गोमिया संवाददाता
गोमिया: झारखण्ड प्रदेश के बोकारो जिला स्थित गोमिया प्रखंड के अति उग्रवाद प्रभावित झुमरा पहाड़ से सटे नावाडीह, रोला, मुरपा, अम्बाटांड, मुकचुम्बा, बलथरवा, सिमराबेडा, सुवरकटवा आदि ग्राम में आजादी के 70 वर्ष गुजर जाने के बावजूद अब तक सड़क से वंचित है. ग्रामीण बताते है कि हमलोगों को इलाज कराने व गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित प्रसव कराने के लिए खटिया आदि में लादकर मांडू प्रखंड के केदला आदि क्षेत्रों में ले जाना पड़ता है. नावाडीह के घनश्याम महतो ने बताया कि जहाँ सरकार एक ओंर झुमरा और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास हेतु झुमरा एक्शन प्लान के तहत योजनायें बना रही है वही हकीकत उससे परे है यहाँ विकास का कोई कार्य नही किया जा रहा है. नावाडीह के लोगों को पिने का स्वच्छ पानी तक का आभाव है. एक किलोमीटर कि दुरी तय करके 60 फिट चुवां से पानी ले जाना पड़ता है. ग्रामीणों ने यह भी बताया कि सड़क के आभाव के कारन यहाँ बच्चे उच्च शिक्षा नही प्राप्त कर पाते है. वहीं ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि इस क्षेत्र में बसने वालों के पास खतियानी रैयती जमीन नही है जिससे यहाँ बच्चों को पढने के लिए जाति, आवासीय, आय इत्यादि प्रमाण पत्र नही बन पाते है. हमारे पास गैरमजरुआ जमीं का बंदोबस्ती कागजात है परन्तु विगत कई वर्षों से रसीद नही काटा जा रहा है. स्वास्थ्य सुविधा का भी बुरा हाल है. वार्ड सदस्य परन महतो से जब विकास कार्यों के बारे में पूछ गया तो उन्होंने भी विकास कार्य को लेकर प्रशासनिक रवैये पर अनभिज्ञता जाहिर की.
विशाल कुमार
गोमिया बोकारो