पीयूष मिश्रा जब मंच पर होते हैं तो वहाँ उनके अलावा सिर्फ़ उनका आवेग दिखता है। जिन लोगों ने उन्हें मंडी हाउस में एकल करते देखा है, वे ऊर्जा के उस वलय को आज भी उसी तरह गतिमान देख पाते होंगे। अपने गीत, अपने संगीत, अपनी देह और अपनी कला में आकंठ एकमेक एक
मैं जब इस किताब को लिखने, अपनी पूरी नासमझी के साथ कश्मीर पहुँचा तो मुझे वहाँ सिर्फ़ सूखा पथरीला मैदान नज़र आया। जहाँ किसी भी तरह का लेखन संभव नहीं था। पर उन ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते हुए मैंने जिस भी पत्थर को पलटाया उसके नीचे मुझे जीवन दिखा, नमी और
बूढ़ा आदमी और समुद्र' उपन्यास एक बूढ़े गरीब मछुआरे के जीवन-संघर्ष की कहानी है। मछली पकडऩे जाना, मछली पकडऩे की कोशिश करना, उस कोशिश में कामयाब होना, फिर इस सफलता को अंजाम तक लाने की जद्दोजहद का नाम है 'बूढ़ा आदमी और समुद्र'। एक मछुआरे के जीवन-संघर्ष क
मेरी माँ के बाईस कमरे' कश्मीर के दिल से निकली वह कहानी है, जिसमें इस्लामी उग्रवाद के कारण लाखों कश्मीरी पंडितों के उत्पीडऩ, हत्याओं और पलायन का दर्द छुपा है। यह एक ऐसी आपबीती है, जिसमें एक पूरा समुदाय बेघरबार होकर अपने ही देश में निर्वासितों का जीवन
एक माँ-बेटी के रिश्ते की सुंदरता को कैद करते हुए, दिव्या दत्ता ने इस चलती-फिरती संस्मरण में अपनी माँ के जीवन के उत्साह का जश्न मनाया जिसने उन्हें वह महिला बना दिया जो वह आज हैं। दिव्या हमें अपने जीवन की सबसे अंतरंग यादों से रूबरू कराती हैं, जिन्होंने
कनॉट प्लेस से मेरा पहला साक्षात्कार संभवतः 1970 के आसपास हुआ था। मतलब मुझे तब से इसकी यादें हैं। इसके आसपास दशकों तक रहना, पढ़ना, नौकरी करना, घूमना, फ़िल्में देखना वग़ैरह जिंदगी का हिस्सा रहा। यह सिलसिला बदस्तूर जारी है। जब तक जिंदगी है, तब तक कनॉट प
हिंदी में प्रसिद्ध और लोकप्रिय कथाकारों की कहानियों के विभिन्न संचयन होते रहे हैं। 'मैं और मेरी कहानियाँ' इस तरह के संचयनों में विशिष्ट प्रयोग है क्योंकि यहाँ हिंदी के शीर्ष कथाकार असग़र वजाहत के परामर्श से युवा पीढ़ी के प्रमुख कथाकार ने अपनी कहानियों
‘औघड़’ भारतीय ग्रामीण जीवन और परिवेश की जटिलता पर लिखा गया उपन्यास है जिसमें अपने समय के भारतीय ग्रामीण-कस्बाई समाज और राजनीति की गहरी पड़ताल की गई है। एक युवा लेखक द्वारा इसमें उन पहलुओं पर बहुत बेबाकी से कलम चलाया गया है जिन पर पिछले दशक के लेखन में
समय के चालाक और कुटिल हेर-फेर के बाद बनारस के घोर-घनघोर जीवन को एक ऐसे किस्सागो की जरूरत थी, जो वक्त के साथ उतनी ही बेहयाई और बेरहमी से पेश आने की कुव्वत रखता हो। विमल चन्द्र पाण्डेय इस जरूरत को पूरा करते हैं। उनकी कहानी ‘जिन्दादिल’ का सिर्फ एक वाक्य
बनारस के एक छोटे से मोहल्ले में बड़ा होता एक लड़का घर के माहौल से ऊब कर संतों की संगति में बैठने लगता है और दुनिया देखने का उसका नज़रिया बदलने लगता है। वो बड़ा होकर लेखक बनना चाहता है और इस सपने को जीते हुए वह बचपन की दोस्तियों और जवानी के प्यार से रूबरू
मैंने और अधिक उत्साह से बोलना शुरू किया, ‘‘भाईसाहब, मैं या मेरे जैसे इस क्षेत्र के पच्चीस-तीस हजार लोग लामचंद से प्रेम करते हैं, उनकी लालबत्ती से नहीं।’’ मेरी बात सुनकर उनके चेहरे पर एक विवशता भरी मुसकराहट आई, वे बहुत धीमे स्वर में बोले, ‘‘प्लेलना (प
लेकिन इंदिरा गांधी ही क्यों? आजाद भारत में इंदिरा गांधी वंशवाद का सबसे बड़ा और पहला उदाहरण हैं। वंशवाद का एक ऐसा उत्पाद, जिसको लौह महिला भी कहा जाता है और दूसरी तरफ आपातकाल थोपने के लिए हर साल उनकी तानाशाही को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। एक तरफ
प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता आशुतोष राना की यह पुस्तक मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के जीवन-दर्शन पर आधारित है। उन्होंने अपनी विशिष्ट लेखन शैली में उन प्रसंगों की व्याख्या की है जो आमजन के मस्तिष्क में उमड़ते-घुमड़ते रहे हैं। पुस्तक इतनी रोचक है कि एक बार पढ़ना
वैशाली की नगरवधू, वयं रक्षामः और सोमनाथ जैसे सुप्रसिद्ध उपन्यासों के लेखक आचार्य चतुरसेन के इस उपन्यास की पृष्ठभूमि बारहवीं ईस्वी सदी का बिहार है जब बौद्ध धर्म कुरीतियों के कारण पतन की ओर तेज़ी से बढ़ रहा था। कहानी है बौद्ध भिक्षु दिवोदास की, जो धर्म
यह कहानी है तिलिसमपूर की इतराँ की, जिसके बदन में चिट्ठियाँ बहती थीं। उसकी ज़िंदगी में अद्भुत शहर हैं, दिलकश लोग हैं, और इतनी मुहब्बत है जो जन्म-पार, कई आयामों तक उसका हाथ थामे चलती है। इतराँ को लगता है कि इश्क़ वो निर्णायक बिंदु है जिससे तय होता है क
हॉकी सम्राट्’ और ‘हॉकी के जादूगर’ जैसे विशेष्णों से विभूष्त मेजर ध्यानचंद का नाम किसी के लिए भी अपरिचित नहीं है। बचपन में उनमें एक खिलाड़ी के कोई क नहीं थे, इसलिए कह सकते हैं कि उनमें के खेल की प्रतिभा जन्म जात नहीं थी।उन्होंने अपनी सतत साधना, लगन, अ
Satya Ki Vijay Rajiv Gandhi Ki Hatya Read more
Chhote se gaaw ki kahani janha do kirdar ak hi sath padhte hai. Ishq hota hai.dono ak dusre se bepanaah mohabbat karte hai. Ladki aage jati hai .UPSC crack kar leti hai.ladka insecurity aur sab mansik chinatan ,wo kaha kiske sath hogi.isi me uljha ho
रावण मनुष्यों में विशालतम बनने, विजयी होने, लूटपाट करने, और उस महानता को हासिल करने के लिए दृढ़संकल्प है जिसे वह अपना अधिकार मानता है। वह विरोधाभासों, नृशंस हिंसा और अथाह ज्ञान से भरपूर व्यक्ति है। ऐसा व्यक्ति जो प्रतिदान की आशा के बिना प्रेम करता है
अयोध्या का मतलब है, जिसे शत्रु जीत न सके। युद्ध का अर्थ हम सभी जानते हैं। योध्य का मतलब, जिससे युद्ध किया जा सके। मनुष्य उसी से युद्ध करता है, जिससे जीतने की संभावना रहती है। यानी अयोध्या के मायने हैं, जिसे जीता न जा सके। पर अयोध्या के इस मायने को बद