बेवजह की भी,
कोई वजह होती है ।
वेवजह कभी कुछ,
होती नही ।।
कशिश होती है जरूर ,
तमन्नाओं के समंदर में ।
न आये उफान तो क्या ,
" लहरें "
साहिल से मिलना कभी ,
छोड़ती नही है ।
✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी
7 अप्रैल 2024
बेवजह की भी,
कोई वजह होती है ।
वेवजह कभी कुछ,
होती नही ।।
कशिश होती है जरूर ,
तमन्नाओं के समंदर में ।
न आये उफान तो क्या ,
" लहरें "
साहिल से मिलना कभी ,
छोड़ती नही है ।
✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी