गोमिया: पाकिस्तान द्वारा हमारे देश के शहीदों के साथ की गयी बर्बरता के बिरोध में गोमिया के सैकड़ों व्यवसाईयों, समाजसेवियों, बुद्धिजीवियों द्वारा पाकिस्तान का झण्डा और नवाज़ शरीफ का पुतला फूंका गया, सर्वप्रथम उक्त सभी देशभक्तों द्वारा नेहरु विद्यालय स्वांग के फुटबाल मैदान से शहीदों की शहादत पर उनकी आत्मा की चीर शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर कैंडल मार्च निकला गया. उसके बाद कार्यकर्ताओं ने नवाज शरीफ पुतले को जूते मारते हुए गोमिया मोड़ पहुंचे, सभी बुद्धिजीवी वर्ग इस दौरान पाकिस्तान मुर्दाबाद और नवाज शरीफ हाय हाय के नारे लगा रहे थे,
तत्पश्चात मार्च के नेतृत्वकर्ता व्यवसायी महेश स्वर्णकार ने संबोधन में कहा कि पाकिस्तान हमारे सैनिकों के सर काट के ले जाता है हमारे लिए सबसे शर्म की बात है। किसी चौकी पर जा कर सैनिकों के सर काट लाना वास्तव में दुखद है पाकिस्तान कश्मीर में लम्बे समय से छद्म युद्ध लड़ रहा है और अब वो अपना दायरा भी विस्तार कर रहा है। लोग पाकिस्तान पर हमला करने की बात करते हैं जब कि युद्ध शुरू हो चुका है। देश इस वक्त बाहरी और भीतरी दोनों तरह के दुश्मनों से घिरा हुआ है। हम अपने देश के लिए खड़े हैं अपने सैनिकों के नाहक जान गंवाने से रोकने के साथ यह भी जरूरी है कि हम दुश्मन के हाथ का हथियार न बनें। हम विरोध करेंगे, प्रदर्शन भी करेंगे किन्तु यह जताने के लिए कि हम अपनी सेना के साथ खड़े हैं क्योंकि ये देश सरकारों और पार्टियों का नहीं है ये देश हम सब भारत वासियों का है और इसको जैसा हमारे पुरखों ने हमें सौंपा है अगर उस से बेहतर नहीं तो कम से कम उससे बदतर तो हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को नही सौपेंगे। मुझे बहुत दुःख के साथ कहना पड़ रहा है कि हमारे देश के जवान जिंदा रहने पर तो मानवाधिकार, पत्थरबाजों, नेताओं द्वारा अपमानित किये ही जाते है और मरने के बाद उनके शव को भी अपमानित किया जाता है। एक हमारी सरकार है, जो कड़ी निन्दा करते नही थकती।
पुतला दहन में व्यवसायी शम्भू श्रीवास्तव, अरबिंद साव, मनोज रवानी, डॉ. निर्मलचंद बराल, शिशु ठाकुर, शिवेन्द्र कुमार, रंजीत अग्रवाल, विशाल कुमार, अरविन्द पाण्डेय, शुभम पाण्डेय, अरविन्द राज, दीपक पासवान, राज स्वर्णकार, उमेश ठाकुर, नन्दन कुमार, आकाश कुमार, सुजीत अग्रवाल, सहित सैकड़ों बुद्धिजीवी, समाजसेवी और छात्र शामिल थे.
विशाल कुमार
गोमिया, बोकारो