बया हमारी चिड़िया रानी!
तिनके लाकर महल बनाती,
ऊँची डाली पर लटकाती,
खेतों से फिर दाना लाती,
नदियों से भर लाती पानी।
तुझको दूर न जाने देंगे,
दानों से आँगन भर देंगे,
और हौज़ में भर देंगे हम-
मीठा-मीठा ठंडा पानी।
फिर अंडे सेयेगी तू जब,
निकलेंगे नन्हे बच्चे तब,
हम आकर बारी-बारी से
कर लेंगे उनकी निगरानी।
फिर जब उनके पर निकलेंगे,
उड़ जाएँगे बया बनेंगे,
हम तब तेरे पास रहेंगे,
तू मत रोना चिड़िया रानी