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वो पीढियों से चली आ रही मांगे पूरी कर रहे, हमें उनका साथ नहीं छोड़ना|

23 अक्टूबर 2024

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मैं बहुत  पीछे नहीं जाना चाहता, बस तथाकथित स्वतन्त्रता वाले वर्ष से २०१४ तक कि अवधी (जिसमें स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री जी और स्व श्री अटलबिहारी वाजपेयीजी के कार्यकाल को छोड़कर) हिंदुस्तान का सनातन समाज अपना सब कुछ इस राष्ट्र पर समर्पित कर देने के पश्चात् भी बदहाल था, कुंठित था, निराश था और स्वयं को ठगासा महसूस कर रहा था। 

क्योंकि  “मुस्लिम तुष्टिकरण” एक ऐसा मंत्र यँहा के नेताओं को मिल चूका था  जिसका कोई तोड़ समझ में नहीं आ रहा था। हर ओर इसी मंत्र का बोलबाला था, राष्ट्रपति भवन से लेकर गली कूचो तक इसी मन्त्र का राज था और कभी कभी तो ऐसा लगता था कि ये मंत्र संविधान कि आत्मा “उद्देशिका” से भी बड़ा स्थान प्राप्तकर चुका है। 

पर साथियों गुजरात केलोगों नेसंघ के एक जाने माने प्रचारक, पर राजनीतीकि दुनिया में अनजान एक शिखरपुरुष को अपना नेता  चुना और फिर क्या था समय ने करवट ले डाली और देखते हि देखते गुजरात विकास और विश्वास के रास्ते पर बढ़ते हुए भारतवर्ष के शेष भाग के लिए एक उदाहरण के रूप में स्थापित हुआ और तो और जनता ने जिस पर विश्वास किया उसने उस विश्वास को टूटने नहीं दिया और परिणाम सबके सामने था। 

लगातार तीन बार मुख्यमंत्री चुने जाने के पश्चात् वर्ष२०१४ में उसे प्रधानमंत्री के उम्मीदवार के रूप में जनता जनार्दन के समक्ष प्रस्तुत किया गया और देखते हि देखते वो शिखर पुरुष अकस्मात रूप से राष्ट्रपुरुष बनकर उभर आया और २०१४ के पश्चात्पश्चाा सनातन   धर्म के अनुयायीयों में अभूतपूर्व उत्साह और उमंग का संचार कर गया।चहूँ ओरआशा कि नई किरणें निराशा के चक्रव्यूह को तोड़कर सारे समाज में फैल गई और सनातनधर्मियों कि हर इच्छा कोवह पूर्ण  करने लगा। उसने “मुस्लिम तुष्टिकरण कि गन्दी निति को देखते हि देखते उखाड़ फेंका और” सबका साथ सबका विश्वास और सबका विश्वास”के नई निति से चमत्कारी परिवर्तन कर डाला। आइये देखते हैं उसके द्वारा किये गए कुछ महत्वपूर्ण कार्य:- 

सर्वसम्मति औरआदरणीय सर्वोच्च न्यायलय के आदेश से आयोध्या में प्रभु “श्री राम के भव्यमंदिर” बनवा रहे है।वाराणसी में परमेश्वर शिव के “काशीविश्वनाथ कॉरिडोर” का निर्माण हो चुका है, मिर्जापुर में माता विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से “विंध्याचल कॉरिडोर”बन रहा है, “चारधाम को रेल रोड हवाई कनेक्टिविटी” से जोड़ा जा रहा है,”धारा 370 और 35ए” कोहटाकर जम्मूकश्मीर के माथे पर लगा कलंक हट चुका है, “CAA” लागू करके पाकिस्तान, अफगानिस्तानऔर बंगलादेश के नर्क से अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान किया, 4 वर्षोंसे यूपी में “रक्षाबंधन के पर्व पर बहनों/महिलाओंको मुफ्त बस यात्रा” करवाया जा रहा है। यही नहीं “श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा” हो रही है, यूपी में “रंगोत्सव, दीपोत्सव, कृष्ण जन्मोत्सव” धूमधाम से मनाया जा रहा है, अयोध्या में लाखों “दीप जलाकर” विश्व रिकॉर्ड बन रहा है, “दिव्यकुंभ भव्यकुंभ” का सफल आयोजन हो चुका है, “अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन, चित्रकूट, विंध्याचल”का विकास और सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है, “रामायण सर्किट, कृष्ण सर्किट” बना रहे हो,
“कैलाश मानसरोवर भवन” बनवाया जा रहा है,”लव जिहाद”जैसी गन्दीमानसिकता केखिलाफ” कानूनबना रहेहैं, “जबरनधर्मांतरण केखिलाफ” कानून बन रहा है, “दंगे करने वाले दंगाइयों केखिलाफ वसूली”का सख्त कानून बन चुका है, सदियों से बंद “अक्षयवट, सरस्वतीकूप” को श्रद्धालुओं के लिए खुलवाया जा रहा है। 

इसके बाद एक कदम आगे बढ़ते हुए “अकबर किले में मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित” हो रही है, “रामेश्वरम को रामसेतु से जोड़ने वाला पंबन ब्रिज ”बन रहा है,”रामायणएक्सप्रेस” चल रही है, अयोध्या में “रामायण म्यूजियम” बन रहा है, अयोध्या में “251 मीटर ऊंची भगवान राम की भव्य प्रतिमा” स्थापित हो रही है, “अयोध्या से जनकपुरी (नेपाल) तक बस सेवा” शुरू हो चुकी है , मथुरा में “कृष्णलीला म्यूजियम” बन रहा है, “विश्व की सबसे बड़ी श्रीमद् भागवतगीता का अनावरण” किया जा रहा है, “बहरीन में 200 साल पुराने कृष्णमंदिर का पुनरुद्धार” हो रहा है, “84 कोस परिक्रमा मार्ग
4 लेन” का बन रहा है, “केदारनाथ धाम का पुनरोद्धार” हो रहा है, “कैलाश मानसरोवर तक रोड” तैयार हो रही है, “कैलाशमानसरोवर की यात्रा पर जाने के लिए 1 लाख की सब्सिडी” मिल रही है, काशी में “काशीविश्वनाथ वर्चुअलम्यूजियम” बन रहा है, “माता वैष्णोदेवी को रेल, रोड और हवाई कनेक्टिविटी” से जोड़ा जा रहा है, “भैरो बाबा तक रोप-वे सेवा” शुरू, “वाराणसी से कटरा तक वन्देभारत ट्रेन” चल रही है, “नमामि गंगे के तहत गंगासफाई अभियान” चल रहाहै, “जेलों में जन्माष्टमी का आयोजन” हो रहा है, “अयोध्या में रामलीला का मंचन” हो रहा, “नवरात्रि में कन्याभोज काआयोजन” होरहा है, “फैजाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम “अयोध्याजी” हो चुका है, “इलाहाबाद का नाम बदलकर पुनः प्राचीन नाम प्रयागराज” कर दिया, “भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए देश भर में विभिन्न प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार” हो रहा है । 

और तो और “आबूधाबी में पहले भव्य हिन्दू मंदिर का निर्माण” हो रहा, “गौवंश के संरक्षण” के लिये योजनाएं चल रही हैं, “विभिन्नवैश्विक मंचो से भारतीय संस्कृति को बढ़ावा” दिया जा रहा है, “संस्कृतयूनिवर्सिटी की स्थापना” हो रही है, “योग को अंतरराष्ट्रीय योगदिवस के रूप में विश्व में स्थापित” कर दिया गया, “राष्ट्रीय गोकुलमिशन”, “राष्ट्रीय कामधेनुआयोग” का गठन तथा “कुंभ मेले को यूनेस्को की विश्व धरोहर कि सूची में शामिल” करवा दिया, “विश्व के नेताओ को गीता, रामायण भेंट” किया जा रहा, “बेसहारा गोवंशों के लिए कार्पस फंड की व्यवस्था” किया गया, यूपी में “प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले सभी छात्रछात्राओं को निःशुल्क कोचिंग ”सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही, “4करोड़ से अधिक छात्रों के लिए
59,000 करोड़ रुपए से अधिक की पोस्टमैट्रिक छात्रवृत्ति योजना” शुरू कर लागू कर दिया गया। 

मित्रों उस राष्ट्र पुरुष ने केवल उतना हि नहीं अपितु जनधन योजना के अंतर्गत हर गरीब और मजदूर को बैंक से जोड़ दिया, नोटबंदी करके कालेधन वाले सफेदपोशों के नाक में नकेल कस दिया, मुफ्त में गैस का चूल्हा और सिलिंडर देकर माताओ को धुँवारूपी अंधकार से मुक्ति दिला दी,
बिजली घर घर पहुंचाकर गरीबों का जीवन आसान बना दिया, किसानों के खातों में हर वर्ष ६ हजार रुपए देकर उन्हे मानसिक संतुष्टि पहुंचाई,
फसल बीमा योजना के तहत, आकस्मिक दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान से किसानों को सुरक्षा प्रदान की, प्रधानमंत्री आवासयोजना के तहत लाखों गरीबों को आवास प्रदान किया, स्वच्छ भारत योजना के तहत घर घर में शौचालय बनवा दिया, कन्या समृद्धियोजना से बेटियों को मुस्कराने का मौका दिया, आयुष्मान योजना से गरीबों को ५लाख तक कि चिकित्सकीय सुविधा प्रदान की, केवल रुप्ये १२ प्रतिवर्ष के प्रीमियम पर ₹ २लाख तक कि बीमा प्रदान की। 

यही नहीं साहेब कभी अमेरिका से कभी चिन से और कभी रसिया से टक्कर लेकर भारतीय सेना को अधिकतम व अधुनिकतम हथियारों से अमीर बना दिया। भारत कि चिन से सटी हुई सीमा रेखा के आस पास सड़को, ब्रिजो और अन्यसंसाधनों का जाल सा बिछा दिया जिसके कारण चीन कि सिट्टी पिट्टीगुम हो गई। 

यही नहीं कोरोना “कोवीड-१९” नामक वैश्विक बीमारी से लड़ते हुए अपने देश में हि वेक्सिन का निर्माण कराया और आधी दुनिया को वेक्सिन देते हुए अपने देश के नागरिकों कि सुरक्षा और रक्षा की। प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत, Start-up और Make in India जैसे आंदोलन को बढ़ावा दिया जिससे युवाओं में रोजगार के स्थान पर स्वरोजगार कि दिशा में प्रस्थान करने कि प्रेरणा मिली और उन्होंने अपनी तक़दीर के साथ साथ औरो कि भी तक़दीर बदल कर रख दी। 

इसके अतिरिक्त क्या आप सर्जिकल स्ट्राइक और एअर स्ट्राइक को भूल सकतेहैं, क्या गलवान घाटी में भारतीय सैनिको के पराक्रम को भूल सकते हैं, नहीं ना, क्या श्रीनगर के लाल चौक पर पूरे मान, सम्मान और स्वाभिमान से फहरा रहे तिरंगे को भूल सकते हैं नहीं ना…. 

क्या आप भूल सकते हैं कि:- 

१:-उत्तरप्रदेश में २०१७ से पहले पुलिस आजम खान कि भैंस ढूढने का काम करते करते जनता से दूर हो गई थी पर २०१७ के बाद उसी पुलिस ने माफियाओ को ढूढना और ठिकाने लगाना शुरू कर दिया औरजनता कि चहेती बन गई। 

२:-उत्तरप्रदेश में २०१७ से पहले चमचो और सड़कछाप गुंडों, माफियाओ का राज था वो किसी भी तरह सरकारी या गैरसरकारी ज़मीन पर दबंगई से कब्जा करके औरअपने कालेधन से अपने महल और बड़ीबड़ी दुकाने खड़ी कर लेते थे पर २०१७ केबाद उन्हीं चमचो और सड़कछाप गुंडों,
माफियाओ के यंहा कुर्की और बुलडोजर ने वो कहर ढाया कि ना केवल उनके कब्जे से हजारों करोड़ कि सरकारी और गैरसरकारी जमीने मुक्त हो गई अपितु हजारों करोड़ का जुर्माना भी वसूला गया और उनके दिलो में क़ानून और पुलिस का खौफ भर दिया गया वोअलग से। 

३:-उत्तरप्रदेश में २०१७ से पहले चमचो और सड़कछाप गुंडों, डकैतो के रंगदारी के कारण जनता पलायन को मजबूर थी पर २०१७ के बाद उन्हीं चमचो और सड़कछाप गुंडों, डकैतो के दिलो में क़ानून और पुलिस का इतना खौफ भर् दिया सरकार ने कि वे अपने अपने क्षेत्रों से पलायन कर जेलों मे जिन्दगी गुजार रहे हैं। 

४:-उत्तरप्रदेश में २०१७ से पहले चमचे और सड़क छाप शोहदे सरे राह माताओ और बहन बेटियों के साथ छेड़खानी कर सीना तान के धमकाते हुए घूमते थे पर २०१७ के बाद वहीं चमचे और सड़कछाप शोहदे बहन बेटियों और माताओ कि ओर बुरी दृष्टि डालने से भी घबराते हैं। 

५:-उत्तरप्रदेश में २०१७ से पहले आतंकवादियों पर से अदालत में दाखिल किये गए केस वापस लेकर उन्हें फिर सेआतंक फैलाने के लिए छोड़े जाने का प्रयास किया जाता था पर २०१७ के बाद उन्हीं आतंकियों को ठोकने के लिए  ATS सेंटर खोला जाता है। तो ज़रा सोचिए जिन लोगों ने हम सनातनधर्मियों को इतना सबकुछ दिया तो क्या हम उनको अपने राष्ट्रहित में वोट नहीं दे सकते।हम सनातनधर्मी ना तो बटेंगे और ना हटेंगे बल्कि जिन्होंने  इतना दिया है, उनके सम्मान में मैदान में डटेंगे। मित्रों हमारे शास्त्र भी कहते हैं :- 

गोपायितारं दातारं धर्मनित्यमतन्द्रितम्। अकामद्वेषसंयुक्तमनुरज्यन्ति मानवाः।।  

अर्थात :-  लोग उस राजा के प्रति स्नेह रखतेे हैं, जो उनकी रक्षा करता है, दान देता है, धर्म के प्रति समर्पित है, व्यापक जागृत है, और वासना, घृणा से मुक्त है। और आप स्वयं देख सकते हैं की वे इन्हीं गुणों से सुशोभित हैं |  मित्रों याद रखें :- 

पापान्निवारयति योजयते हिताय गुह्यं निगूहति गुणान् प्रकटीकरोति । आपद्गतं च न जहाति ददाति काले सन्मित्रलक्षणमिदं प्रवदन्ति सन्तः ॥ 

अर्थात :- जो पाप से रोकता है, हित में जोडता है, गुप्त बात गुप्त रखता है, गुणों को प्रकट करता है, आपत्ति आने पर छोडता नहीं, समय आने पर (जो आवश्यक हो) देता है - संत पुरुष इन्हीं को सन्मित्र के लक्षण कहते हैं। और वे हसबके सन्मित्र हैं , अत: हमें हर परिस्थिति में उनके साथ रहना है |                                  

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रचनाएँ
वो नहीं तो कौन ?
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मित्रों ये किताब उस व्यक्ति विशेष को समर्पित है जिसके सद्चरित्र, अनुशाशन, ईमानदारी, शांतिप्रियता, कर्मठता और अपने राष्ट्र और राष्ट्जनो के प्रति अथाह प्रेम और समर्पण का कायल सम्पूर्ण विश्व है | आप में से बहुत लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं परन्तु वर्तमान में भारत की स्थिति और विश्व के अन्य देशों की स्थिति का तुलनात्मक विशेलषण करने के पश्चात आपकी असहमति कुछ सिमा तक सहमति में परिवर्तित हो सकती है | हमारे शास्त्रों केअनुसार "विदेशेषु धनं विद्या व्यसनेषु धनं मति:। परलोके धनं धर्म: शीलं सर्वत्र वै धनम्॥" अर्थात विदेश में विद्या धन है, संकट में बुद्धि धन है, परलोक में धर्म धन है और शील(अच्छा चरित्र ) सर्वत्र ही धन है! इसी को चरितार्थ करता वो महापुरुष विश्व का सबसे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि बन कर उभर चूका है| वृतं यत्नेन संरक्षेद वित्तमेति च याति च | अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः!" अर्थात चरित्र की यत्नपूर्वक रक्षा करनी चाहिए। धन तो आता-जाता रहता है। धन के नष्ट होने पर भी चरित्र सुरक्षित रहता है, लेकिन चरित्र नष्ट होने पर सबकुछ नष्ट हो जाता है। और उस महापुरुष के पावन जीवन से इसी तथ्य की शिक्षा मिलती है | वो महा व्यक्तित्व जानता है कि "येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति! अत: वोअपने ज्ञान के प्रकाश से विश्व को रोशन करता है और अपना सर्वस्य दान कर देता है | वो एक तपस्वी का जीवन जीता है और कर्म को अपने जीवन का आधार बना के ही जीता है | वो यह भी जानता है कि "मानं हित्वा प्रियो भवति। क्रोधं हित्वा न सोचति।।कामं हित्वा अर्थवान् भवति। लोभं हित्वा सुखी भवेत्।।" इसीलिए हर प्रकार के अहंकार को त्याग कर सबका प्रिय बन चूका है| उसने क्रोध, कामेच्छा तथा लोभ को त्याग कर स्वयं को सुखी बना लिया है और सबको प्रेरित कर रहा है। "यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः ! चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!" वो अच्छा है इसलिए उसके ह्रदय में जो है उसे ही वो प्रकट करता है, वो जो कहता है वही करता है , उसके मन, वचन और कर्म में समानता होती है | और जब ऐसे व्यक्ति का विरोध कोई करता है तो मैं उससे केवल एक प्रश्न पूछता हूँ कि "वो नहीं तो कौन ?"
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आखिर उस “चायवाले” के व्यक्तित्व में ऐसा क्या विशेष है?

22 अक्टूबर 2024
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वर्ष 2014 से विपक्ष में बैठे बेरोजगारी का मातम मनाने वाले छदमधर्म-निरपेछतावादीयों और छदमउदारवादीयों के मस्तिष्क मेंअक्सर ही ये जिज्ञासा कौतूहल के साथ उत्पन्न होती है कि“आखिर उस “चायवाले” के व्यक्तित्व

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आखिर विपक्षि नेता हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र दामोदरदास मोदी जी से चीढते क्योँ हैं?

22 अक्टूबर 2024
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 मित्रों अब ये तथ्य किसी से छिपा नहीं है , कि आज विश्व के ही नहीं अपितु भारत की विपक्षी राजनितिक पार्टियों के नेता पूर्णतया "मोदी विरोध " की राजनीति में डूब चुके हैं | मोदी विरोध में ये कभी भी कि

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श्री एस जयशंकर जैसा सपूत और श्री नरेंद्र मोदी जी जैसा जौहरी|

22 अक्टूबर 2024
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जी हाँ दोस्तों विदेशो में हमारे देश के मुख अभिव्यक्ति बने श्री एस जयशंकर जी कि राजनितिक वाक्पटुता और स्पष्टवादिता के सभी मूरीद हो चुकेहैं, धन्य हैं हमारे पारखी प्रधानमंत्री जिन्होंने इस हिरे को परखा औ

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क्या मोदी विरोधी मोदीफोबिया रूपी एक रहस्यमय मानसिक बीमारी से त्रस्त है?

22 अक्टूबर 2024
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 मित्रों उसमहामानव के विरुद्ध दुर्भावना की अभिव्यक्ति उस वर्ष से हि शुरूहो गई थी जब वो प्रथम बार गुजरात के मुख्यमंत्री पद से सुशोभित हुआ। यद्यपि उसने गोधरा के दंगों और फसादों से किसी शुरवीर कि भांति ल

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हत्या का षड्यंत्र २०२० में और उस पर अमल २०२२ में|

22 अक्टूबर 2024
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साल २०२० में एक यूट्यूब चैनल पर खालिस्तानी आतंकवादियो ने एक एनिमेटेड वीडियो अपलोड किया था, जिसमें जो कुछ दिखाया गया था वो कुछ इसप्रकार है:- १:- प्रधानमंत्री जी अपने कार्यालयसे बाहर निकलते हैं अपनी SPG

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वो पीढियों से चली आ रही मांगे पूरी कर रहे, हमें उनका साथ नहीं छोड़ना|

23 अक्टूबर 2024
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Deep Fake Video, Tool Kit और कांग्रेस।

23 अक्टूबर 2024
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मित्रों कांग्रेस लोकतंत्र के महा पर्व  वर्ष २०२४ के लोकसभा चुनाव को लोकतंत्र की दृष्टि से नहीं अपितु एक भयानक युद्ध की दृष्टि से देख रही है और उसी दृष्टि से भाग भी ले रही है। काग्रेस अपने अस्तित्व की

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राष्ट्रवाद और राष्ट्रवादी क्यों जरूरी है?

23 अक्टूबर 2024
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 देख लो जब अफगानिस्तान पर तालिबान ने आक्रमण कर कब्जा करना शुरू किया तो वंहा कि जनता के साथ साथ सेना ने भी बुजदिलो कि तरह आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पास पेट्रोल, डीजल कि कमी नहीं थी, सारी दुनिया से मदद भ

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हमारा संविधान खतरे में है, हमें संविधान को बचाना है|

23 अक्टूबर 2024
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 मित्रों जैसा की आप और हम वर्ष २०१४ से लगातार अपने देश में एक शोर सुन रहे हैं, खासकर विपक्ष का हर नेता और उनकी पार्टी का हर कार्यकर्ता चीख चीख कर जनता को बता रहा है कि “हमारा संविधान खतरे में है, हमें

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भारत कि सशक्त और धाकड़ विदेश नीति।

23 अक्टूबर 2024
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मित्रों आज से कुछ वर्ष पूर्व गीतकार और कवी प्रसून जोशी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए   हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी ने कहा था कि “भारत ना आँखे उठा के बात करता है और ना आँखे

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आपदा सदैव एक अवसर के साथ आती है|

23 अक्टूबर 2024
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जी हाँ,  मित्रों जब पूरे विश्व में कोरोना काल का भयानक दौर चल रहा था, सर्वत्र त्राहि माम त्राहि माम की असहनीय दशा अपने चरम पर थी, तब हमारे प्रधानमंत्री (श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी) ने देशवासियो का

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भयानक षड्यंत्र, भ्रष्टाचार और नफरत का धंधा , गोधरा |

23 अक्टूबर 2024
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मित्रों ये सत्य है कि प्रतिष्ठित परिवार में जन्म ले लेने से ही कोई व्यक्ति उस प्रतिष्ठा का अधिकारी नहीं हो जाता और यदि उसे प्रतिष्ठित मान भी लिया जाए तो, यह उसके अपने कर्म पर निर्भर करता है कि वो व्यक

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विपक्ष की राजनीति केवल "विरोध"।

23 अक्टूबर 2024
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जी हाँ मित्रों आज का विपक्ष केवल एक मुद्दे पर जिवित है और वो है "विरोध"। विरोध यदि सकारात्मक है तो उसका प्रभाव राष्ट्र के जनमानस पर अवश्य पड़ता है और वो भी उसमें सम्मिलित होने का प्रयास करता है उदाहरण

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पसमांदा मुसलमानो के लिए मसीहा बने " नमो" |

23 अक्टूबर 2024
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 जी हाँ मित्रों आज तक आपने मुसलमानो के केवल “शिया” या “सुन्नी” नामक दो बड़े भागो में विभक्त देखा होगा या फिर इन्हें “हनफि”, “अहमदीया”, “देवबन्दी”, “देहलवी”, ” बरेलवी”, “बहावी” और कई प्रकार की जमातो में

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ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत |

23 अक्टूबर 2024
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 जी हाँ मित्रों आज अंग्रेजों और अंग्रेजों का पक्ष लेने वाले और भारत में रहने वाले उनके चाटुकारो के लिए निसंदेह दुःख भरा दिन है, परन्तु प्रत्येक सच्चे भारतीय के लिए आज का दिन गौरवमय आंनद से भरा उत्सव ज

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श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी विरुद्ध ममता, नितीश, केजरी और राहुल|

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 मित्रों मैं आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ वर्ष २०२४ में होने वाले लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद के उम्मीद्वारो पर। ज़रा ध्यान दीजिये एक ओर है, आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी यदि हम ईनके

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पहले काबिलियत पैदा करो फिर मैदान में आओ।

23 अक्टूबर 2024
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जो कर्मयोगी है वो कभी रिटायर नहीं होता है। जो कर्म में विश्वास रखता है वो अवकाश के बारे में नहीं सोचता। एक कर्मयोगी सदैव अपने कर्तव्यों के प्रती उत्साहित और जागरूक रहता है। आज हमारे देश को  लालू जी न

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पाकिस्तानी पप्पू बिलावल भुट्टो का हमारे प्रधानमंत्री के बारे में बयान|

23 अक्टूबर 2024
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मित्रों पाकिस्तानी पप्पू और  "बिल्लो  रानी "   के नाम से कुख्यात बिलावल भुट्टो ने एक बयान देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका ने बैन कर दिया था। “गुजरात का कसाई जिन्दा है” |  खैर पप्पू

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"तुम मुझे वोट दो मैं तुम्हें विकसित भारत दूँगा"।

23 अक्टूबर 2024
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मित्रों आज हमारे देश में दो प्रकार का नेतृत्व है। एक है आदरणीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी के रूप में जिनके पास २०२९ तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था तथा २०४७ तक ए

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हे प्रभु इतनी भयानक योजना।

23 अक्टूबर 2024
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कांग्रेस पार्टी वर्ष २०१४ के पश्चात किस प्रकार अति भयावह रूप में सनातनियों के विरुद्ध षड्यंत्र रच रहीं है, उसका एक और जीता जागता उदाहरण है उसका घोषणा पत्र जिसे वो न्याय पत्र कह रहीं है। सनातनियों को ल

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BharOS भारत का अपना ओपरेटिंग सिस्टम|

24 अक्टूबर 2024
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रों आदरणीय  प्रधानमंत्री  श्री  नरेंद्र  दामोदरदास  मोदी  जी  के  नेतृत्व  में आत्मनिर्भर भारत कि दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए हमारे देश ने अपना एक ओपरेटिंग सिस्टम विकसित कर लिया है, जो अति

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Central Bank digital currency @E-rupya सफलता का नया मुकाम|

24 अक्टूबर 2024
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 मित्रों UPI अर्थात Unified Payment Interface (जिसकेमाध्यम से मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके अपने बैंक अकाउंट से किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किया जाता है) कि अभूतपूर्व सफलता के पश्चा

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" नमो" , भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था |

24 अक्टूबर 2024
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हे मित्रों, ईश्वर की असीम अनुकम्पा है हम भारतीयों के ऊपर कि हमने सही समय पर सही निर्णय लिया और किसी के बहकावे में ना आकर हम अपने निर्णय पर अडिग रहे और  अपने  देश  की  बागडोर  श्री  नरेंद्र  दामोदरदास

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चूँकि वो तानाशाह है।

27 अक्टूबर 2024
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हाँ तुम लोग सही कह रहे हो वो तानाशाह है इसलिए :-   १:-तुम उसे खुलेआम "मौत का सौदागर, नीच, भ्रष्ट, चोर और ना जाने कैसे कैसे अपशब्दों से पुकारते हो और वो तुम्हें इसके लिए क्षमा कर  देता है और tumhare व

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