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लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

18 अक्टूबर 2021

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पल भर में जीवन महकायें
पल भर में संसार जलायें
कभी धूप हैं, कभी छाँव हैं
बर्फ कभी अँगार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

बचपन के जाते ही इनकी
गँध बसे तन-मन में
एक कहानी लिख जाती हैं
ये सबके जीवन में
बचपन की ये विदा-निशानी
यौवन का उपहार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

इनके निर्णय बड़े अजब हैं
बड़ी अजब हैं बातें
दिन की कीमत पर,
गिरवी रख लेती हैं ये रातें
हँसते-गाते कर जाती हैं
आँसू का व्यापार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

जाने कैसे, कब कर बैठें
जान-बूझकर भूलें
किसे प्यास से व्याकुल कर दें
किसे अधर से छू लें
किसका जीवन मरूथल कर दें
किसका मस्त बहार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

इसकी खातिर भूखी-प्यासी
देहें रात भर जागें
उसकी पूजा को ठुकरायें
छाया से भी भागें
इसके सम्मुख छुई-मुई हैं
उसको हैं तलवार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

राजा के सपने मन में हैं
और फकीरें संग हैं
जीवन औरों के हाथों में
खिंची लकीरों संग हैं
सपनों-सी जगमग-जगमग हैं
किस्मत-सी लाचार
लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

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