shabd-logo

अख़बार बना कर क्या पाया?

18 अक्टूबर 2021

310 बार देखा गया 310
मेरे लहज़े में जी-हुज़ूर न था
इससे ज़्यादा मेरा कसूर न था ‘
प्रतिमाओं में पूजा उलझी
विधियों में उलझा भक्ति योग
सच्चे मन से षड्यंत्र रचे
झूठे मन से सच के प्रयोग
जो प्रश्नों से ढह जाए वो
किरदार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया
तुम निकले थे लेने स्वराज
सूरज की सुर्ख़ गवाही में
पर आज स्वयं टिमाटिमा रहे
जुगनू की नौकरशाही में
सब साथ लड़े, सब उत्सुक थे
तुमको आसन तक लाने में
कुछ सफल हुए निर्वीय तुम्हें
यह राजनीति समझाने में !
इन आत्मप्रवंचित बौनों का
दरबार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया
हम शब्द-वंश के हरकारे
सच कहना अपनी परम्परा
हम उस कबीर की पीढ़ी
जो बाबर-अकबर से नहीं डरा
पूजा का दीप नहीं डरता
इन षड्यंत्री आभाओं से
वाणी का मोल नहीं चुकता
अनुदानित राज्य सभाओं से.
जिसके विरुद्ध था युद्ध उसे
हथियार बना कर क्या पाया?
जो शिलालेख बनता उसको
अख़बार बना कर क्या पाया?

कुमार विश्वास की अन्य किताबें

निःशुल्कबेस्ट ऑफ़ कुमार विश्वास - shabd.in

बेस्ट ऑफ़ कुमार विश्वास

अभी पढ़ें
शब्द mic

अन्य प्रेम - रोमांस की किताबें

निःशुल्कतूं चाही,मैं रीता - shabd.in
ओंकार नाथ त्रिपाठी

तूं चाही,मैं रीता

अभी पढ़ें
निःशुल्कबंधन अनचाहा सा - shabd.in
Pragya "परी"

बंधन अनचाहा सा

अभी पढ़ें
निःशुल्कदेह से आत्मा तक - shabd.in
Dr. Yogendra Kumar Pandey

देह से आत्मा तक

अभी पढ़ें
निःशुल्कअल्फ़ाज़... - shabd.in
Ivan Maximus

अल्फ़ाज़...

अभी पढ़ें
निःशुल्कइश्क - shabd.in
Neeraj Agarwal
निःशुल्कएडवेंचर लव  - shabd.in
ROHIT CHAUDHARY

एडवेंचर लव

अभी पढ़ें
निःशुल्कSagar se gehra Ishq piyaji - shabd.in
Anjali

Sagar se gehra Ishq piyaji

अभी पढ़ें
निःशुल्कMilan - shabd.in
Nikki Singh
निःशुल्कAisa.pyar - shabd.in
Pintu
निःशुल्क❤️❤️प्यार का एहसास खूबसूरत सा....😍 - shabd.in
𝑺𝒉𝒊𝒌𝒉𝒂 𝑪𝒉𝒂𝒖𝒅𝒉𝒂𝒓𝒚

❤️❤️प्यार का एहसास खूबसूरत सा....😍

अभी पढ़ें
Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’

Motivational Stories by Jaya Sharma ‘प्रियंवदा’

सादर नमस्कार बहुत सार्थक और सशक्त लिखा है आपने

19 अक्टूबर 2021

brajmohan

brajmohan

बहुत बहुत सुन्दर रचना,,, मन को झकझोर दिया आप ने,,, बधाइयाँ.

19 अक्टूबर 2021

हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि और लेखक कुमार विश्वास के सभी लोकप्रिय कविताएं और लेखों का यहां आपको संग्रह मिलेगा.
1

हंगामा- कुमार विश्वास

14 अक्टूबर 2021

12
8
1

हंगामा- कुमार विश्वास

14 अक्टूबर 2021
12
8
2

कोई दीवाना कहता है - कुमार विश्वास

14 अक्टूबर 2021

7
6
2

कोई दीवाना कहता है - कुमार विश्वास

14 अक्टूबर 2021
7
6
3

उस पगली लड़की के बिन

14 अक्टूबर 2021

6
1
3

उस पगली लड़की के बिन

14 अक्टूबर 2021
6
1
4

होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरँगा हो

14 अक्टूबर 2021

7
4
4

होंठों पर गंगा हो हाथों में तिरँगा हो

14 अक्टूबर 2021
7
4
5

कितने एकाकी हैं प्यार कर तुम्हें

14 अक्टूबर 2021

4
1
5

कितने एकाकी हैं प्यार कर तुम्हें

14 अक्टूबर 2021
4
1
6

मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक

14 अक्टूबर 2021

7
1
6

मैं तुम्हें ढूंढने स्वर्ग के द्वार तक

14 अक्टूबर 2021
7
1
7

कभी तुम सुन नहीं पायी, कभी मैं कह नहीं पाया

14 अक्टूबर 2021

4
1
7

कभी तुम सुन नहीं पायी, कभी मैं कह नहीं पाया

14 अक्टूबर 2021
4
1
8

मेरे लफ्जे में मरते थे वो कहते है कि अब मत बोलो

18 अक्टूबर 2021

4
0
8

मेरे लफ्जे में मरते थे वो कहते है कि अब मत बोलो

18 अक्टूबर 2021
4
0
9

स्वयं से दूर हो तुम भी स्वयं से दूर हैं हम भी

18 अक्टूबर 2021

5
0
9

स्वयं से दूर हो तुम भी स्वयं से दूर हैं हम भी

18 अक्टूबर 2021
5
0
10

क्या समर्पित करूँ

18 अक्टूबर 2021

3
0
10

क्या समर्पित करूँ

18 अक्टूबर 2021
3
0
11

मांग की सिंदूर रेखा

18 अक्टूबर 2021

2
0
11

मांग की सिंदूर रेखा

18 अक्टूबर 2021
2
0
12

मधुयामिनी

18 अक्टूबर 2021

1
0
12

मधुयामिनी

18 अक्टूबर 2021
1
0
13

ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं

18 अक्टूबर 2021

1
0
13

ये वही पुरानी राहें हैं, ये दिन भी वही पुराने हैं

18 अक्टूबर 2021
1
0
14

लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

18 अक्टूबर 2021

1
0
14

लड़कियाँ जैसे पहला प्यार.....

18 अक्टूबर 2021
1
0
15

होली

18 अक्टूबर 2021

1
0
15

होली

18 अक्टूबर 2021
1
0
16

ओ मेरे पहले प्यार

18 अक्टूबर 2021

0
0
16

ओ मेरे पहले प्यार

18 अक्टूबर 2021
0
0
17

इतनी रंग बिरंगी दुनिया

18 अक्टूबर 2021

0
0
17

इतनी रंग बिरंगी दुनिया

18 अक्टूबर 2021
0
0
18

मद्यँतिका

18 अक्टूबर 2021

0
0
18

मद्यँतिका

18 अक्टूबर 2021
0
0
19

रंग दुनिया ने दिखाया

18 अक्टूबर 2021

0
0
19

रंग दुनिया ने दिखाया

18 अक्टूबर 2021
0
0
20

तुम्हारी याद का क्या है उसे तो रोज़ आना है

18 अक्टूबर 2021

2
1
20

तुम्हारी याद का क्या है उसे तो रोज़ आना है

18 अक्टूबर 2021
2
1
21

फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

18 अक्टूबर 2021

4
0
21

फ़क़त उस आदमी से ये ज़माना कम नहीं होता।

18 अक्टूबर 2021
4
0
22

मुझे तो हर घड़ी हर पल बहारों ने सताया है।

18 अक्टूबर 2021

3
1
22

मुझे तो हर घड़ी हर पल बहारों ने सताया है।

18 अक्टूबर 2021
3
1
23

अख़बार बना कर क्या पाया?

18 अक्टूबर 2021

5
2
23

अख़बार बना कर क्या पाया?

18 अक्टूबर 2021
5
2
---