इन पर अपना प्रहार तो
भारत जैसे देश में जहां पत्थर भी पूजे जाते है | उस देश में वीरांगनाओं की भूमिका कितनी अव्वल रही है | इस बात से कोई भी अनजान नही है | "नारी दुर्गा का रुप है |" " जिस प्रकार नो महीन एक शिशु को गर्भ
तेरी ज़रूरत है दुनिया का अस्तित्व रखने को।तेरे हर रूप की महिमा दुनिया की शोभा बढ़ाने को।।तूने संग सदा निभाया है उपवन को सदा सजाया है।तू है फूल एक खिलता तूने मधु सदा लुटाया है।।ममता प्रेम की मूरत तेरी
सुधीर जी उस बीच दिन रात चिंता में डूबे रहते थे । अपने पति को इतना परेशान देखकर जया जी उन्हें हिम्मत देती और खुद एकांत में जाकर रोती थी । राधिका भी अपने मां - पिताजी को इतना परेशान देखकर
स्त्रियों का सम्मान करो तुम ...मत उनका अपमान करो तुम ...हक है उनका जीने का ...उनको हक से जीने दो ...करने दो उनको खुद पर गर्व ...ना दो उन्हें तुम कभी कोई दर्द ...वो करना चाहती है गर कुछ तो ...उनको वो
नारी है वो नारीहै वो ताड़न की अधिकारीदो परिवारो को एक करने वालीटूटे विश्वास को जोड़ने वालीखुले मन से हँसने वालीअपनी इच्छा को मारने वालीआँसू को छूपाने वालीदर्द में भी मुस्कुराने वालीकर्तव्य से अपने मूँ
डियर काव्यांक्षी कैसी हो प्यारी🥰मैं तो मजे में हुं।आज विषय मिला नारीवाद , काव्यांक्षी नारीवादी विचारधारा मुख्य रूप से स्त्री-पुरुष
प्रिय सखी।कैसी हो ।हम अच्छे है और मजे से है ।आजकल देहली शोप पर नही जा रही हूं ।कल बैंक का काम था सोई उसे निपटाते हुए बारह यही बज गये ।फिर देहली गये ही नही। कुछ दिनों से फरीदाबाद में मौसम खराब ही चल रह