मित्रों कांग्रेस लोकतंत्र के महा पर्व वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र की दृष्टि से नहीं अपितु एक भयानक युद्ध की दृष्टि से देख रही है और उसी दृष्टि से भाग भी ले रही है। काग्रेस अपने अस्तित्व की शायद आखिरी लड़ाई लड़ रही है और गाँधी परिवार अपने वर्चस्व के लिए। कल तक जिस गाँधी परिवार के विरुद्ध कुछ सोचने से भी एक कांग्रेसी सहम जाता था, आज वही कांग्रेसी अपने स्वाभिमान को बचाने के लिए ना केवल कांग्रेस से स्वयं को अलग कर रहा है अपितु गाँधी परिवार पांचों उँगलियों से वार कर रहा है।
चुनाव के दौरान कांग्रेस से अपना दामन छुड़ाकर स्वच्छ वायु में साँस लेने वाले कुछ कांग्रेसियों के नाम:-
आचार्य प्रमोद कृष्णन । गौरव भल्ला । रोहन गुप्ता । अवरिंदर सिंह लवली और संजय निरुपम ।
मित्रों ये कोई साधारण कार्यकर्ता नहीं थे कांग्रेस के अपितु ये धरातल पर कार्य करते हुए नित नई ऊचाईयों को छूकर समाज-व्यवस्था में अपना स्थान बनाने वाले नेता हैं। ये वो लोग हैं जो हर मोड़ पर, हर क्षण कांग्रेस के पक्ष को जोरदार ढंग से प्रस्तुत किया करते थे और जबर्दस्त चर्चा और परिचर्चा करते थे।
अखिर क्या कारण था कि इतने योग्य और प्रतिभाशाली नेताओं को कांग्रेस छोड़कर जाना पड़ा। तो मित्रों इसका उत्तर वर्ष १९७५ से चली आ रही वामपंथियों और कांग्रेस की अटूट मित्रता को जाता है। वामपंथियों ने अपने सडे गले और नकार दिए गए अस्तित्व को बचाने के लिए कांग्रेस रूपी शरीर में एक परजीवी की भाँति रहना स्वीकार कर लिया और फिर धीरे धीरे कांग्रेस की सोच, उसके विचारों और फिर उसके सम्पूर्ण अस्तित्व को ही अपने निकृष्ट मानसिकता में जकड़ लिया। आज कांग्रेस की संस्कृति, भाषा, विचार, नीतियों और कार्यविधियों में पूर्णतया वामपंथियों का उन्माद और काला प्रभाव दिखाई देता है और कांग्रेस के शरीर पर परजीवी बन कर रहने वाले वामपंथियों ने कांग्रेस का चरित्र ही मिटा डाला है।
आज कांग्रेस सैम पित्रोदा, जय राम रमेश, के सी वेणुगोपाल, वृंदा करात, पी चिदंबरम,अंबिका सोनी कन्हैया कुमार और अन्य के कब्जे में पूर्णतया फंस चुकी है। और यही कारण है कि वामपंथियों की कुत्सित और अमानवीय विचारधारा में कांग्रेस को डूबा देख सच्चे कांग्रेसी एक एक करके कांग्रेस को छोड़कर अलग हो रहे हैं।
कांग्रेसियों और उन पर श्रापित वामपंथियों की विचारधारा ने कांग्रेस का चरित्र झूठ, फरेब, मक्कारी, गद्दारी और अन्य प्रकार के दुराचरण से भर दिया है और उसी का कुछ उदाहरण आप देखिए:-
Deep Fake Video
१:- रणवीर सिंह (बालीवुड का अभिनेता) के असली वीडियो को तकनीकी से बदलकर उसे मोदी जी के विरुद्ध प्रचार करता दिखाना; २:- गृहमंत्री श्री अमित शाह के असली वीडियो में छेड़छाड़ करके "अमित शाह जी को SC/ST आरक्षण को समाप्त करने की घोषणा करते हुए दिखाना"।
झूठ संख्या १
१:-संविधान बदल देंगे। आज राहुल गाँधी, प्रियंका वाड्रा सहित सभी कांग्रेसी एक सुर में ये झूठ बोल रहे हैं कि यदि मोदी जी जीत गया तो संविधान बदल देगा"। और इस झूठ को बढावा उसके गठबंधन (इंडि गठबंधन) के साथी दे रहे हैं।
झूठ संख्या २
२:- आरक्षण समाप्त कर देंगे :- मित्रों विभिन्न मंचों से प्रधानमन्त्री, गृहमंत्री, रक्षा मंत्री और भाजपा और उसके गठबंधन के कई नेताओ ने स्पष्ट रूप से कहा है घोषणा की है कि "SC/ST और OBC का आरक्षण कोई नहीं समाप्त कर सकता" पर इसके बावजूद भी कांग्रेस और इंडि गठबंधन के नेता एक सुर में जनता के सामने आकर बड़ी निर्लज्जता से झूठ बोल रहे हैं।
झूठ संख्या ३
३:- चुनाव होना बंद कर देंगे। मित्रों चुनाव प्रक्रिया लोकतंत्र का एक प्रमुख स्तम्भ है और संविधान प्रदत्त प्रणाली है, अतः चुनाव प्रक्रिया के अभाव में लोकतंत्र में जनप्रतिनिधियों का चयन हि असंभव हो जाएगा, अतः चुनाव प्रक्रिया के समाप्त होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता। हाँ ये हो सकता है कि जनता विपक्ष को पूर्णतया नकार दे और विपक्ष शर्म से चुनाव में भाग ही ना ले। चुनाव तो हर दशा में होते ही रहेंगे।
झूठ संख्या ४
४:- नागरिकता छिन लेंगे:-मित्रों पश्चिम बंगाल की दीदी का तो अपना ही रंग और रोगन है। वो पश्चिम बंगाल के नागरिकों को डरा रहीं हैं कि यदि मोदी जीत गये तो CAA और NRC लागू करके आपकी नागरिकता छीन लेंगे जबकि वास्तविकता ये है कि CAA नागरिकता देने वाला विधेयक और अधिनियम है और वहीं NRC तो राष्ट्र के नागरिकों की एक प्रामाणिकता प्रदान करने वाला रजिस्टर है और इन दोनों से देश के नागरिकों की नागरिकता को कोई खतरा नहीं। हाँ घुसपैठियों को बाहर तो हर हाल में निकालेंगे चाहे CAA और NRC रहे या ना रहे।
झूठ संख्या ५
५:- लोकतंत्र खत्म करके तानाशाही आ जाएगा।मित्रों मोदी जी के पिछले १० वर्षों का शाशन सम्पूर्ण विश्व ने देखा और कांग्रेस या विपक्ष ने आज तक एक भी उदाहरण प्रस्तुत नहीं किया जिससे तानाशाही का आरोप सिद्ध कर पाए।
१:- अरे वो तानाशाह होता तो क्या इतना बुरा भला कहकर तुम स्वतंत्र रह पाते; २:- वो तानाशाह होता तो क्या :- १०~१२ करोड़ शौचालय बनवाता; १० से १२ करोड़ गरीब माताओं को निशुल्क गैस कनेक्शन और सिलेंडर देता; ४ करोड़ से अधिक घर बनाकर गरीबों को देता; १५ करोड़ किसानो को प्रत्येक वर्ष ₹६०००/_ की रकम देता; ७० करोड़ लोगों के बैंक में खाते खुलवाता; ₹५ लाख तक चिकित्सा बीमा गरीबों और मजदूरों को दिलवाता; केवल ₹१२ में ₹२ लाख तक बीमा देता गरीबों को तथा समाज के हर वर्ग को; लाखों की संख्या में लखपति दीदी बनाता; २० करोड़ से अधिक घरों में निशुल्क बिजली कनेक्शन देता; ५० हजार किमी लम्बे हाईवे बनवाता; मुस्लिम महिलाओं को अकेले हज पर जाने की व्यवस्था करता; तीन तलाक जैसी असमाजिक व्यवस्था को समाप्त करता; प्रभु श्रीराम के मन्दिर के लिए क्या अदालत के आदेश की प्रतीक्षा करता; भारत की सीमाओं पर सेना के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर का जाल फैलाता;३७० हटाकर जम्मू, कश्मीर और लद्दाख में विकास की बयार बहाता।अरे तुम किस मुँह से उसे तानाशाह कह रहे हो, तनिक अपने गिरेबान में झाँक कर देखकर लो शर्म से डूब मरोगे ।
Tool Kit
मित्रों टूल कीट की क्या बात करें, किसान आंदोलन, CAA के विरोध वाला आंदोलन, अडानी के विरुद्ध आंदोलन, सर्जिकल स्ट्राइक को फ़र्जी बताने वाला आंदोलन, चीन की बड़ाई करने वाला आंदोलन, घुसपैठियों के लिए आंदोलन व दिल्ली के दंगे इत्यादि एसे अनेक टूल कीट हैं जो केवल मोदी विरोध में देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालते हुए इन विपक्षियों ने अपनाया है और आगे भी उपयोग में लाने वाले हैं, हम सबको सावधान रहने की आवश्यकता है।
मित्रों हमारे लोकप्रिय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी के नेतृत्व में हमारा देश दिन दुनि रात चौगुनी उन्नति कर रहा है और यही बात देश के दुश्मनो को पसंद नहीं आ रही है और वो हमारे देश को अस्थिर बनाने के लिए विकृत मानसिकता वाले लोगों का सहारा ले रहे हैं और " टूल किट " का सफल परीक्षण कर नुकसान भी पहुंचा रहे हैं पर हम जनता जनार्दन को सावधान रहने की आवश्यकता है, क्योंकि इस देश की सुरक्षा हमारे हाथों में हैं |
हम राष्ट्र के साथ हैं। हमारा वोट राष्ट्र और राष्ट्रवादी को।