जैसे चांद की दोस्ती रात से सुबह तक,
जैसे सूरज की दोस्ती सुबह से शाम तक,
वैसे ही ऐ दोस्तों हमारी-तुम्हारी दोस्ती,
पहली मुलाकात से आखरी सांस तक।
बेशक थोड़े कम मिले मुझे,
पर दुनिया के सबसे हसीन दोस्त मिले मुझे,
तम्मन्ना नहीं है मुझे जन्नत की अब,
तुम्हारी दोस्ती में वो प्यार मिला जब।
दोस्ती कोई गणित नहीं,
जिसका हिसाब रखा जाए,
ना ही दोस्ती विज्ञान है,
जिसपर शोध किया जाए।
दोस्ती तो वो नगमा है,
जो समझ में ना भी आए,
तो भी हर वक़्त उसे
गुनगुनाया जा सके।
दोस्ती एक प्यारा सा दिल है,
जो कभी नफ़रत नहीं करता,
दोस्ती एक प्यारी सी मुस्कान है,
जो कभी भी फीकी नहीं पड़ती,
दोस्ती वो एहसास है,
जो कभी दुख नहीं देता,
दोस्ती वो रिश्ता है,
जो कभी भी खत्म नहीं होता।।
🙏
आस्था सिंघल