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आज की कहानी - १

2 मई 2022

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एक व्यक्ति भगवान का परम भक्त था। वह परमात्मा को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था। एक दिन भगवान से कहने लगा कि मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं हुई । मैं चाहता हूँ कि आप भले ही मुझे दर्शन ना दे पर ऐसा कुछ कीजिये की मुझे ये अनुभव हो की आप हो। भगवान ने कहा ठीक है, तुम रोज सुबह समुद्र के किनारे सैर पर जाते हो, जब तुम रेत पर चलोगे तो तुम्हे दो पैरो की जगह चार पैर दिखाई देंगे। दो तुम्हारे पैर होंगे और दो पैरो के निशान मेरे होंगे । इस तरह तुम्हे मेरी अनुभूति होगी । अगले दिन वह सैर पर गया,  जब वह रेत पर चलने लगा तो उसे अपने पैरों के साथ-साथ दो पैर और भी दिखाई दिये । यह देख कर वह बड़ा खुश हुआ । अब रोज ऐसा होने लगा।एक बार उसे व्यापार में घाटा हुआ और उसका सब कुछ चला गया, वह रोड़ पर आ गया। उसके अपनो ने उसका साथ छोड दिया।कहते हैं कि दुनिया का यही दस्तूर है, मुसीबत में सब साथ छोड़ देते है । अब वह सैर पर गया तो उसे चार पैरों की जगह दो पैर दिखाई दिये । उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि बुरे वक्त में भगवान ने भी साथ छोड दिया। धीरे-धीरे सब कुछ ठीक होने लगा और फिर सब लोग उसके पास वापस आने लगे। इस प्रकार अच्छा वक्त आने पर एक दिन जब वह सैर पर गया तो उसने देखा कि चार पैर वापस दिखाई देने लगे। उससे अब रहा नही गया, वह भगवान से बोला- भगवान जब मेरा बुरा वक्त था तो सब ने मेरा साथ छोड़ दिया था पर मुझे इस बात का गम नहीं था क्योकि इस दुनिया में ऐसा ही होता है, पर आप ने भी उस समय मेरा साथ छोड़ दिया था, ऐसा क्यों किया? भगवान ने कहा – तुमने ये कैसे सोच लिया कि मैं तुम्हारा साथ छोड़ दूँगा, तुम्हारे बुरे वक्त में जो रेत पर तुमने दो पैर के निशान देखे वे तुम्हारे पैरों के नहीं मेरे पैरों के थे, उस समय में तुम्हे अपनी गोद में उठाकर चलता था और आज जब तुम्हारा बुरा वक्त खत्म हो गया तो मैंने तुम्हे नीचे उतार दिया है ।इसलिए तुम्हे फिर से चार पैर दिखाई दे रहे। इस कहानी को पढ़ने के बाद ---

1. जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं।

2. जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं।

3. परमात्मा का धन्यवाद कि हम स्वस्थ है , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

4. परमात्मा का धन्यवाद कि हम जिन्दा है क्योंकि मरते हुए लोगों से पूछो कि जिंदगी की कीमत क्या होती है?

Monika Garg

Monika Garg

बहुत सुंदर रचना। आप मेरी भी रचना पढ़कर समीक्षा दें https://shabd.in/books/10080388

3 मई 2022

आचार्य अर्जुन तिवारी

आचार्य अर्जुन तिवारी

11 जुलाई 2022

आभार आपका आपकी रचनायें अवश्य पढ़ूँगा

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रचनाएँ
प्रेरक कहानियाँ
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हमारे जीवन में अनेक ऐसी घटनायें होती हैं जिनका अर्थ हम नहीं निकाल पाते ! यह जीवन हमें परमात्मा ने दिया है ! वह परमात्मा हमको कभी भी अकेला नहीं छोड़ता , ईश्वर की अनुभूति हमें कैसी होती है यह हमारी मानसिकता पर निर्भर करता है
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आज की कहानी - १

2 मई 2022
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एक व्यक्ति भगवान का परम भक्त था। वह परमात्मा को बहुत मानता था, बड़े प्रेम और भाव से उनकी सेवा किया करता था। एक दिन भगवान से कहने लगा कि मैं आपकी इतनी भक्ति करता हूँ पर आज तक मुझे आपकी अनुभूति नहीं ह

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आज की कहानी - २

3 मई 2022
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*एक घुड़सवार कहीं दूर जा रहा था। बहुत देर से पानी न मिलने से उसका घोड़ा प्यास से बेहाल था। तभी उसे एक खेत में रहट चलता दिखाई दिया।* *वह घोड़े को रहट के पास ले आया, ताकि घोड़ा पानी पी सके। पर वह रहट

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आज की कहानी - ३

5 मई 2022
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बड़ा कौन ? एक शर्मा जी थे जो एक कपड़े की बहुत बड़ी फैक्ट्री के मालिक थे। कुछ दिनों बाद शर्मा जी को प्रभु से लौ लग गयी। उनके जीवन में ऐसा कुछ घटा कि उन्होंने अपनी फैक्ट्री और सारा कारोबार बंद कर दिया औ

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आज की कहानी - ४

6 मई 2022
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एक सेठ जी थे उनका नाम था रूपचंद !  रूपचंद की पत्नी को मरे काफी दिन हो गया था ! रूपचंद का एक पुत्र भी था जिसका नाम था महेश कुमार ! पिता पुत्र दोनों एक साथ व्यापार करते थे ! पिता की दुकान पर ही पुत्र का

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आज की कहानी - ५ (पाँच)

7 मई 2022
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एक आदमी एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बेहद ईमानदारी और लगन से अपना काम करता था। उसके काम से सेठ बहुत प्रसन्न था और सेठ द्वारा मिलने वाली तनख्वाह से उस आदमी का गुज़ारा आराम से हो जाता था। ऐसे

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भक्ति और विश्वास

7 नवम्बर 2022
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. भक्ति और विश्वास.एक गांव में एक बुजुर्ग महिला रहती थी। वो बहुत ही सरल (भोली) थी।.जो जैसा कह देता था मान जाती थी। घर

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