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भूत-प्रेत

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भाग  27  मोहन बाबा की बात सुन रुक जाता है ,बाकी लोग अंदर प्रवेश करते हैं , उनके प्रवेश करते ही अचानक किसी तरल पदार्थ  की बौछार सी आती है , और सबके कपड़ो और चेहरे पर वह लगता है ,शाल

कितने प्रकार के होते हैं भूत........... हिन्दू धर्म में गति और कर्म अनुसार मरने वाले लोगों का विभाजन किया है- भूत, प्रेत, पिशाच, कूष्मांडा, ब्रह्मराक्षस, वेताल और क्षेत्रपाल। उक्त सभी के उप भाग भ

(पिछले भाग में आपने पढ़ा कि निशान फिर उसी गुफा में जाता है  जहाँ वह शंखिनी को देखता है और फिर शंखिनी का पीछा करते करते रोहन को ढूढ़ लेता है और  फिर रोहन को वहाँ से निकालने की कोशिश करता है )नि

नवाब इस दुनिया में जीने से है मरना बेहतर,इतना कमज़र्फ नहीं हूं कि खुदकुशी कर लूं।         —समीम नवाब (Nawab Comfort)

नमस्कार दोस्तों आज की कहानी हॉरर ड्रीम एक ऐसी कहानी है जो निशाचरों से संबंधित है जो लोगों को स्वप्न में ही पकड़कर उनकी आत्माओं को खा जाया करते थे रीवा  एक लड़की है जो एक गांव में रहती है गांव उस

पिछली रचना में आप ने पढ़ा कि कैसे रोहन को शंखिनी उठा ले जाती है और अपनी इच्छाएं पूरी करती है  और एक तरफ रोहन के दोस्त उसको ढूढ़ने पर लगे रहते  है पर रोहन का कोई पता नही चलता है  पर न

प्रकृति ने समय-समय पर कुछ ऐसे जीवो का निर्माण किया है जो वातावरण और अनुकूलता से बिल्कुल अलग होते हैं और उनके अंदर कुछ मनुष्यों के गुण भी विद्यमान रहते हैं आज की कहानी इसी क्रम में आधारित है रोहन - माँ

 पुलिस  बहुत दिनों तक छानबीन करती रही । फिर किसी जंगली जानवर द्वारा लाश ले जाये जाने की संन भावना बताकर केस बंद कर दिया। रुखसाना की अम्मी को मधु के रूप में रुखसाना मिल गयी थी। उन्होंने उसे बेटी मान

 सुबह बहुत देर तक जब रुखसाना सोकर नहीं उठी तो उसकी अम्मी ने एक दो आवाजें दीं। कोई जवाब नहीं आया। तो वह उसके कमरे में गयी तो देखा वह सोई पड़ी है। उन्होंने फिर उसे आवाज दी, “रुखसाना उठ सोती रहेगी क्या

 रुखसाना की शादी की तारीख से एक हफ्ते पहले। रात के करीब साढ़े बारह बजे थे। एक नकाबपोश खिड़की के रास्ते रुखसाना के कमरे में प्रविष्ट हुआ। वह गहरी नींद में सो रही थी।कमरे में लाल रंग का मद्धिम बल्ब जल र

 सादिक जले पर नमक छिड़क गया जब कुछ दिन बाद रुखसाना की शादी शहर के एक पढे लिखे लड़के से तय हो गयी ।शादी एक महीने बाद थी । इस बीच एक दिन करीम ने उसे कोकीन का नशा कराया। उसे इसका चस्का लग गया । अब आये दि

 रुखसाना ने दूसरे दिन सुबह अम्मी को बताया, “दोपहर में सादिक आएगा।”  उन्होंने कहा,’’ उसके चाय नाश्ते का मैं इंतजाम कर दूँगी उसे बिना कुछ खाय पिये मत जाने देना। खाने का टाइम हो तो खाना पूछलेना बहुत

 इस बीच सादिक का टेम्पो आ गया और सादिक गाँव से शहर और वापस टेम्पो में सवारिया ले जाने लगा। अच्छी कमायी होने लगी। उसका नशा भी बढ़ गया। अब वह गाँजा ,चरस छोड़ कर नशे की गोलियों का सेवन करने लगा था । इस

  उस दिन के बाद 15 दिनों तक सादिक रुखसाना के सामने h नहीं आया। रुखसाना की माँ कभी जिक्र करती। वह रुखसाना से कहतीं,”सादिक ने हमारी काफी मदद की। एक दिन उसे दावत देना चाहिये । “  सादिक की बस में कही

 जबसे रुखसाना का शव कब्र से गायब हुआ था सादिक की नींद हराम हो गयी थी। वह हर समय भयभीत रहता। उसे लगता रुखसाना की रूह उसका पीछा कर रही है। अंधेरे में उसे रुखसाना की भूरी आंखे घूरती हुई नजर आती थी।  

 पाँच छः महीने बाद पुनः उसे एक बच्चे को जन्म देने के विचार ने घेर लिया। अपनी ममता के अलावा वह राकेश की खुशी के लिये कम से कम एक बच्चे को जन्म देना चाहती थी जिसके लिये उसे एक महिला के शरीर की आवश्यक

 कई दिन मधुबाला भुतनी ने कब्रिस्तान के चक्कर लगाये किन्तु किस्मत साथ नहीं दी। उसके काम की कोई लाश नहीं आयी। साथ ही उसे कब्र से लाश चुराने का विचार अच्छा नहीं लगता था ।   एक रात को शहर में वह घूम रह

 फिर दूसरे दिन दोपहर में उसने शहर के बाहर हाईवे के उस मोड़ पर निगरानी करने का विचार किया जहाँ सड़क के एक ओर एक बोर्ड पर चेतावनी लिखी थी”खतरनाक मोड़”।   किन्तु जैसे ही वह वहाँ पहुंची एक कार का तेज रफ्

 वनजा और वीरेंद्र का प्रेम विवाह हुआ था। वे विवाह से पूर्व काल से ही रेलवे कालोनी में रहते थे । दोनों के पिता रेलवे में नौकरी करते थे।  वीरेंद्र के पिता ने स्वेच्छा से सेवा निवृति ले ली थी और किसी

 भूत पत्नी  राकेश अपनी इच्छा को नियंत्रित नहीं कर सका। वह हर हाल में मधु से शादी करना चाहता था । मधुने इस बात को स्वीकार कर लिया था कि यह संभव नहीं है। हालांकि, वे श्मशान घाट में मिलते रहे। श्मशान

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