shabd-logo

ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत |

23 अक्टूबर 2024

2 बार देखा गया 2

 जी हाँ मित्रों आज अंग्रेजों और अंग्रेजों का पक्ष लेने वाले और भारत में रहने वाले उनके चाटुकारो के लिए निसंदेह दुःख भरा दिन है, परन्तु प्रत्येक सच्चे भारतीय के लिए आज का दिन गौरवमय आंनद से भरा उत्सव जैसा है। स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के इस कालखंड में भारत ने उन अनपढ़ मुर्ख और बर्बर अंग्रेजो की लूट पर आधारित अर्थव्यवस्था को अपने ज्ञान, विज्ञान, उच्चकोटि की प्रतिभा, परिश्रम और निस्वार्थ देश प्रेम से पछाड़कर विश्व के पाचँवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने का गौरव हासिल कर लिया है। 

आज यूरोप, अमेरिका, रसिया सहित  सारी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं  जंहा कोरोना, महँगाई और मंदी की मार झेल कराह रही हैं, वंही हमारा देश १३.५% की जीडीपी के साथ सबको आश्चर्य में डालकर नित नयी उचाईयों को स्पर्श कर रहा है और ये सब कुछ हो रहा है क्योंकि देश की बागडोर परम आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी, श्री एस जयशंकर, श्री अमित शाह व श्रीमती निर्मला सीतारमण इत्यादि जैसे कर्मठ, जुझारू, ईमानदार और देशभक्त व्यक्तित्वों के हाथो में है। 

आपको बताते चले की भारत अपनी पिछली निरंकुश नीतियों से मुक्त, “बाजारअर्थव्यवस्था” के रूप में विकसित हो रहा है। भारत का आर्थिक उदारीकरण वैसे तो वर्ष १९९० के दशक की शुरुआत में शुरू हुआ (जब स्वर्गीय नरसिम्हाराव की सरकार थी) और इसमें औद्योगिक नियंत्रण, विदेशी व्यापार और निवेश पर नियंत्रण कम करना और राज्य के स्वामित्व वाले उद्यमों का निजीकरण करना शामिल था। इन उपायों से भारत को आर्थिक विकास में तेजी लाने में मदद मिली है। भारत का सेवा क्षेत्र दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ने वाला क्षेत्र है जो अर्थव्यवस्था का ६०% और रोजगार का २८% हिस्सा है।  "विनिर्माण और कृषि"   अर्थव्यवस्था के दो अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं। 

आइये जानने का प्रयास करते हैं की आखिर ये जीडीपी (GDP) होती क्या है? 

मित्रों यदि सामान्य भाषा में कहें तो जीडीपी अर्थात सकल घरेलू उत्पाद (GROSS DOMESTIC PRODUCT) जो  एक निर्दिष्ट अवधि (Specified Time), आमतौर पर एक वर्ष के दौरान देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित तैयार माल और सेवाओं के कुल मूल्य का एक अनुमान है। किसी देश की अर्थव्यवस्था के आकार का अनुमान लगाने के लिए जीडीपी का लोकप्रिय रूप से उपयोग किया जाता है। दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि “सकल घरेलू उत्पाद” (जीडीपी) एक विशिष्ट अवधि के दौरान किसी देश के भीतर किए गए सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक बाजार मूल्य है। जीडीपी किसी देश की अर्थव्यवस्था का एक स्नैपशॉट प्रदान करने में मदद करता है और इसकी गणना व्यय, उत्पादन या आय का उपयोग करके की जा सकती है। 

सकल घरेलू उत्पाद (GDP) या जीडीपी या सकल घरेलू आय (GDI), एक अर्थव्यवस्था के आर्थिक प्रदर्शन का एक बुनियादी माप है|  यह एक वर्ष में एक राष्ट्र की सीमा के भीतर सभी अंतिम माल और सेवाओ का बाजार मूल्य है। GDP (सकल घरेलू उत्पाद) को तीन प्रकार से परिभाषित किया जा सकता है, जिनमें से सभी अवधारणात्मक रूप से समान हैं। 

पहला, यह एक निश्चित समय अवधि में (आम तौर पर ३६५ दिन) एक देश के भीतर उत्पादित सभी अंतिम माल और सेवाओ के लिए किये गए कुल व्यय के बराबर है।  दूसरा, यह एक देश के भीतर एक अवधि में सभी उद्योगों के द्वारा उत्पादन की प्रत्येक अवस्था (मध्यवर्ती चरण) पर कुल वर्धित मूल्य और उत्पादों पर सब्सिडी रहित कर (Tax) के योग के बराबर है। तीसरा, यह एक अवधि में देश में उत्पादन के द्वारा उत्पन्न आय के योग के बराबर है- अर्थात कर्मचारियों की क्षतिपूर्ति की राशि, उत्पादन पर कर औरसब्सिडी रहित आयात और सकल परिचालन अधिशेष (या लाभ)। 

GDP (सकल घरेलू उत्पाद) के मापन और मात्र निर्धारण का सबसे आम तरीका है खर्च या व्यय विधि (expenditure method): 

GDP (सकल घरेलू उत्पाद) = उपभोग (Consumed)+ सकल निवेश (Investment ) + सरकारी खर्च (Expenses)+ (निर्यात – आयात),
या 

GDP = C + I + G + (X − M). 

जीडीपी का मापन :-  वर्तमान यू.एस. डॉलर में नाम मात्र जीडीपी (NOMINAL GDP ): मुद्रा बाजार विनिमय दरों का उपयोग करके स्थानीय कीमतों और यू.एस. डॉलर में परिवर्तित मुद्राओं का उपयोग करके देशों के बीच जीडीपी को मापने और तुलना करने का यह सबसे बुनियादी और सामान्य तरीका है। यह वह संख्या है जिसका उपयोग सूची में   शीर्ष २५  देशों की रैंकिंग निर्धारित करने के लिए किया जाता है। 

क्रय शक्ति समता (पीपीपी PURCHASING  POWER  PARITY ) वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय डॉलर में समायोजित सकल घरेलू उत्पाद: -  यह देशों के बीच नाम मात्र सकल घरेलू उत्पाद की तुलना करने का एक वैकल्पिक तरीका है|  मुद्रा विनिमय दरों के बजाय उन देशों में सामानों की टोकरी के आधार पर मुद्राओं को समायोजित करना। यह देशों के बीच रहने की लागत में अंतर को समायोजित करने का एक तरीका है। 

जीडीपी वृद्धि (GDP  GROWTH): यह स्थानीय कीमतों और मुद्राओं में नाम मात्र जीडीपी की वार्षिक प्रतिशत वृद्धि दर है, जो अनुमान लगाती है कि देश की अर्थव्यवस्था कितनी तेजी से बढ़ रही है। 

जीडीपी प्रति व्यक्ति (GDP PER PERSON ), वर्तमान यू.एस. डॉलर में:-   यह नॉमिनल जीडीपी है जिसे किसी देश में लोगों की संख्या से विभाजित किया जाता है। जीडीपी प्रति व्यक्ति मापता है कि किसी देश की अर्थव्यवस्था कुल के बजाय प्रति व्यक्ति कितना उत्पादन करती है। यह किसी देश में रहने वाले व्यक्तियों के लिए आय या जीवन स्तर के एक बहुत ही मोटे उपाय के रूप में भी कार्य कर सकता है। 

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने पहली तिमाही में बढ़त हासिल कर ली है। अभी दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में अमेरिका है। जबकि दूसरे नंबर पर चीन फिर जापान और जर्मनी का नंबर है। एक दशक पहले भारत इस सूची में 11वें नंबर पर था और ब्रिटेन पांचवें पायदान पर। भारत ने यह कारनामा दूसरी बार किया है। इससे पहले 2019 में भी ब्रिटेन को छठे स्थान पर धकेल दिया था। 

अमर उजाला में सितम्बर २०२२ को प्रकाशित किये गए एक लेख में स्पष्ट रूप से यह दर्शाया गया कि “भारत ने हाल में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किए हैं। इसके मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेज आर्थिक वृद्धि वाली अर्थव्यवस्था है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर १३.५  प्रतिशत  रही, जो पिछले एक साल में सबसे अधिक है। नकदी के संदर्भ में देखें तो भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार मार्च तिमाही में ८५४.७  अरब डॉलर है, जबकि ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था ८१६  अरब डॉलर की है। 

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ) ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि “अप्रैल-जून तिमाही में सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर १७.६ % रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में १०.५% थी।कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर ४.५ % रही जबकी २०२१-२२  कीपहली तिमाही में २.२ % फीसदी थी। 

राष्ट्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (एनएसओ):-  के अनुसार वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाओं की विकास दर २.३ % से बढ़कर ९.२% पहुंच गई। इसके अलावा, बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य उपयोगी सेवाओं की वृद्धि दर १४.७ % रही, जो २०२१-२२  कीसमान तिमाही में १३.८ % थी। लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाओं के बढ़ने की दर ६.२% से बढ़कर २६.३% पहुंच गई। कृषि और सेवा क्षेत्र के दमदार प्रदर्शन से भारतीय बाजार में वैश्विक निवेशकों का भरोसा बढ़ा औरनिवेश आकर्षित करने में भी मदद मिली है। 

मित्रों चीन और भारत दुनिया की दो उभरती अर्थव्यवस्थाएं हैं। २०२१  तक, चीन और भारत नाममात्र (NOMINAL ) के आधार पर क्रमशः दुनिया की दूसरी और 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। पीपीपी (PURCHASING POWER PARITY) के आधार पर चीन पहले और भारत तीसरे स्थान पर है। दोनों देश कुल वैश्विक संपत्ति का क्रमशः २१ % और २६ % नाममात्र (NOMINAL)और पीपीपी (PPP )शर्तों में साझा करते हैं। एशियाई देशों में, चीन और भारत मिलकर एशिया के सकल घरेलू उत्पाद में आधे से अधिक का योगदान करते हैं। 

मित्रों आपको जानकार आश्चर्य होगा कि भारत की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले  राज्य महाराष्ट्र में वर्ष २०१७ में लगभग ३७४ बिलियन अमेरिकी डॉलर का सकल घरेलू उत्पाद (नाममात्र) और लगभग १,३५४ बिलियन अंतर्राष्ट्रीय डॉलरका सकल घरेलू उत्पाद (पीपीपी) था। महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था नाममात्र (NOMINAL) के आधार पर नाइजीरिया के बराबर है और पीपीपी आधार पर थाईलैंड के बराबर है। अगर महाराष्ट्र को २०१७ की जीडीपी सूची में शामिल किया जाता है, तो यह नाममात्र और पीपीपी के मामले में क्रमशः ३१ वें और १९ वें स्थान पर होगा। २०१८ तक,
भारत के दूसरे सबसे बड़े राज्य तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था पुर्तगाल (नाममात्र में) और अर्जेंटीना (पीपीपी में) के बराबर थी। 

मित्रों जब इस पुरे विश्व में सबसे धाकड़ विदेश मंत्री के रूप में स्थापित हो चुके श्री एस जयशंकर जी ने जब कहा कि अंग्रेजो ने भारत से ४७ ट्रिलियन डॉलर के बराबर सम्पत्ति की लूट खसोट की तो पूरा विश्व सकते में आ गया और लुटेरे अंग्रेज अपना मुँह छिपाकर भाग खड़े हुए। पर मित्रों सच है कि हमारे पास एक अत्यंत नीतिवान, चरित्रवान, गुणवान, देशभक्त और प्रजावत्सल शासक है, जो हमें निरंतर विकास और खुशहाली के पथ पर लेकर चल रहा है और हमारे शास्त्रों में ऐसे ही व्यक्ति का कुछ इस प्रकार वर्णन किया गया है: 

शौर्यं तेजो धृतिर्दाक्ष्यं युद्धे चाप्यपलायनम्। दानमीश्वरभावश्च क्षात्रं कर्म स्वभावजम्।।१८।४३।।श्रीमद्भगवतगीता 

व्याख्या- मन में अपने धर्मका पालन करने की तत्परता,जिसके प्रभाव या शक्ति के सामने पापी दुराचारी मनुष्य भी पाप दुराचार करने में संकोच करे जिसके सामने लोगों की मर्यादा विरुद्ध चलने की साहस नहीं होता अर्थात् लोग स्वाभाविक ही मर्यादा में चलते हैं, विपरीत से विपरीत अवस्थामें भी अपने धर्म से विचलित न होने और शत्रुओं के द्वारा धर्म तथा नीति से विरुद्ध अनुचित व्यवहार से सताये जाने पर भी धर्म तथा नीति विरुद्ध कार्य न करके धैर्यपूर्वक उसी मर्यादा में चलना,प्रजा को यथायोग्य व्यवस्थित रखने की और उसका संचालन करने की विशेष योग्यता,युद्ध में कभी पीठ न दिखाना मन में कभी हार स्वीकार न करना युद्ध से पलायन ना करना,दान देने मे तत्परता,अपने शासन द्वारा सबको अपनी अपनी मर्यादा के अनुसार चलाने का भाव,जो मात्र प्रजा की दुःखों से रक्षा करे यह सभी स्वाभाविक क्षत्रियात्मक गुणऔर कर्म हैं।और ये सब हमारे प्रधानमंत्री और  विदेश  मंत्री  तथा  अन्य  कर्मठ  नेताओं में है।  

24
रचनाएँ
वो नहीं तो कौन ?
0.0
मित्रों ये किताब उस व्यक्ति विशेष को समर्पित है जिसके सद्चरित्र, अनुशाशन, ईमानदारी, शांतिप्रियता, कर्मठता और अपने राष्ट्र और राष्ट्जनो के प्रति अथाह प्रेम और समर्पण का कायल सम्पूर्ण विश्व है | आप में से बहुत लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं परन्तु वर्तमान में भारत की स्थिति और विश्व के अन्य देशों की स्थिति का तुलनात्मक विशेलषण करने के पश्चात आपकी असहमति कुछ सिमा तक सहमति में परिवर्तित हो सकती है | हमारे शास्त्रों केअनुसार "विदेशेषु धनं विद्या व्यसनेषु धनं मति:। परलोके धनं धर्म: शीलं सर्वत्र वै धनम्॥" अर्थात विदेश में विद्या धन है, संकट में बुद्धि धन है, परलोक में धर्म धन है और शील(अच्छा चरित्र ) सर्वत्र ही धन है! इसी को चरितार्थ करता वो महापुरुष विश्व का सबसे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि बन कर उभर चूका है| वृतं यत्नेन संरक्षेद वित्तमेति च याति च | अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः!" अर्थात चरित्र की यत्नपूर्वक रक्षा करनी चाहिए। धन तो आता-जाता रहता है। धन के नष्ट होने पर भी चरित्र सुरक्षित रहता है, लेकिन चरित्र नष्ट होने पर सबकुछ नष्ट हो जाता है। और उस महापुरुष के पावन जीवन से इसी तथ्य की शिक्षा मिलती है | वो महा व्यक्तित्व जानता है कि "येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति! अत: वोअपने ज्ञान के प्रकाश से विश्व को रोशन करता है और अपना सर्वस्य दान कर देता है | वो एक तपस्वी का जीवन जीता है और कर्म को अपने जीवन का आधार बना के ही जीता है | वो यह भी जानता है कि "मानं हित्वा प्रियो भवति। क्रोधं हित्वा न सोचति।।कामं हित्वा अर्थवान् भवति। लोभं हित्वा सुखी भवेत्।।" इसीलिए हर प्रकार के अहंकार को त्याग कर सबका प्रिय बन चूका है| उसने क्रोध, कामेच्छा तथा लोभ को त्याग कर स्वयं को सुखी बना लिया है और सबको प्रेरित कर रहा है। "यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः ! चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!" वो अच्छा है इसलिए उसके ह्रदय में जो है उसे ही वो प्रकट करता है, वो जो कहता है वही करता है , उसके मन, वचन और कर्म में समानता होती है | और जब ऐसे व्यक्ति का विरोध कोई करता है तो मैं उससे केवल एक प्रश्न पूछता हूँ कि "वो नहीं तो कौन ?"
1

आखिर उस “चायवाले” के व्यक्तित्व में ऐसा क्या विशेष है?

22 अक्टूबर 2024
0
0
0

वर्ष 2014 से विपक्ष में बैठे बेरोजगारी का मातम मनाने वाले छदमधर्म-निरपेछतावादीयों और छदमउदारवादीयों के मस्तिष्क मेंअक्सर ही ये जिज्ञासा कौतूहल के साथ उत्पन्न होती है कि“आखिर उस “चायवाले” के व्यक्तित्व

2

आखिर विपक्षि नेता हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी से चीढते क्योँ हैं?

22 अक्टूबर 2024
0
0
0

 मित्रों अब ये तथ्य किसी से छिपा नहीं है , कि आज विश्व के ही नहीं अपितु भारत की विपक्षी राजनितिक पार्टियों के नेता पूर्णतया "मोदी विरोध " की राजनीति में डूब चुके हैं | मोदी विरोध में ये कभी भी कि

3

श्री एस जयशंकर जैसा सपूत और श्री नरेंद्र मोदी जी जैसा जौहरी|

22 अक्टूबर 2024
0
0
0

जी हाँ दोस्तों विदेशो में हमारे देश के मुख अभिव्यक्ति बने श्री एस जयशंकर जी कि राजनितिक वाक्पटुता और स्पष्टवादिता के सभी मूरीद हो चुकेहैं, धन्य हैं हमारे पारखी प्रधानमंत्री जिन्होंने इस हिरे को परखा औ

4

क्या मोदी विरोधी मोदीफोबिया रूपी एक रहस्यमय मानसिक बीमारी से त्रस्त है?

22 अक्टूबर 2024
0
0
0

 मित्रों उसमहामानव के विरुद्ध दुर्भावना की अभिव्यक्ति उस वर्ष से हि शुरूहो गई थी जब वो प्रथम बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद से सुशोभित हुआ। यद्यपि उसने गोधरा के दंगों और फसादों से किसी शुरवीर कि भांति ल

5

हत्या का षड्यंत्र २०२० में और उस पर अमल २०२२ में|

22 अक्टूबर 2024
0
0
0

साल २०२० में एक यूट्यूब चैनल पर खालिस्तानी आतंकवादियो ने एक एनिमेटेड वीडियो अपलोड किया था, जिसमें जो कुछ दिखाया गया था वो कुछ इसप्रकार है:- १:- प्रधानमंत्री जी अपने कार्यालयसे बाहर निकलते हैं अपनी SPG

6

वो पीढियों से चली आ रही मांगे पूरी कर रहे, हमें उनका साथ नहीं छोड़ना|

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मैं बहुत  पीछे नहीं जाना चाहता, बस तथाकथित स्वतन्त्रता वाले वर्ष से २०१४ तक कि अवधी (जिसमें स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी और स्व श्री अटलबिहारी वाजपेयीजी के कार्यकाल को छोड़कर) हिंदुस्तान का सना

7

Deep Fake Video, Tool Kit और कांग्रेस।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मित्रों कांग्रेस लोकतंत्र के महा पर्व  वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र की दृष्टि से नहीं अपितु एक भयानक युद्ध की दृष्टि से देख रही है और उसी दृष्टि से भाग भी ले रही है। काग्रेस अपने अस्तित्व की

8

राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी क्यों जरूरी है?

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

 देख लो जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने आक्रमण कर कब्जा करना शुरू किया तो वंहा कि जनता के साथ साथ सेना ने भी बुजदिलो कि तरह आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पास पेट्रोल, डीजल कि कमी नहीं थी, सारी दुनिया से मदद भ

9

हमारा संविधान खतरे में है, हमें संविधान को बचाना है|

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

 मित्रों जैसा की आप और हम वर्ष २०१४ से लगातार अपने देश में एक शोर सुन रहे हैं, खासकर विपक्ष का हर नेता और उनकी पार्टी का हर कार्यकर्ता चीख चीख कर जनता को बता रहा है कि “हमारा संविधान खतरे में है, हमें

10

भारत कि सशक्त और धाकड़ विदेश नीति।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मित्रों आज से कुछ वर्ष पूर्व गीतकार और कवी प्रसून जोशी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए   हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी ने कहा था कि “भारत ना आँखे उठा के बात करता है और ना आँखे

11

आपदा सदैव एक अवसर के साथ आती है|

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

जी हाँ,  मित्रों जब पूरे विश्व में कोरोना काल का भयानक दौर चल रहा था, सर्वत्र त्राहि माम त्राहि माम की असहनीय दशा अपने चरम पर थी, तब हमारे प्रधानमंत्री (श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी) ने देशवासियो का

12

भयानक षड्यंत्र, भ्रष्टाचार और नफरत का धंधा , गोधरा |

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मित्रों ये सत्य है कि प्रतिष्ठित परिवार में जन्म ले लेने से ही कोई व्यक्ति उस प्रतिष्ठा का अधिकारी नहीं हो जाता और यदि उसे प्रतिष्ठित मान भी लिया जाए तो, यह उसके अपने कर्म पर निर्भर करता है कि वो व्यक

13

विपक्ष की राजनीति केवल "विरोध"।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

जी हाँ मित्रों आज का विपक्ष केवल एक मुद्दे पर जिवित है और वो है "विरोध"। विरोध यदि सकारात्मक है तो उसका प्रभाव राष्ट्र के जनमानस पर अवश्य पड़ता है और वो भी उसमें सम्मिलित होने का प्रयास करता है उदाहरण

14

पसमांदा मुसलमानो के लिए मसीहा बने " नमो" |

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

 जी हाँ मित्रों आज तक आपने मुसलमानो के केवल “शिया” या “सुन्नी” नामक दो बड़े भागो में विभक्त देखा होगा या फिर इन्हें “हनफि”, “अहमदीया”, “देवबन्दी”, “देहलवी”, ” बरेलवी”, “बहावी” और कई प्रकार की जमातो में

15

ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत |

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

 जी हाँ मित्रों आज अंग्रेजों और अंग्रेजों का पक्ष लेने वाले और भारत में रहने वाले उनके चाटुकारो के लिए निसंदेह दुःख भरा दिन है, परन्तु प्रत्येक सच्चे भारतीय के लिए आज का दिन गौरवमय आंनद से भरा उत्सव ज

16

श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी विरुद्ध ममता, नितीश, केजरी और राहुल|

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

 मित्रों मैं आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ वर्ष २०२४ में होने वाले लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद के उम्मीद्वारो पर। ज़रा ध्यान दीजिये एक ओर है, आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी यदि हम ईनके

17

पहले काबिलियत पैदा करो फिर मैदान में आओ।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

जो कर्मयोगी है वो कभी रिटायर नहीं होता है। जो कर्म में विश्वास रखता है वो अवकाश के बारे में नहीं सोचता। एक कर्मयोगी सदैव अपने कर्तव्यों के प्रती उत्साहित और जागरूक रहता है। आज हमारे देश को  लालू जी न

18

पाकिस्तानी पप्पू बिलावल भुट्टो का हमारे प्रधानमंत्री के बारे में बयान|

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मित्रों पाकिस्तानी पप्पू और  "बिल्लो  रानी "   के नाम से कुख्यात बिलावल भुट्टो ने एक बयान देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका ने बैन कर दिया था। “गुजरात का कसाई जिन्दा है” |  खैर पप्पू

19

"तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें विकसित भारत दूँगा"।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

मित्रों आज हमारे देश में दो प्रकार का नेतृत्व है। एक है आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के रूप में जिनके पास २०२९ तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा २०४७ तक ए

20

हे प्रभु इतनी भयानक योजना।

23 अक्टूबर 2024
0
0
0

कांग्रेस पार्टी वर्ष २०१४ के पश्चात किस प्रकार अति भयावह रूप में सनातनियों के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहीं है, उसका एक और जीता जागता उदाहरण है उसका घोषणा पत्र जिसे वो न्याय पत्र कह रहीं है। सनातनियों को ल

21

BharOS भारत का अपना ओपरेटिंग सिस्टम|

24 अक्टूबर 2024
0
0
0

रों आदरणीय  प्रधानमंत्री  श्री  नरेंद्र  दामोदरदास  मोदी  जी  के  नेतृत्व  में आत्मनिर्भर भारत कि दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हमारे देश ने अपना एक ओपरेटिंग सिस्टम विकसित कर लिया है, जो अति

22

Central Bank digital currency @E-rupya सफलता का नया मुकाम|

24 अक्टूबर 2024
0
0
0

 मित्रों UPI अर्थात Unified Payment Interface (जिसकेमाध्यम से मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके अपने बैंक अकाउंट से किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किया जाता है) कि अभूतपूर्व सफलता के पश्चा

23

" नमो" , भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था |

24 अक्टूबर 2024
0
0
0

हे मित्रों, ईश्वर की असीम अनुकम्पा है हम भारतीयों के ऊपर कि हमने सही समय पर सही निर्णय लिया और किसी के बहकावे में ना आकर हम अपने निर्णय पर अडिग रहे और  अपने  देश  की  बागडोर  श्री  नरेंद्र  दामोदरदास

24

चूँकि वो तानाशाह है।

27 अक्टूबर 2024
0
0
0

हाँ तुम लोग सही कह रहे हो वो तानाशाह है इसलिए :-   १:-तुम उसे खुलेआम "मौत का सौदागर, नीच, भ्रष्ट, चोर और ना जाने कैसे कैसे अपशब्दों से पुकारते हो और वो तुम्हें इसके लिए क्षमा कर  देता है और tumhare व

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए