shabd-logo

वृहद की चाह (भजन)

4 अक्टूबर 2019

506 बार देखा गया 506

विधा-- भजन


मात्रा भार--14

"""""""""""""""""""


💥💥वृहद की चाह 💥💥

""""""""*****"""""""


जब यह अणु वह पंकिल मन,

वृहद मन को चाहता है ।

तब जाकर कण-कण में वो,

साधक को दिख पाता है ।

*

मंजिल की चाहत में तो,

हरदम ही उलझन आती ।

दृढ़ निश्चय ही मानव का,

मंजिल तक है ले जाती ।


*

साधक उन कंटिल पथ पर,

आगे बढ़ता जाता है ।

काम,क्रोध,मद,मोह,लोभ,

हृद से हटता जाता है ।


*

जब हमारे यह षड् रिपू,

मानव तन से हट जाते ।

तब चुपके से अष्ट पाश,

खुद ही मन से छट जाते।।


*

तभी नर मुक्त पुरुष बन,

प्रभू में समा जाता है ।

देखते ही पंकिल मना,

वृहद में बदल जाता है ।।


*******


व्यंजना आनंद ✍

व्यंजना आनंद की अन्य किताबें

डॉ कवि कुमार निर्मल

डॉ कवि कुमार निर्मल

बहुत सुंदर सृजन👌👌👌👌👌

5 अक्टूबर 2019

1

भगवत् गीता

30 सितम्बर 2019
1
2
1

युग संधि का शंखनाद् गुँजायमान् गुँजायमान्अष्ट पाश पर आरुड़ शक्तिमान्🔯 श्रीमद्भागवद्गीता 🔯 🌹🌹🌹🌹🌹 *प्रथम अध्याय * ************* देख अचंभित धृतराष्ट्र हुआ , कहे दिव्यद्रष्टा संजय

2

श्रीमद्भगवद्गीता- 2

3 अक्टूबर 2019
0
1
1

आनंद*: 🕉 श्रीमद्भगद्गीता 🕉 ************ * अध्याय 1* """"""""मेरा भला नहीं है संभव , संबंधियों को यहाँ मारकर ।चाहूँ नहीं मैं राज्य वैभव , मौत के घाट सब उतारकर।।31।। 💥हे कृष्ण अब ऐसे राज्य की , सुख की मुझे चाहत नहीं है ।न राजभोगी कामना बची दुख ही म

3

हाइकु

3 अक्टूबर 2019
0
1
1

हाइकु """""""" 1)माँ तू ही तो है-भू को ढ़के अम्बर सबसे न्यारी।2)तेरे उर में-मिलता है पूर्ण हीजन्नत मुझे । 3) सपनों की है-दुनिया यह सारीखुले आकाश ।4)खगों की गूँज-नहीं है अब बातकैसी बैचैनी ।5) कलयुग का-आतंक चौतरफामन व्याकुल ।6)अश्रु भरे हैं, घटा फटने वालीव्याकुल आँखें ।7) ज़ि

4

वृहद की चाह (भजन)

4 अक्टूबर 2019
0
2
1

विधा-- भजन मात्रा भार--14"""""""""""""""""""💥💥वृहद की चाह 💥💥 """"""""*****"""""""जब यह अणु वह पंकिल मन, वृहद मन को चाहता है । तब जाकर कण-कण में वो, साधक को दिख पाता है । *मंजिल की चाहत में तो, हरदम ही उलझन आती । दृढ़ निश्च

5

पुनीत छंद

5 अक्टूबर 2019
0
1
0

🌹पुनीत छंद 🌹विधान---मात्रिक, 15 मात्रा संयोजक- -- 2 2 3 3 2 2 1 🌻सागर वेग बहुत है धार। पावन प्रेम परम है सार।। कैसे बोल रहीं साकार। प्यारी लगे सहज आचार।।तुमरी प्रीत करे है धाँव । हिय में बसे प्रेम के भाव।। आकर हमपर कुछ तो वार। तू बन जा प्रेमी अवतार।।सब से पा

6

परम सत्य

5 अक्टूबर 2019
0
1
0

🌸🕉🌸🕉🌸🕉🌸🕉 परम सत्य 🕉🕉🕉जब होता भान ध्येय रूप का,अपने स्वरूप का अभाव पाता।उस वक्त मिलती है ध्यान समाधि, चित्त ध्येयाकार को पा जाता ।।"""""""**"""""**""""""**""""**"""""व्यंजना आनंद 🕉✍

7

व्यंजना के दोहे

5 अक्टूबर 2019
0
2
1

🌹दोहा🌹 """"""""कुटुम्ब🏚"""""""""""""रहते सभी कुटुम्ब में , करते बेहद प्यार ।साथ-साथ होते सभी , बनता इक परिवार ।।ध्वजा 🇳🇪"""""""""""""*लहराएँ यश की ध्वजा,* पकड़े अपने हाथ।*उसी धर्मी पुरुष का,* होता ऊँचा माथ।।मिलन 💏""""""""""""" मधुर मिलन की गाइये,

8

💥जलती रही बाती 💥

5 अक्टूबर 2019
0
1
0

🙏🏻 🙏🏻🌹जलती रही बाती 🌹""""""""""""****""""""""""""रात भर तेरे इन्तजार में- जलती रही बाती । बुझती रही बाती।।इधर लौ जल रहे थे, भौरें मचल रहे थे। क्या करती वह बाती मन मोम गल रहे थे।। रात भर तेरे इन्तजार में , जलती रही बाती बुझती रही बाती ।अकेली क्या करेंगी

9

आल्हा छंद

7 अक्टूबर 2019
0
2
0

विधान---- आल्हा छंद मात्रिक- -- 31 मात्रा (16 , 15)पदान्त- ---21 🌹गीत🌹 """"**""""नारी ही है जननी तेरी, नारी ही तेरी पहचान। नारी का सम्मान करो रे, करो नहीं अपमान ।।नारी माता वो ही त्राता, है तेरी नारी से शान। रखो हमेशा उस नारी का, तुम भी सच्चे दिल से

10

श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 2

7 अक्टूबर 2019
0
2
2

💥श्रीमद्भगवद्गीता💥 """""""""""""""""""" * अध्याय 2 * """"""""""""""""""संजय बोल -------- --------------दयायुक्त अश्रुओं से पूर्ण,नयन में भर अर्जुन हैं खड़े ।बताने को बातें सम्पूर्ण, श्री भगवन अब तो बोल पड़े ।।1।। 💥ऐसे पल म

11

गलती सुधार (आल्हा छंद) में

7 अक्टूबर 2019
0
2
0

मेरी आल्हा छंद की चौथी पंक्ति में गलती से उसका शब्द छूट गया कृपया शब्द के साथ उसे पढ़े 👆👆

12

मुक्तक

9 अक्टूबर 2019
0
1
0

मात्रिक- - 16 मात्रा भार🌷मुक्तक🌷 """"""""""""हम रुठे है वो भी रुठी। किस्मत देखों कैसे छूटी । जाने कहाँ गये प्यारे दिन, करते थे हम बातें मीठी।।ऐसे नहीं प्रेम होता है। समर्पण से क्रोध खोता है। ऐसे नहीं टीकती दोस्ती, वो दोस्त हमेशा रोता है।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ✍

13

बिटिया मेरी हुई सियानी

9 अक्टूबर 2019
0
2
0

🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂🧚🏻‍♂ लोक गीत÷÷÷ बिटिया मेरी हुई सियानी """""""""""""****"""""""""बिटिया रानी अब तो हुई है सियानी।मुझे बोलेगी छोटी परी अब नानी।। होsssss माँ के अंगना में खेली- कूदीकरती रहती थी हरदम ठिठोलीबड़े जतन से पिता पढ़ायेपढ़ा कर उसे राह दिखायेघर की र

14

कर्बला

9 अक्टूबर 2019
0
2
0

🙏🏻 कर्बला 🙏🏻 """"""""""""" वाह! से जो शुरु हुई , आह! पर खत्म होती; ऐसी कर्बला की कहानी। सुने व्यंजना की जुबानी।।हुसैन नाम से सभी वाकिफ।फातिमा,अली इब्न के वालिद।। हसन,हुसैन थे अपने सगे भाई।हुसैन ने भाई से ही धोखा खाई।।खलीफा बनने की चाहत में ,वह हुआ बड़ा मगरुर ।हुसैन से छल क

15

कोमल कठोर कृष्ण

9 अक्टूबर 2019
0
1
0

🕉कोमल कठोर कृष्ण 🕉 -------------------------पृथा राज्य में पैदा लेकर, कुन्ती पृथा कहलाई।'ष्ण' प्रत्यर्पण लगाकर उसमें, कौन्तेय पार्थ कहलाएँ ।।पार्थ सारथी बन प्रभु वर, महाभारत रचवाएँ। किसकी होती जग में गाथा, जन जन को बतलाएँ।।वृन्दावन का त्याग कर , मथ

16

मानवता

9 अक्टूबर 2019
0
1
0

🌸मानवता🌸 ************मानवता को शब्दों और परिभाषा में बाँधना वक्त बर्बाद करने के सिवा और कुछ भी नहीं ।बड़े -बड़े समाजशास्त्रियों ने अनेक मानवता के रूप प्रस्तुत किए हैं ।पर हमें उन बड़ी- बड़ी बातों के चक्रभ्यू में फँसने की आवश्यकता नहीं । बहुत ही सरल भाषा में हम कह सकते हैं कि जो मानव

17

गीत

9 अक्टूबर 2019
0
1
0

विधान--प्रदीप छंद (16,13) पदांत- लघु गुरु (1 2) 🌹गीत🌹 """"""""""चहुँ ओर है छल भरा यौवन, सहज समर्पण चाहिए ।प्रेम सरित उद्गम करने को, अनुरागी मन चाहिए ।। 🌹परखने की आँखें हो संग, संतुलन मन बना सके।ख्वाहिश हो सँवारने

18

गीत

9 अक्टूबर 2019
0
1
0

विधान--प्रदीप छंद (16,13) पदांत- लघु गुरु (1 2) 🌹गीत🌹 """"""""""चहुँ ओर है छल भरा यौवन, सहज समर्पण चाहिए ।प्रेम सरित उद्गम करने को, अनुरागी मन चाहिए ।। 🌹परखने की आँखें हो संग, संतुलन मन बना सके।ख्वाहिश हो सँवारने

19

शरद ऋतु

10 अक्टूबर 2019
0
1
0

🌹सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक🌹"""""""""""""""""""""""शरद ऋतु करे आगमन, मन होए उल्लास ।जूही की खुशबू उड़े, पिया मिलन की आस।।आस किसी की मैं करूँ , जो ना आएं पास ।नित देखू राह उसकी, जाता अब विश्वास ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ✍

20

शरद ऋतु

10 अक्टूबर 2019
0
1
0

🌹सिंहावलोकनी दोहा मुक्तक🌹"""""""""""""""""""""""दस्तक देती शरद ऋतु , मन मुखरित उल्लास ।जूही की खुशबू उड़े, पिया मिलन की आस।।आस किसी की मैं करूँ , जो ना आएं पास ।बाट निहारें दृग विकल टूट रहा विश्वास ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ✍

21

भौरा जिया

12 अक्टूबर 2019
0
1
0

💥💥भौरा जिया 💥💥तुम जो गये हमसे दूर पिया ,दिल के और भी करीब हो गये।यह बात अलग है तुम्हें खो कर, हम मुफलिस और गरीब हो गये।मेरी साँसें, मेरी धड़कन, गाती रहती है इक गीत ।तेरे सिवा न दूजा होगा, तू तो जन्मो का मेरा मीत। दूर मुझे क्यों खुद किया । तुम जो गये हमसे दूर पिया ।।आज जो ये चाँ

22

पूनम का चाँद

13 अक्टूबर 2019
0
2
0

मात्रा- -- 15 🌕 पूनम का चाँद 🌕 """""""""""""""""""" पूनम का चाँद है निकला , जिससे उठे वेग हृदय में । प्रेमी याद करें प्रेम को, जोगी रहे प्रभु प्रणय में ।।यह दिन खेले खेल अनुपम। जड़ चेतन करें सममोहन ।। घने बादल घिर- घिर आए । प्रेम माधुर रस बरसाएँ

23

बाढ़

18 अक्टूबर 2019
0
1
0

आदरणीय सभी सदस्यों को व्यंजन आनंद का नमस्कार विषय- -- बाढ़ ।------------------------ 🌹सेमरा का जलकुण्ड🌹 """"""""""""""""""""""""""""दूरान्त तक, असीमित यह जल की प्रचुरता, मानो एक जलधि ही है।पर----निकट से देखा तो-पाया यह तो स्वयं हीप्रकृति काल बनकर-वर्षा का टाण्डव खेल रही

24

आखिर ऐसा क्यों?

18 अक्टूबर 2019
0
1
0

🙏🏻आखिर ऐसा क्यों? 🙏🏻"""""""""""""""""""""""""""""""""अचानक से मेरे मन मस्तिष्क पर वह दृश्य नाच गया।घर के चौतरे पर एक घूँटे से बंधी थी वह लाचार माँ। उनकी हृदय को झकझोर देने वाली आवाज ।अब भी रौंगटे खड़े हो जाते हैं उन दर्दनाक दृश्य को याद कर ।उन दिनों मैं छोटी बच्ची थी ,दर्द हुआ था पर समझ न पाई

25

16 मात्रा पर कविता

26 अक्टूबर 2019
0
1
0

🕎 दीपावली 🕎 """"""""🌷"""""""मन के तम को दूर हटाकर , (मात्रा--16) ज्ञान का दीपक जलाना है। चौतरफा फैला उजियारा , खुद को सत्पथ पर लाना है।। 💥 सबके मन में प्रीत जगाकर , विश्व बंधुत्व को पाना है। मन की कलुषता मिटे सबकी, ऐसा क

26

प्रेम पावनी

30 अक्टूबर 2019
0
0
2

मात्रा---15, 12 🌹प्रेम पावनी 🌹 **""**""** टकटकी लगा निहार रहे, एक दूजे में लीन । मन के भीतर चलता रहा, ख्वाबो का एक सीन।।तेरे दर से न जाएंगे मन में जगी है आस। उठ रही दिलों में सैकड़ों दबी हुई मिठी प्यास।।पाकर प्रेम पावनी पिया , पीकर होती निहाल।

27

शायरी

1 नवम्बर 2019
0
1
0

💘तेरी चाहत में बात दिल में बस अब इतनी है सनमतुम हमें देखों हम तुझे यूँ ही निहारा करें ।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹व्यंजना आनंद ( मिथ्या)

28

शायरी

1 नवम्बर 2019
0
0
0

कुछ तो तड़प शांत हो जाएंगी हमारी।जब तेरे पहलू में कुछ पल सुकून के बिताया हम करें ।।💓💓💓💓💓💓💓मिथ्या ✍

29

गुरु की महता

5 नवम्बर 2019
0
1
0

🌷गुरु की महता 🌷*****************गुरु तम मिटाने वाला ,गुरु हैं संजीवनी।उनकी कृपा वृष्टि हो तो,होती सुंदर जीवनी ।। *माँ प्रथम गुरु होती है, पिता मार्ग दर्शक।माँ पीड़ा हर लेती है, पिता बनते रक्षक।। *सच्चा गुरु वही होता है, जो चरित्र बदल दे।शिष्य के हर व्यवहार कर दे वे सरल रे।।

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए