दिल से न जुदा होने देंगे प्रीत तेरी ,
दिल में बसा के रखेंगे हम प्रीत तेरी ।
याद तेरी आती है बहुत ,
जीना दुस्वार हो जाता है ।
तुमसे मुलाकात को यह दिल,
तड़प जाता है ।
हो जाती है गुफ्तगू तुमसे जब,
हो , वो थोड़े ही ।
करार आ जाता है दिल को तब
हो , वो थोड़े ही ।
हसरत है दिल की ,
कुछ ऐसा हो जाये ।
आरजू हो जाये पूरी जो,
तुम मेरी हो जाये ।
हकीकत न सही तो क्या ,
ख्वाबों में ही सही ।
तु मेरी दुल्हन हो जाये ।
✍️ज्योति प्रसाद रतूड़ी