जी हाँ कहना गलत नहीं होगा कि
प्रशासनिक अधिकारियों ने ले रखी है "सेहत वाली दो घूंट" शायद
इसीलिए केबल ऑपरेटरों को मिली सेट-टाप-बॉक्स में “लूट की छुट“
प्रभावित इलाकों में खास गोमिया बस्ती, आईईएल, खम्हरा, ससबेडा, बैंक मोड़, लटकुट्टा, हजारी, खुदगड्डा, वनबी, नया व पुराना माइंस, गंझूडीह, महावीर स्थान, हजारीमोड़ शामिल।
केंद्र सरकार की केबल को डिजिटलाइजेशन करने की नई नीति झारखण्ड के बोकारो जिले के गोमिया प्रखंड के लोगों के लिए सरदर्द बनती जा रही है। टेलीविजन देखने के लिए टैक्स चोरी रोकने और डिजिटल प्रसारण के लिए अनिवार्य किए गए सेट टॉप बॉक्स के नाम पर गोमिया और इसके आस पास के क्षेत्रों में खुली लूट मची हुई है। रांची और बोकारो जैसे शहरों में 750 से 1000 रुपये में सेट टॉप बॉक्स लगाए जा रहे हैं, वहीं गोमिया में पंद्रह सौ रुपये तक की लूट मची हैं। इससे उपभोक्ता परेशान हैं।
मनमाने रेट पर लगा रहे सेट टॉप बॉक्स
कुछ उपभोक्ताओं का कहना है कि मनमाने रेट वसूलने के बाद भी केबल मनचाहे चैनल उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। बताते चलें की ट्राई के नियमों के अनुसार सेटटॉप बाक्स लगाना अनिवार्य है। अफसरों के अनुसार यह उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद और सस्ता भी है। ट्राई का कहना है उपभोक्ताओं को किसी के बहकावे में नहीं आना चाहिए और अपने ऑपरेटर से शीघ्र सेटटॉप बाक्स लगाने की मांग करनी चाहिए। ट्राई के नियमों को तार तार कर ऑपरेटर सेटटॉप बाक्स लगाने में पैसे के मामले में आनाकानी करते है और अगर कुछ कबिल आपरेटरों की हम बात करें तो वे उपभोक्ताओं से बेखौफ सेट टॉप बॉक्स के 1500 से 1800 रुपये वसूलने में लगे है नहीं लगाने पर चाहे मोबाइल बंद कर रखे हैं या उपभोक्ताओं के नबर को ब्लैक लिस्टेड कर दिए है.
विशाल कुमार
गोमिया (बोकारो)