उसका अंर्तमन न जाने कहां-कहां कुलांचे भरता था हिरन सा, ऐसे में वे पल उसके सामने थे कि जब दीपावली के बाद भाईजी व भाभीजी जनदर्शन के लिये झरोखे में आ कर बैठते थे। उस झरोखे को बनाया ही इस प्रकार गया था कि वे दोनों दूर तक नजर आते थे। उन दोनों के बैठने के
ऐसे शख्स की कहानी जिस पर विश्वासघात का झूठा इल्जाम लगता है और उसकी जिन्दगी कौन कौन से मोड़ लेती है?
Suspense thriller funny action and dirty jokes से भरी हुई कहानियां आप इस किताब के माध्यम से पढ़ सकते है ।
इस किताब में चार दोस्तों की कहानी के बारे में बताया गया है ये चारों दोस्त एक जासूसी टीम की तरह काम करते हैं और पुलिस की मदद करते हैं । इस किताब से आप जानेंगे कि जासूस किस प्रकार से काम करता है और जासूसों जीवन किस प्रकार का होता है । अमन – (यह
मेरे बचपन के दोस्त पराशर जो उक्त घटना के शिकार हुए ।जो खेल डॉक्टरों ने नामी-गिरामी अस्पताल मैं उनके साथ खेला। उनके परिवार के साथ दरपेश आए ।वह मेरा दोस्त ही नहीं था। बड़ा भाई था ।जिगर का टुकड़ा था। और उस इंसान के साथ अस्पताल के डॉक्टरों ने, डॉक्टरों
इसमें हम साइबर क्राइम के बारे में जागरूक करना चाहते है
One night last night 🌃 विधि राघव के प्यार को चार साल से ज्यादा हो गए थे, विधि का राघव के लिए प्यार और गहरा होता जा रहा था । विधि अपनी हर खुशी को राघव में ही ढूंढने लगी थी हर काम में लगन लगने लगी थी , क्योंकि प्यार हद पार करने लगा था । विधि राघव स
एक बहन ही एक बहन की दूनिया में आराम से आग लगा सकती है, जब वह स्वार्थ और वासना के आग में जल रही हो। इस कहानी के माध्यम से लेखक यही बतलाने की कोशिश किया है कि किस प्रकार एक बहन, दूसरी बहन को जिन्दगी तबाह कर देती है।
All rights reserved to ©Shruti saw. साजिश या आत्मा... किसका है ये खेल? क्या है इस हवेली का राज़?
ये कहानी है एक ऐसे लड़के " अरनव वेदी " की । जो बचपन से ही बहुत सीधा सा लड़का था । अरनव पढ़ाई में बहुत होशियार और हेंडसम भी बहुत था। उसके भाई - बहन उसे बहुत प्यार करते थे । लेकिन उसकी भाभी वरनाली ; अरनव का अपने घर में रहना , बिलकुल पसंद नही करती थी ।
साइको किलर मेरे द्वारा लिखी गई एक ऐसी कहानी है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर किसने इतने सारे व्यक्तियों को मारा है । इस किताब में आपको हिला देने वाली ऐसी कहानी मिलेगी जिसको आप एक बार शुरू कर दें तो आप उसको पूरी अवश्य करेंगे । पाठकों की रुचि
"हर रोज़ वही। यह नहीं कि कभी कुछ और बना दिया करे। पर करें क्या जो भी है खाना पड़ेगा।"
वो मासूम बच्ची ठिठुरती ठंड मे लाश से लिपटकर कब्रिस्तान मे सो जाती है क्योकि लाश ना हिलती है ना ठुलती है ना ही करवट ही बदलती है बस सुकून की नींद मिलती है लाश की गोद मे ।खामोश लाश पे खामोश नींद मे गुम हो जाती है वो मासूम बच्ची, क्योकि उसका बाप लाश ठोन
एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री जिसने पुलिस को नाको चने चबा दिए।
इस किताब में मैंने ये बताने की कोशिश की है कि जिंदगी कभी भी बदल सकती है। हम जो सोचते हैं वैसा होता नहीं। हमें अपने ख्वाबों को छोड़कर अपनो के खातिर इंसाफ पाने के खातिर खुद को पूरी तरह से भूल कर कुछ और ही बन जाना पड़ता है। मैंने अपनी इस पुस्तक की कहानी
देवकर के एक किसान कृष्णा साहू को अपनी लड़की की शादी मे होने वाले खर्च के इंतजाम के लिये अपना एक एकड खेत बेचना था । जिसके लिये गांव में ही खरीदार मिल गया था। अब वह पटवारी कामता से रजिस्टरी हेतु कागज़ात तैयार करने हेतु निवेदन करने गया तो पटावारी उससे क
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दिव्य एक लड़के को मार पिट करते देख कर चिढ़ जाति है उसके बाद गुंडा उसके साथ कुछ ऐसा करता है कि वह सोच नही पाती
अपराध की और कैसे की खींच जाता है या इस रचना में पूरी तरह बताया गया है कृपया पढे़ और इसकी खामियां बताएं