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बहु ही क्यों बेटी क्यों नहीं?

26 जुलाई 2019

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शादी के पुरे तीन साल बाद भी शोभा हमेशा ही अपनी सासु माँ के ताने, और जली कटी बातों का शिकार होती रही है, सास भी बस हर वक़्त मौके की तलाश में रहती है अगर बहु की कोई ग़लती ना मिले तो उसका अपने रूम में रहना भी उन्हें खटकने लगता है, आज भी सारा काम काज निपटाने के बाद जब शोभा अपने रूम में गई तो सासु माँ की खिट-पिट शुरू हो गई।

"ये क्या है जब देखो जब अपने रूम में चली जाती है, इसे तो किसी बात की कोई फ़िक्र ही नहीं, ना मेरी ना अपने पति की [प्रतिक शोभा का पति ]को घर में आते देख शोभा की सासु माँ की आवाज़ में और तेज़ी आ गई। क्या हुआ माँ क्या बात है कहा है शोभा ? प्रतिक अपनी माँ की आदत जानते हुए भी माँ से पूछ बैठा और माँ ने कहानी बनानी शुरू कर दी माँ की बातें सुन कर जब वो आगे बढ़ा तो शोभा के हाथों में पानी का ग्लास था , लाइए इसे मुझे दीजिए शोभा प्रतिक के हाथों से ऑफिस बैग लेते हुए बोली और पानी का ग्लास आगे बढ़ाया। प्रतिक फ्रेश हो गया ।सब ने मिल कर खाना खाया, माँ अपने कमरे में चली गई , शोभा और प्रतिक भी अपने रूम गए जहाँ शोभा नॉवेल लिखते लिखते उसे अधूरी ही छोड़ कर चली आई थी उसे पूरा करने के लिए बैठ गई वही बाज़ू प्रतिक भी बैठ गया और शोभा का लिखा पढ़ने लगा। जिसका शीर्षक था "मेरी माँ" मगर शोभा ने उस नॉवेल मैं अपनी माँ के रूप में अपनी सासु माँ का वर्णन किया था। हर शब्द से माँ- बेटी के बिच के प्रेम की गहराई शोभा ने बहुत ही ख़ूबसूरत अंदाज़ से बयान की की , पढ़ते पढ़ते प्रतिक से रहा नहीं गया और वो शोभा से कहने लगा " तुम अपने सपनो, अपनी इच्छाओं को हमारे लिए दफ़न करती आई हो और कभी किसी बात की शिकायत भी नहीं की ना ही कभी अपनी ख्वाहिशों को पूरा करने का प्रस्ताव रखा मेरे सामने, अपनी ग़लती ना होते हुए भी माँ की जली कटी बातें भी सुन लेती हो , और कभी पलट कर जवाब नहीं देती तुम ,तुम्हें बुरा नहीं लगता , प्रतिक की बातों पर शोभा के चेहरे पर हलकी सी मुस्कान आई , माँ की बातों का बेटी को कभी बुरा भी लगता है क्या भला? क्या उनकी बातों का जवाब देना ज़रूरी है। वो माँ है ना मेरी" प्रतिक से रहा नहीं गया वो बिच में ही बोल पड़ा तुम उन्हें कभी सास नहीं समझती हमेशा अपनी माँ ही मानती हो मगर वो तुम्हें बहु ही क्यों बेटी क्यों नहीं समझती, शोभा प्रतिक की बात पर हंस पड़ी अरे तुम भी ना कैसी कैसी बातें करते हो तुम हम सास बहु के रिश्ते को नहीं समझ पाओगे । माँ की बेरुख़ी के पीछे का प्यार तुम महसूस नहीं कर सकोगे कभी ,इतना कह कर उसने प्रतिक की बात को टाल दी। क्यों के यही सवाल तो उसके मन में भी हमेशा से आता रहा है और जिसका उसे जवाब मिलना मुश्किल ही लगता है।

अश्मीरा 26/7/19 04:30 pm

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