वो मेरी सबसे प्यारी सहेली है,
पर हरदम लगती एक पहेली है।
मेरी आंखों के आंसुओं को पोंछ
मुझे मेरे होने का एहसास दिलाती है।
मेरे कमज़ोर हाथों को थाम
मेरा साथ हर वक़्त निभाती है।
मेरे दर्द भरे होंठ
उसे देखते ही खिल उठते हैं।
मैं जहां भी चली जाऊं
साया बन मेरे साथ चलती है।
मेरे जीवन की हर खुशी उस से है
मेरे जीने का मकसद ही वो है।
वो है तो मैं हूं
वो नहीं तो मैं कुछ भी नहीं हूं
वो मेरे हर ग़म का इलाज है
उसके बिना मेरा मर्ज़ लाइलाज है।
जीवन की हर खुशी मिले उसे
रब से यही दुआ है मेरी।
वो मेरे जीवन की अनमोल धरोहर है
वो मेरी छोटी सी बिटिया है।।
🙏
आस्था सिंघल
स्वरचित