16 नवम्बर 2021
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साहित्य के वृहत सागर में एक ओस की बूंद, जिसके सपने बहुत बड़े हैं और पंख छोटे। छोटे पंखों के साथ अपना आसमान खोज रही हूँ। प्रकाशित पुस्तकें: - अभिव्यक्ति या अंतर्द्वंद - 'राम वही जो सिया मन भाये' D
9 दिसम्बर 2021
बढिया 👌 👌
1 दिसम्बर 2021
राम हूँ बिन सीता का, बिन गौरा, शिव अवतार हूँ। मैं तैयार हूँ, मैं प्यार हूँ, पर किस्मत से नाराज हूँ।।
29 नवम्बर 2021