मित्रों उसमहामानव के विरुद्ध दुर्भावना की अभिव्यक्ति उस वर्ष से हि शुरूहो गई थी जब वो प्रथम बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद से सुशोभित हुआ। यद्यपि उसने गोधरा के दंगों और फसादों से किसी शुरवीर कि भांति लड़ा और विजय प्राप्त कि परन्तु उसके प्रति दुर्भावना की अभिव्यक्ति और तीव्र हो गई।
उसके उपर कई असंगत और मिथ्यारोप गढ़ कर केंद्र में बैठे विरोधियों द्वारा प्रताड़ीत किया गया, CBI द्वारा घंटो पूछ्ताछ करवाई गई परन्तु वो हर आरोप को मिथ्या और अनर्गल प्रलाप साबित करता हुआ एक उजाले कि भांति चमकता रहा, इससे उसके विरुद्ध दुर्भावना की अभिव्यक्ति में अभूतपूर्व वृद्धि हुई। उसे उसके सद्चरित्र औरकर्तव्यशील व्यक्तित्व से प्रभावित जनता ने अपनी शान बना लिया और दूसरी बार पूर्ण बहुमत के साथ उसने गुजरात में अपनी सरकार बनाई और पुनः मुख्यमंत्री बना।जनता केबीच बढ़ रही लोकप्रियता को देख उसके प्रति दुर्भावना की अभिव्यक्ति में और वृद्धि हो गई।
उसे, मौतका सौदागर, दुर्दांत, बांटनेवाला, नालायक, अपराधी, गुंडाऔर ना जाने कैसे कैसे अपशब्दों से नवाजने का सिलसिला चल पड़ा। पर धन्य है वो महामानव स्वय कि इस प्रकार की जाने वाली इन बुराइयों को अपनी ताकत बना कर वो नित नए प्रतिमान गढ़ता रहा। भारतीय जनता के ह्रदय और मस्तिष्क में उसने अपने सद्चरित्रता कि वो गहरी छाप छोड़ी कि उसके प्रति व्यक्त कि जाने वाली निम्नकोटि कि निकृष्ट भावनाओं का जनता के ऊपर कोई असरनहीं हुआ, वो उसे अपना सच्चा नेता मानती रही।
और फिर आया वर्ष २०१४ एक क्रन्तिकारी वर्ष जो केवल भारत हि नहीं अपितु सम्पूर्ण विश्व के भुगोल और भविष्य को बदलने वाला साबित हुआ, जी हाँ जो कल तक गुजरात कि जनता का चहेता था वो उस वर्ष पूरे भारतवर्ष कि जनता का सिरमौर बन गया। उसने पूरी गरिमा के साथ“सबका साथ सबका विकास”के संकल्पके साथ अपने प्रधानमंत्रित्व काल का शुभारम्भकिया।
उसने देशहितमें कई कड़े कदम उठाये जिसे जनता ने समझा सराहा और अपने नेता का भरपूर साथ दिया जिसमें (१) जनधन योजनाके तहतमजदूर, किसान, दलित, गरीब और हर उस व्यक्ति के बैंक एकाउन्ट खुलवाये गए जो कि सीना किसी कारण से एकाउन्ट नहीं खुला पा रहे थे; (२) नोटबंदी करके कालाधन इकट्ठाकरने वालों के कालेधन को किसी काम का नहीं रहने दिया(पाकिस्तान कि कमर तोड़ दी और इसके साथ हि कश्मीरके अलगाववादियों को मिलने वाले पैसों पर रोक लगा दी जिससे पत्थरबाजों को मिलने वाले पैसे बंद हो गए।)(३) GST लागुकर बहुत सारे अनर्गलटैक्स देने से जनता को मुक्तिप्रदान कर दी।(४) बेनामी सम्पति अधिनियम मे अभूतपूर्व बदलावकर उसे सशक्त बनाया जिसके परिणामस्वरूप बड़े बड़े सफेदपोशों कि बेनामी सम्पत्तियां जब्त कि जाने लगी।(५) Insolvency & Bankruptcy Code, 2016 लाकर डिफाल्टर बड़ी बड़ी कम्पनियों से ऋण वसूली को आसान बनाया। इसी प्रकार उसने कई ऐसे कार्य किये जिसे भारत कि जनता सहित समस्त विश्व ने सराहा परन्तु दुर्भावना व्यक्त करने वाले विरोधियों के ह्रदय और भी विषाक्त हो गए और वो दुगनी तिगुनी ताकत से उस महामानव के विरुद्ध ज़हर उगलने लगे।
उसने आतंकियों को सबक सिखाने के लिए नापाक पाकिस्तान की सीमा में घुसकर सर्जिकलऔर एअरस्ट्राइक किऔर सैकड़ोआतंकियों को जहन्नुम पहुंचा दिया पर ये विरोधी उस महामानव का केवल विरोध करने के लिए भारतीय सेना द्वारा दिखाए गए पराक्रम पर भी सवाल उठाने लगे, कुछ तो इतनी नीचता पर गिर गए की उन्होंने तत्कालीन सेना प्रमुख को “सड़कका गुंडा”तक कह डाला।
उसने जनता से कहा की आप जनता जनार्दन हो और आपने मुझे प्रधानमंत्री अवश्य बनाया है पर मैं इस देश का औरआपका चौकीदारहूँ। उसने पूर्व सरकार से कहींअच्छी और कई गुनी सस्ती Deal करके फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानो को ख़रीदा सारी दुनिया आश्चर्यचकित थी उसकी इस कूटनिति पर विरोधियों ने उसके इस कदम में भी अपनी दुर्भावना और गन्दी सोच को शामिल कर “चौकीदारचोर है”का नारा दे दिया पर मज़े कि बात ये है कि उन दूषित मानसिकता वाले विरोधियों को जनता ने ये कहकर जवाब दिया कि “मैं भी चौकीदार हूँ”।
उसने कहा प्रभु श्रीराम का मंदिर अयोध्या में उसी स्थान पर बनेगा परन्तु विधि के विधान से तब यही विरोधी उस पर यह कहते हुए तंज कसते थे कि वो तो फेकू है और फेकू कहते हैं की “रामलला हमआएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे पर तारीख नहीं बताएंगे।” और जब संविधान द्वारा प्रदत्तपरिपाटी पर चलते हुए मर्यादा #पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम केभव्य मंदिर का अयोध्यामें निर्माण हो रहा है तो यही दुर्भावना से ग्रसित विषाक्त प्राणी उसे फर्जी रामभक्त कहकर खुदको असली रामभक्त साबित करने में लगे हुए हैं। हालाँकि मित्रों अयोध्या में रामलला विराजमान हो चुके हैं और उनके भक्तों का ताँता लगा हुआ है |
उसने कहा की जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद ३७० और ३५अ हटाकर रहेंगे।उत्तर में यही विरोधी उस महामानव के विरोध में देशहित का विरोध करते हुए चिल्लाने लगे कि यदि ३७० और३५अ हटाया गया तो खून की नदियाँ बहेन्गी और् कोई तिरंगे को उठाने वाला नहीं मिलेगा।उसने ना केवल अनुच्छेद ३७० और ३५अ हटाया अपितु पूरे जम्मूकश्मीर को तीन भागो में बांटकर लद्दाख को केंद्रशासित प्रदेश बना दिया और आज लालचौक पर पूरे शान से तिरंगा लहरा रहा है।
उसने तीन तलाक जैसे मुसलिम समाज मे फैले गन्दी, अतिअमानवीय और महिलाविरोधी रीवाज को खत्म कर एक कलंक से महिलाओ को मुक्ति दिलवाई पर विरोधियों ने केवल उसका विरोध करने के लिए इस महान कदम का विरोध किया।
उसने CAA लागु किया और पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंगलादेश में रहने वालेअल्पसंख्यक समुदाय को आतंकी घटानाओ से बचाने हेतु भारत कि नागरिकता देने का प्रावधान किया तो इसका भी जबरदस्त विरोध किया गया औरअंत मे दिल्ली में दंगे फैलाकरऔर लगभग ५० से ६० लोगों कि जान लेकर और हजारों करोड़ कि संपत्तिको नष्ट करके हि माने।
उसने पिछले ७५ वर्ष के इतिहास में पहली बार चिन को उसकी औकात बताते हुए घुटनो पर ला दिया, उसकी कुटिल कूटनीति ने चिन कि अर्थव्यवस्था को बिना किसी लाग लपेट के अर्श से उठाकर फर्श परपटक दिया।उसने अंग्रेजो को उन्हीं कि भाषा में जवाब देकर उनकी औकात बता दी और एक तथ्य को उनके दिमाग मे डाल दिया कि यदि तुम हमारा सम्मान करोगे तभी हमसे सम्मान पाओगे। उसके नेतृत्व में प्रथम बारफ्रांस, रसिया, अमेरिका, इजराइल, दुनिया के समस्त मुसलिम देशों की संस्था, ऑस्ट्रेलिया, जापान, ताइवान, दक्षिणकोरिया, उज्बेकिस्तान, इंग्लैंड, जर्मनी और कई अफ़्रीकी देश एक साथ भारतके साथ खड़े हुए दिखाई देते हैं।
उसने किसानों के हित को देखते हुए तीन नए बिल लाए जो विधि अनुसार अधिनियम में भी बदल गए परन्तु इससेे मंडी में बैठे बड़े बड़े दलालों और किसान के नाम पर हजारों करोड़ का मुनाफा कमाने वाले नेताओं के हितों पर चोट लगनी शुरू हुई तो उन्होंने पिछले एक वर्ष से किसान आंदोलन के नाम पर देश में अराजकता कावातावरण बना रखा हैऔर आम आदमी कि छाती पर बैठकर मुंग दल रहेहैं।
उसके करिश्माई व्यक्तित्व, ईमानदार चरित्र्और राष्ट्रभक्ति का हि ये फल है कि बहरीन, रसिया, सऊदीअरब सहित ७ देशोंने अपने देश का सर्वोच्च नागरिक का पुरस्कार प्रदान किया। उसे चैम्पियंस ऑफचैम्पियन के पुरस्कार से भी सम्मानित कियागया। परन्तु उसके विरोधियों कि उसके प्रतिजलन, ईर्ष्या, और दुर्भावना कि नीच भावना कम होने का नाम हि नहीं लेती, अभी कुछ दिनों पहले हि एक बड़े नेता ने ये कहते हुए धमकी दी किउसका भी हश्र कांग्रेस कि एक बड़ी और बुलंद नेता के जैसा हो सकता है।
ऐसा प्रतीत होता है कि उसके प्रति एकवर्ग की बेलगाम नफरत, दुर्भावना और दुश्मनी एक तरह की उनके मस्तिष्क में व्याप्त मानसिक बीमारी का लक्षण है जिसे हम“मोदिफोबिया” कह सकते हैं।यद्यपि कि यह सच है कि वो ना तो सुपरहीरो हैं और न ही कोई सिद्ध पुरुष। वो तो एक साधारण मानव है।वह सच्चा है, चरित्रवान है, ईमानदार है, राष्ट्रभक्त है, कर्तव्यवान है, काम, क्रोध, मद, लोभ और मोह से कोसो दूर है और अपनी मातृभाषा में लोगों केसाथ बातचीत करता हैऔर इसलिए लोग दिल से बोले गए उसके शब्दों को स्वीकार करते हैं तथा उस परविश्वास करते हैं, इसलिए जनता ने उसे प्रधानमंत्री चुना।उसने सत्ताको जब्त नहीं किया और नही संसद के लिए दौड़ लगाई।लोकतंत्र में विश्वास रखनेवाला हर व्यक्ति को उसे प्रधानमंत्री के रूप में स्वीकार करना चाहिए।
बीजेपी २०२४के संसदीय चुनाव भी जीत चुकी है । उसे अपनी जनताजनार्दन पर शत प्रतिशतविश्वास था कि सत्ताकि बागडोर उसे फिर से जनता सौंपेगी और वो अपने देश को पुनः विश्वगुरु के पद पर सुशोभित करने में एक कदम और बढ़ जाएगा।
परन्तु उसके प्रति दुर्भावना से ग्रसित उन मानसिक रोगीयों का क्या होगा जो दिन रात उसकी बुराइयां करतेरहते हैं, उसे अपशब्दों से सम्बोधित कर उसका अपमान करते रहते हैं और उसका विरोध करने के चक्कर में देश का और तो और देश कि जनता का भी विरोध कर बैठते हैं।उनके मानसिक व्याधि के लिए क्या चिकित्सा उपलब्ध है? सोचनीय विषय है।