विकास की आस जोह रहा झुमरा पहाड़.
गोमिया संवाददाता
गोमिया: झारखण्ड राज्य के बोकारो जिला स्थित गोमिया प्रखंड के अतिउग्रवाद प्रभावित खास झुमरा पहाड़ पर बसी सुवरकटवा बस्ती के लोग आज भी विकास की आस जोह रहे है. बदलते ज़माने के साथ सरकारें भी बदलती रही. पर नही बदली तो झुमरा पहाड़ में रह रहे लोगो की किस्मत. झारखण्ड में तीव्र गति से बदलती सरकारों ने वायदे किये झुमरा को भय मुक्त बनाने के झुमरा में बिजली की कमी नही होगी. झुमरा में शिक्षा की कमी नही होगी. झुमरा के लोगों को स्वच्छ पेय जल का लाभ मिलेगा. झुमरा के ग्रामीण पथों को मुख्य पथ से जोड़ा जायेगा. इसके लिए राज्य सरकारों के साथ जिला प्रशासन ने भी विकास पर बल दिया. परन्तु विकास की सारी योजनायें केंचुए की रेंगती गति से चल रही है. झुमरा पहाड़ पर बसी सुवरकटवा ग्राम के लोग अब भी प्रशासनिक उपेक्षा का दंश झेलते हुए वनवासियों की जन्दगी जीने को विवश है. बताते है की झुमरा पहाड़ के सुवरकटवा में रह रहे लोगों को वैसे तो दूर दराज के क्षेत्रों में जाकर राशन एवं अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुएं लानी पड़ती ही है. बच्चों को प्रतिदिन स्कूल साफ़ सुथरा कर भेजने के लिए भी उनकी माँ उन बच्चों के बाल भी स्वयं कैंची से काटती है और बच्चों को स्कूल भेजती है. जब मैंने उनसे पूछा की क्या वजह है की आप अपने बच्चों के बाल स्वयं काटती है तो बताते है की वैसे तो पहाड़ी के तलहट्टी में बसे गांवो पर नाई है पर झुमरा अति उग्रवाद प्रभावित होने के कारण यह आने की हिम्मत कोई नही करता और झुमरा पहाड़ की तलहट्टी इतनी दूर है की हमलोगों का जाना सम्भव नही है. उनलोगों से जब पूछा की आप सबों का बैंक पासबुक खुल गया है तो उन्होंने बड़े सीधे लहजे में कहा बाबू हम लोगों को बैंक जाने के लिए सुबह पांच बजे घर से निकलना पड़ता है और रास्ता ख़राब होने कारण चतरोचट्टी आकर गाडी पकड़ना पड़ता है तब 10 बजे गोमिया पहुचते है. और वो भी संयोग ही होता है की खाता खुल जाए नही तो लिंक फेल की शिकायत मिलती है और हम लोगों को मायूस होकर उलटे पाँव वापस घर लौट जाना पड़ता है. बाबू भाड़ा भी खर्चा होता है और काम भी नही होता है. और रोज रोज उतना दूर जाना सम्भव नही है. अति उग्रवाद प्रभावित होने के कारण सुवरकटवा के ग्रामीण इतने डरे सहमे रहते है की जब मैंने पूछा की आपका नाम क्या है. तो वे बड़े ध्यान से थोड़ी देर तक मेरे तरफ देखते रहे. और हाथ जोड़ बिनती करने लगे की हमिन्न के नाम नाय दिया गो... हाथ जोड़ोयो.
विशाल कुमार
गोमिया, बोकारो