नहीं चाहने पर भी, लेख मैं थोड़े–बहुत लिखता ही रहता हूँ, यद्यपि कविताओं की तरह सभी लेखों पर मेरी ममता नहीं रहती। तब भी जो लेख मुझे या उन लोगों को पसन्द आ जाते हैं, जिनके साथ मैं साहित्य पर विचार–विनिमय