18 नवम्बर 2021
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साहित्य के वृहत सागर में एक ओस की बूंद, जिसके सपने बहुत बड़े हैं और पंख छोटे। छोटे पंखों के साथ अपना आसमान खोज रही हूँ। प्रकाशित पुस्तकें: - अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद - 'राम वही जो सिया मन भाये' D
हमेशा सच्चाई वह नहीं होती, जो हम सोचते हैं। लेकिन हम जो सोचते हैं, प्रकृति हमे वह देने की कोशिश जरूर करती हैं।समान स्वभाव की तरंगे एक दूसरे को आकर्षित करती हैं। इसलिए जब हम कुछ बुरा या नकारात्मक सोच रहे होते हैं तो वायुमण्डल में हमारे मन की तरंगें उसी तरह की नकारात्मक तरंगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं और नेगेटिव एनर्जी हमें चारो तरफ से घेर लेती है। सच है
9 दिसम्बर 2021
अच्छी कहानी है। मग़र संस्मरण ज्यादा लगता है। ऐसे लगता है कि लेखिका की आत्मकथा है।
1 दिसम्बर 2021