लफ्जों की लहरें मन के आंगन में आकर ठहरे लफ़्ज़ों के मोती एहसासों के धागे में पिरोकर कविताओं में सजाए जज्बातों के सागर में लफ्जों की मचलती इन लहरों को एहसासों के किनारे मिल जाए कविताओं के सहारे कुछ यूं सजाए जीवन के हर पहलू को अपने अंदाज में दिखाए शायद ये लफ्जों की लहरें आपके मन को छू जाए ना मैं कवियत्री ना मैं लेखिका बेहतरीन शायद काव्य को अपने ना सजा पाऊं अपने अंदाज ,अल्फाज और ख्यालात की माला में शायद नायब शब्दों के मोती ना पिरो पाऊं लेकिन कोशिश ये ही होगी लफ़्ज़ों में बसा कर अपने भाव हर दिल तक पहुचाऊं है चाहत लफ़्ज़ों के जरिए प्रेम, विरह,जख्म, सुकून, वफ़ा,बेवफाई और जुनून हर अहसास की झलक काव्य में अपने दिखाऊं लफ्ज़ों की लहरें बन हर मन के सागर में मिल जाऊं कितना सफ़ल हुआ प्रयास हमें आप बताना लफ्ज़ों की लहरों की है आस आपके मन सागर में समाना
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