तुमसे ना हो सकी मुलाकात जी भर ,
तुमसे ना हो सकी मुलाकात जी भर ,बस यही मलाल रहेगा मुझे उम्र भर ।।
नादान भी तुम इतनी ना बनो कि ,
नादान भी तुम इतनी ना बनो कि ,तुम जो समझ न सको ।
दायरे भी है कुछ ,
दायरे भी है कुछ , खामोशी से गुजर कर ।।
समझ लो दिल की सदा ,
समझ लो दिल की सदा , आहें भी सामिल है इसमें।ें।
तू दिलवर तो नही मेरा मगर ,
तू दिलवर तो नही मेरा मगर ,तेरे बैगर मेरा , दिल भी तो नहीं ।नहीं ।
✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी