28 अक्टूबर 2021
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साहित्य के वृहत सागर में एक ओस की बूंद, जिसके सपने बहुत बड़े हैं और पंख छोटे। छोटे पंखों के साथ अपना आसमान खोज रही हूँ। प्रकाशित पुस्तकें: - अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद - 'राम वही जो सिया मन भाये' D
कहानी खींची गयी है ऐसा प्रतीत हो रहा
28 दिसम्बर 2021
ऐसा लगा की कहानी कथानक से भटक रही है
25 नवम्बर 2021
हमारे यहां लगन पांच या सात दिन पहले लिखी जाती है और फिर ये लड़के वालों के यहा पहुंचा दी जाती है। सबके अलग रिवाज हैं। 😊 सच है छूट तो बहुत कुछ जाता है। 😊 😊
23 नवम्बर 2021
इतनी भावप्रवण कविता लिखी आपने, भावुक कर दिया
10 नवम्बर 2021
आज पार्ट पढ़कर लगा कि सच किसी शादी वाले घर में आ गई हूं 😊😊😊 अंत में पूरा इमोशनल कर दिया अपने। बहुत सुंदर लिखा 🙏🙏
29 अक्टूबर 2021
आभार प्रज्ञा जी। यह नोवल के अंदर नावेल था। असली कहानी अगले एपिसोड से शुरू होगी, जरूर पढ़ें🙏
वाह बहुत ही भावुक कर देने वाली कविता है - छूट तो बहुत कुछ जायेगा
29 अक्टूबर 2021
भावुक कर देने वाली प्यारी कविता
29 अक्टूबर 2021