💥💥भौरा जिया 💥💥
तुम जो गये हमसे दूर पिया ,
दिल के और भी करीब हो गये।
यह बात अलग है तुम्हें खो कर,
हम मुफलिस और गरीब हो गये।
मेरी साँसें, मेरी धड़कन,
गाती रहती है इक गीत ।
तेरे सिवा न दूजा होगा,
तू तो जन्मो का मेरा मीत।
दूर मुझे क्यों खुद किया ।
तुम जो गये हमसे दूर पिया ।।
आज जो ये चाँदनी रात है,
इसमें झिलमिलाते नहीं तारे ।
उसी तरह है मेरी पीड़ा ,
ये धड़कन सिर्फ तुम्हें पुकारे।
बुझ न पाए दिल का दिया ।
तुम जो गये हमसे दूर पिया ।।
जिधर भी जाती उधर ही गाती,
अब तो मन न लागे मोरा पिया ।
कैसे गुजरेगी यह जिन्दगानी,
तड़प रहा दिल ओ बेदर्दी पिया ।
तेरे बिन मोरा भौरा जिया ।
तुम जो गये हमसे दूर पिया ।।।
💥 व्यंजना आनंद ✍