मित्रों आज हमारे देश में दो प्रकार का नेतृत्व है। एक है आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के रूप में जिनके पास २०२९ तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा २०४७ तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की पवित्र सुदृढ़ और सशक्त संकल्प है *तो दूसरा नेतृत्व है* विपक्ष का जिसके पास केवल हमारे प्रधानमंत्री को हराने की ही कल्पना है, इसके अतिरिक्त इनके पास ना तो नीति है, ना नियत है और ना इस महान राष्ट्र को समृद्ध बनाने की कोई सोच है।
मोदी जी कह्ते हैँ कि मैं देश को विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाऊँगा आप मुझे वोट दो तो वहीं विपक्ष कहता है हम मोदी को हराने के लिए सबकुछ करेंगे;
मोदी जी कह्ते हैं युवाओं को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वरोजगार करने हेतु आर्थिक सहायता करेंगे उन्हें अपने व्यवसाय का मालिक बनाएंगे, विपक्ष हेलिकाप्टर में मछली को नोच नोच के खाता है, वीडियो बनाता है और नवरात्रि से ठीक १ घण्टे पूर्व सोशल मीडिया पर पोस्ट करके कहता है कि हम मोदी को हराने के लिए कुछ भी करेंगे।
मोदी जी किसानों को किसान सम्मान निधि योजना, प्रधानमन्त्री सिंचाई योजना, फसल बीमा योजना, आयुष्मान योजना, जन धन योजना व अन्य कृषि संबन्धी योजनाओं से सशक्त बनाने की बात करते हैं तो वहीं विपक्ष किसानों के नाम पर आंदोलनजीवी लोगों की भीड़ जुटाकर किसानों को बदनाम करता है और मोदी को हराने के लिए सब कुछ करने की बात करता है।
मोदी जी नारी वन्दन अधिनियम के द्वारा नारियों को आरक्षण देकर संसद और विधानसभा में उनकी भागीदारी बढ़ाकर उनके सशक्तीकरण पर कार्य करते हैं तो वहीं विपक्ष इसकी आलोचना करता है और मोदी को हराने के लिए सबकुछ करने की बात करता है।
मोदी जी ने सुकन्या समृद्धि योजना, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना और शादी सगुन योजना से देश की बेटियों को सशक्त बनाया वहीं विपक्ष मोदी को हराने के लिए एकजुट होता रहा।
मोदी जी ने उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत योजना हर घर जल योजना और प्रधानमन्त्री आवास योजना से भारतीयों के जीवन शैली मे सुधार करते रहे तो विपक्ष केवल आलोचना और मोदी को हराने की योजना बनाने मे लगा रहा।
COVID-19 के दौरान मोदी जी ने एक अभिभावक की भाँति भारतीय जनमानस का जीवन बचाने मे लगे रहे और COVID की वैक्सीन तैयार करवा दी वहीं विपक्ष केवल डर फैलाता रहा और वैक्सीन को मोदी वैक्सीन बताता रहा।
मोदी जी आयुष्मान योजना (विश्व की सबसे बड़ी बीमा योजना) की परिधि को बढ़ाकर उसमें ७० वर्ष के उम्र वाले देश के वरिष्ठ नागरिकों को भी ₹५ लाख तक का चिकित्सा सुरक्षा कवच प्रदान करने की योजना पर कार्य करते हैँ तो वहीं विपक्ष इसकी आलोचना करता है और मोदी जी को हराने के लिए सबकुछ करने की बात करता है।
मोदी जी स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडियाl और मेक इन इंडिया इत्यादि योजनाओं के अंतर्गत देश को आत्मनिर्भर भारत बनाने की दिशा में अनवरत कार्य कर रहे हैं वहीं विपक्ष इनका मज़ाक उड़ा रहा है और मोदी को हराने के लिए सबकुछ करने की बात कह रहा है।
मोदी जी के UPI ने पूरे विश्व को आश्चर्यचकित कर दिया आज UPI जैसे payment करने की सुविधा यूरोप के विकसित देशों में भी नहीं है, आज अम्बानी, अडानी, टाटा या बिरला हो या फिर राहुल, अखिलेश या तेज प्रताप सभी UPI से लेन देन करते हैं पर विपक्ष इसका मजाक उड़ाता है और मोदी को हराने के लिए सबकुछ करने की बात करता है।
मोदी जी भारतीय रुपये को डालर के मुकाबले सशक्त बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं और विपक्ष मोदी जी को हराने में लगा है।
मोदी जी के राज में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक कर आतंकियों को जहन्नुम में झोंक दिया और विपक्ष सेना के इस पराक्रम का सबूत मांगता रहा और इसे फर्जीकल स्ट्राइक बताकर इसका मज़ाक उड़ाता रहा।
मोदी जी के राज में सेना ने चीनीयों को मसल के रख दिया और उनकी छाती पर चढ़कर इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास किया और विपक्ष केवल मोदी को हराने और चीन को बड़ा बताने का कार्य करता रहा।
मोदी जी के राज मे भारतीय वैज्ञानिकों ने चन्द्रयान को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सबसे पहले उतारकर पूरे विश्व में भारत की धाक जमा दी और विपक्ष केवल आलोचना करता रहा।
मोदी जी के राज में ISRO ने एक साथ १०० से अधिक सैटेलाइट का सफ़लतापूर्वक प्रक्षेपण कर उन्हें अंतरिक्ष में स्थापित कर विश्व रिकार्ड बनाया और विपक्ष केवल मोदी को हराने में लगा रहा।
मोदी जी के राज में भारतीय वैज्ञानिकों ने "तेजस" का निर्माण कर सम्पूर्ण विश्व को आश्चर्य में डाल दिया, वहीं भारत के ब्रह्मोस ने बड़े बड़े देशों की नींद उड़ा दी और यहाँ विपक्ष केवल मोदी जी को हराने में लगा रहा।
और मैं क्या क्या बताऊँ मित्रों आज के विपक्ष को देखकर केवल यही समझ में आता है कि ये दिशाहीन, लक्ष्य विहीन, नासमझ और नाकाम लोगों का एक एसा समुह है जो इस देश को कुछ नहीं दे सकते और इसे देश पर केवल एक बोझ की भाँति है। इनकी सोच, इनकी समझ और इनकी नियत सब पर ग्रहण लग चुका है, इनमे से कोई खोटा सिक्का है तो कोई चुका हुआ कारतूस है और अधिकांश दागदार हैँ। विपक्ष एक पूर्वाग्रही मुर्ख की भांति व्यवहार कर रहा है, जिसके संदर्भ में हमारे शास्त्र कुछ इस प्रकार उपदेश देते हैं :-
भर्तृहरि नीति शतक-श्लोक 5
लभेत सिकतासु तैलमपि यत्नतः पीडयत् पिबेच्च मृगतृष्णिकासु सलिलं पिपासार्दितः ।
कदाचिदपि पर्यटञ्छशविषाणमासादयेत् न तु प्रतिनिविष्टमूर्खजनचित्तमाराधयेत् ॥
अर्थात :- अथक प्रयास करने पर रेत से भी तेल निकला जा सकता है तथा मृग मरीचिका से भी जल ग्रहण किया जा सकता हैं। यहाँ तक की हम सींघ वाले खरगोशों को भी दुनिया में विचरण करते देख सकते है; लेकिन एक पूर्वाग्रही मुर्ख को सही बात का बोध कराना असंभव है।
अब जनता जनार्दन को निर्णय लेना है कि कौन इस राष्ट्र के भविष्य को सुरक्षित रख सकता है और सशक्त बना सकता है।
दुष्टस्य दण्डः स्वजनस्य पूजा न्यायेन कोशस्य हि वर्धनं च ।
अपक्षपातः निजराष्ट्ररक्षा पञ्चैव धर्माः कथिताः नृपाणाम् ॥
अर्थात:-दुष्ट को दंड देना, स्वजनों की पूजा करना, न्याय से कोश बढाना, पक्षपात न करना, और राष्ट्र की रक्षा करना – ये राजा के पाँच कर्तव्य है । और मोदी जी प्रधानमन्त्री के रूप में यही तो कर रहे हैं। उनके पास वर्ष २०४७ तक का विजन हैं। वो ना केवल कह्ते हैँ अपितु हृदय से मानते हैं "मैं रहूँ या ना रहूँ पर ये देश रहना चाहिए"।
जयहिंद, वंदेमातरम।