सफलता का मंत्र
सफलता होती क्या है? और इंसान की ज़िंदगी में कितनी अहमियत रखती है। सफलता और असफलता के बीच क्या अंतर है?
सखी, एक गरीब जब अपने घर रात को दो वक़्त की रोटी के लिए पैसे नहीं ला पाता, वह उसके लिए सबसे बड़ी असफलता होती है।
वहीं दूसरी तरफ एक अमीर बिज़नेस मैन जब एक ही दिन में करोड़ों का नुकसान कर बैठता है तो उसके लिए यह सबसे बड़ी असफलता होती है।
दोनों ही सूरतों में हाथ असफलता ही लगी। पर अगले दिन वह गरीब इंसान फिर से उठता है और एक नये जोश के साथ घर से बाहर कदम रखता है और प्रण करता है कि आज वह अपने परिवार के लिए दो वक़्त की रोटी कमा कर लाएगा।
वहीं दूसरी तरफ वह अमीर बिज़नेस मैन भी अपने आलीशान दफ्तर में इस जोश के साथ कदम रखता है कि आज वह कल के नुकसान की भरपाई करेगा।
इन दोनों का दोबारा उठना और उठ कर नये जोश और नयी उम्मीद से फिर से कोशिश करना ही उनकी सबसे बड़ी सफलता है।
हम दरअसल असफल तब होते हैं जब हम अपने कदमों को रोक देते हैं। मंज़िल की तरफ बढ़ता हर कदम सफलता है। और घबरा कर, डर कर या हालात के सामने घुटने टेक कर बैठ जाना असफलता है।
सफलता और असफलता के बीच एक कदम का ही फासला है।
बस इन कदमों को रुकने नहीं देना।
जीवन में चाहे हम एक दिन में पचास रुपए कमाएं या पचास लाख कमाएं, ज़रुरी यह नहीं है। ज़रुरी है कि उसे कमाने में हमने प्रयास किए। और प्रयास करने को ही सफलता कहते हैं।
एक चींटी ना जाने कितनी बार दीवार पर चढ़ते हुए गिरती है पर फिर भी वह थक कर चढ़ना नहीं छोड़ती। एक छोटा-सा बच्चा जब चलना सीखता है तो वह कितनी बार गिरता है पर फिर हंसते हुए उठता है और फिर कोशिश करता है।
तो सफलता का अर्थ शीर्ष पर पहुंचकर बैठना नहीं है, सफलता का अर्थ है लगातार प्रयास व कोशिश करते रहना।
ज़िंदगी में जो कोशिश करेगा वही सफल होगा, हाथ पर हाथ धर कर बैठने से मंज़िल प्राप्त नहीं हो सकती।
सखी, हमें भी निरंतर कोशिश करते रहनी चाहिए। अच्छी से अच्छी रचनाएं लिखने की, लेख लिखने की, और अपनी सबसे बड़ी कमज़ोरी, कविताएं लिखने की। मैं कोशिश करूंगी कि अनोखे विषयों पर कविताएं लिखना आरंभ करुं क्योंकि इस क्षेत्र में हाथ ज़रा कम चलता है।
चलो सखी, समय आ गया, दोपहर तक जुदा होने का। फोन जा रहा है बच्चों के पास ऑनलाइन क्लास के लिए।
शाम को मिलती हूं। तब तक तुम भी सफलता और असफलता के विषय पर मंथन करो।
🙏
आस्था सिंघल