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मन रूपी पंछी

17 नवम्बर 2021

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मन रूपी पंछी 🕊️

बहुत दिनों से मन का पंछी🕊️ खुले आसमान में विचरण करने के लिए तड़प रहा था।तो आज सोचा इस मन रूपी पंछी को उड़ान भरने का मौका दे ही दूं 🕊️🕊️🕊️ देखते हैं यह उड़ते-उड़ते कहां तक जाता है🤗🤗 और वैसे भी हमारी धरती से अच्छी तो आसमान की दुनिया है।

तो हमारा मन रूपी पंछी निकल पड़ा 🕊️🕊️ उड़ान भरने। वाह! क्या नज़ारा था 🤗 सूरज देवता उग रहे थे 🌄 नदियां 🏞️ तालाब 🗻पहाड़ ⛰️सब बहुत सुंदर दिखाई दे रहे थे। तभी हमारी नज़र एक छोटी सी चिड़िया पर पड़ी 🐥 बेचारी बहुत हैरान परेशान उड़ रही थी। मेरे पूछने पर बोली अपने बच्चों के लिए धरती पर खाना ढूंढ रही हूं 🍈🍏🍐 अरे! तो वो देखो कितने फल लगे हैं। ले जाओ उनके लिए, मेरे पंछी ने कहा। तो वो तपाक से बोली  ," क्यों बहन हमारे बच्चों का मन नहीं करता पिज़्ज़ा🍕 बर्गर 🥙फ्रैंच फ्राइज़ 🍟खाने का। अब बच्चों की फरमाइश तो पूरी करनी पड़ेगी। आज समझ आया कि बच्चे चाहे अपने हों👶 या पक्षी के🐥 इनकी डिमांड नहीं खत्म होती।

खैर सरकार, हमारी सवारी स्वतंत्र आसमान में फिर उड़ने लगी 🕊️ कि अचानक तोतों🦜🦜 का एक झुंड शोर मचाते हुए इधर-उधर उड़ रहा था। पूछने पर पता चला कि कौओं का झुंड 🦆🦆🦆उनके पीछे पड़ा है क्योंकि वो उनके इलाके में उड़ने चले गए थे। लो जी, धरती तो इलाकों में बंटी हुई थी आसमान भी इससे अछूता नहीं रहा🙂🙂🙂 हमने भी अपनी जान बचाकर दूर उड़ना मुनासिब समझा 🕊️🕊️

उड़ते-उड़ते थक कर एक जगह आराम करने की सोची। क्या दृश्य था वहां का!! नज़र घुमा कर देखी तो बहुत से जोड़े 🐦🐦इधर-उधर घूम रहे थे। अरे वाह! लव-शव 💞💕यहां भी होता है। कितने प्यारे लग रहे हैं सब🤗🤗तभी उन सब में एक हड़कंप मच गया। सब वहां से भागने लगे। पूछने पर पता चला कि गिद्ध🦅🦅 आ रहे हैं। वो यहां के सिंघम हैं.. किसी को नहीं बैठने देते। तो यहां भी धरती की तरह ताकतवर की ही चलती है🤔🤔

मेरे पंछी ने एक पक्षी और उसके परिवार को रोते हुए देखा😰😰 ये क्या! पक्षी भी रोते हैं भला। पूछा तो मालूम पड़ा कि ताकतवर पक्षी उसका खाना🍈🍏🍐 छीन कर भाग गए। ये लूट-खसोट तो आसमान में भी जारी है। 

मन का पंछी 🕊️ व्याकुल हो उठा और वापस धरती पर आने के लिए फ्लाइट भर ली कि तभी बहुत से छोटे बड़े पक्षी हा-हा कार करते हुए आसमान में उड़ने लगे🦜🐦🦆 सब चिल्ला रहे थे भागो अपनी जान प्यारी है तो भागो। ये क्या हो गया!!🤔🤔 आसमान में भी पक्षियों की जान सुरक्षित नहीं है...हे भगवान! देख👁️👁️ रहे हो ना... मेरे पंछी ने ये बोला तो एक पक्षी बोला ओ! भाई! भगवान को क्या याद कर रहे हो... उन्हीं की वजह से तो भाग रहे हैं🙄🙄🙄

हैं!! क्यों भला....😳😳 अरे! एक उड़ता हुआ आग का गोला🌠🌠 जिसे तुम उल्का पिंड कहते हो वो शायद धरती से टकराने वाला है...अब ये तो भगवान की ही दी एक आपदा है ना....भागो...लो भाई 🤔 नेचुरल डिजास्टर यहां भी होती है

जान बचा कर मेरा मन रूपी पंछी 🕊️ वापस अपने रैन-बसेरे अर्थात धरती पर आ गया। उफ्फ!! ये खुला आसमान भी सुरक्षित नहीं है। अब ये मन रूपी पंछी जाए तो जाए कहां... सोचिएगा ज़रूर🤔🤔🤔🤔

🙏

आस्था सिंघल




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