________विशाल कुमार
9 सितम्बर 2016
________विशाल कुमार
6 फ़ॉलोअर्स
यदि आप जाति प्रथा से सचमुच आहत हैं, तो सबसे पहले खुद से बदलाव लाना शुरू कीजिये। कर दीजिये घोषणा, कि आप दलित नही हैं और आजीवन आरक्षण नही लेंगे...D
हम भी सरकारी स्कूल में पढ़े है पर जब देखता हूँ कि किसी भी भर्ती में किसी को आरक्षण दिया जाता है 500 फी के जगह उनसे 150 लिया जाना तब तकलीफ होती है. खैर ठीक ही तो है यही आरक्षण का मांग बॉर्डर में क्यों नही किया जाता की अनुसूचित जाती/अनुसूचित जनजाति को सबसे आगे (बॉर्डर वायर के पास), ओबीसी उनसे पीछे, सामान्य वर्ग सबसे पीछे हो तब क्या हो जाता है उन जातिवादी कीड़ो को.
5 जनवरी 2017
गया आरक्षण अनुसूचित जाति /अनुसूचित जनजाति /पिछड़ा वर्ग को सदियों से सामाजिक पिछड़ेपन के आधार से दिया गया है और हमसब सरकारी स्कूल मेंपढ़े है सभी लोग सरकारी स्कूल में पढ़ेउसके बाद देखें परिणाम सर धन्यवाद
5 जनवरी 2017