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श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी विरुद्ध ममता, नितीश, केजरी और राहुल|

23 अक्टूबर 2024

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 मित्रों मैं आपका ध्यान आकृष्ट कराना चाहता हूँ वर्ष २०२४ में होने वाले लोकसभा चुनाव और प्रधानमंत्री पद के उम्मीद्वारो पर। ज़रा ध्यान दीजिये एक ओर है, आदरणीय श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी यदि हम ईनके राजनीतक कद का विश्लेषण करें तो निम्न तथ्यों पर आपका ध्यान स्वय हि चला जाएगा। 

१:- आतंकवादियो के धमकी को अपने पैरों तले रौद्ते हुए जम्मू के लाल चौक पर तिरंगा फहराने वाला साहसी नेता; २:- गुजरात को फर्श से विकास के अर्श पर पहुंचा देने वाला और लगातार तीन बार चुने जाने वाला मुख्यमंत्री; ३:- पिछले ८ वर्षो से लगातार प्रधानमंत्री पद को सुशोभित करने वाला भारतीय; ४:- रसिया, सऊदी अरब, बहरीन, इजराइल सहित विश्व के सात देशों के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित होने वाला अंतर्राष्ट्रीय नेता; ५:- भारत की विदेश निति को महाशक्तियों के दवाब से मुक्त कराने वाला भारतीय महापुरुष; ६:- जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७० और ३५ अ को हटाने वाला देशभक्त; ७:- तीन तलाक को खत्म करने वाला महान इस्लाम सुधारक; ८:- ४९० वर्ष पुराने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर से संबंधित विवाद का आपसी समझ से और न्यायालाय के माध्यम से हल करने वाला दिव्यपुरुष; ९:- दुनिया के सबसे ऊँची मूर्ति “Statue of Unity”  का निर्माण कराने वाला महान निर्माणकर्ता; १०:-आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया से तेजस जैसा विश्व प्रसिद्द लडाकू विमान और INS विक्रांत जैसा विशाल युद्धपोत का निर्माण और कोरोना वेक्सिन का अविष्कार कराने वाला वीर योद्धा; ११:- कोरोना महामारी के दौरान आधी दुनिया को जीवनदान देने वाला विश्व का एकमात्र नेता; १२:-  अंग्रेजो की अर्थव्यवस्था को पीछे धकेलकर भारत को विश्व कि पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने वाला अर्थशास्त्री; १३:- भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारीयो के काले धन को जब्त कर उन्हें सजा दिलाने वाला विश्व का सबसे ईमानदार और राष्ट्रवादी नेता;  १४:- माता अहिल्याबाई होल्कर के पश्चात काशी विश्वनाथ मंदिर का उद्धार करने वाला शिवभक्त;  १५:- केदारनाथ, सोमनाथ सहित देश के विभिन्न राज्यो में स्थित ज्योतिर्लिंग का उद्धार करने वाला शिवभक्त; १६:- विश्व कि सबसे बड़ी बीमा योजना “आयुष्मान योजना” को सफलतापुर्वक लागू करने वाला बीमाकर्ता;  १७:- भारत देश के दुश्मनो के दुस्साहस को सबक सिखाने हेतु सीमारेखा से लगे क्षेत्रो को सड़क, बिजली और पानी से मालामाल करने वाला राष्ट्रवादी; १८:- दुश्मन के घर मे घुसकर आतंकवादियो पर सर्जिकल स्ट्राइक कराने वाला वीर योद्धा; १९:- विश्व का सबसे लोकप्रिय नेता और  २०:- हर भारतीय के ह्रदय पर राज करने वाला हिंदुस्तानी। और भी तथ्य हैं पर इतना पर्याप्त है तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए!  २१ :- मुख्य अस्त्र ईमानदारी, राष्ट्रभक्ति, भारतीय समाज, सभ्यता और संस्कृति सहित सेना का विश्वास हासिल। 

अब आते हैं श्री नितीश कुमार जी पर। 

१:- बिहार पर पिछले १५ वर्षो से शासन करने वाले जनता दल यूनाइटेड के नेता; २:- उपलब्धि के नाम पर बिहार में शराबबंदी; ३:- अपने स्वार्थ की पूर्ति हेतु गठबंधन बदलना आदत में शुमार; ४:- ये अंतिम चुनाव है कहकर पिछली बार चुनाव लड़े; ५:- और अब बिहार को छोडकर प्रधानमंत्री बनने के चक्कर में पूरे देश का दौरा कर रहे! ६:- अंतराष्ट्रीय पहचान शून्य। ७:- मुख्य अस्त्र मुसलिम तुष्टिकरण। 

अब ज़रा देख ले ममता बनर्जी अर्थात दीदी को! 

१:- पाश्चिम बंगाल कि पिछले १० वर्षो से मुख्यमंत्री; २:- इसके पूर्व सांसद भी रह चुकी हैं; ३:- पाश्चिम बंगाल में रोहंगिया और बंग्लादेशी मुसलमानो को बसाकर उसकी डेमोग्राफी को बदलने का आरोप; ४:- शारदा चिटफण्ड घोटाला; ५:- कोयला अवैध खनन घोटाला; ६:- शिक्षक भर्ती घोटाला;  ७:-आधे से अधिक विधायक और सांसद CBI, ED और अन्य सरकारी एजेंसियो के रडार पर; ८:-BSF का विरोध; ९:- केंद्र सरकार से सीधा टकराव; १०:- अंतराष्ट्रीय पहचान के रूप में बंगलादेश और पाकिस्तान तक पहुंच; ११:- मुख्य अस्त्र भयानक मुस्लिम्वाद 

अब ज़रा केजरीवाल जी का चरित्र् भी देख लेते हैं। 

१:- पिछले ८ वर्षो से दिल्ली का मुख्यमंत्री;  २:- पार्टी के सब बड़े नेता केजरीवाल और संजय सिंह को छोड़कर या तो जेल में हैं या जेल जाने की तैयारी में हैं; ३:- शराब घोटाला; ४:- स्कूल घोटाला; ५:-CAA  के  विरोध  में  शाहीन बाग में अवैध कब्जे को पूरा समर्थन; ६:- सेना के शौर्य पर सवाल उठाना; ७:- दिल्ली में व्यापक दंगा; ८:- पंजाब में खालिस्तानी और ईसाई मशीनरी के सहयोग से सरकार बना लेना; ९:-अंतराष्ट्रीय पहचान एक नेता के रूप में शून्य और १०:- मुख्य अस्त्र:- झूठे वादे करना, झूठे आरोप लगाना, माफ़ी माँग लेना और भयानक मुस्लिम्वाद इसके साथ हि साथ प्रचार और प्रसार पर जनता का पैसा लुटाना। 

अब अंत में माननीय श्री राहुल गाँधी जी को देख लेते हैं। 

१:- जवाहर लाल नेहरू इनके दादी के पिताजी थे; २:- स्व श्रीमती इंदिरा गाँधी इनके दादी थी; ३:-स्व श्री राजीव गाँधी इनके पिताजी थे; ४:- श्रीमती सोनिया गाँधी जी इनकी माताजी हैं; ५:- दादी और पापा के नाम पर अमेठी से सांसद बने; ६:- पिछली लोकसभा में श्रीमती स्मृति ईरानी ने इन्हें अमेठी से हरा दिया तो ये केरल के वायनाड जैसे मुसलिम बहुल्य संसदीय क्षेत्र से जीतकर आए; ६:- भारत में आविष्कृत कोरोना वेक्सिन का मजाक बनाया; ७:- सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी बताया; ८:- आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया का मजाक बनाया; ९:- दुश्मन देश चिन कि सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गुप्त समझौता किया; १०:- नेशनल हेराल्ड घोटाले अपनी अम्मी के साथ मुख्य अभियुक्त; ११:- VVIP हेलीकॉप्टर घोटाले में आरोपी; १२:- अटल जी के शाशनकाल के दौरान अमेरिका के एक एअरपोर्ट पर ड्रग्स के साथ गिरफ्तार और फिर अटलजी के रहमो करम पर छोड़े गए;१३:- अनुच्छेद ३७० और ३५अ के हटाए जाने का विरोध; १४:- अंतराष्ट्रीय पहचान कुछ नहीं १५:- मुख्य अस्त्र परिवार की विरासत और मुसलिम तुष्टिकरण। 

अब ज़रा आप स्वयं हि चर्चा परिचर्चा करके देख ले कि क्या इनमे से कोई भी संयुक्त रूप से या अलग अलग आदरणीय प्रधानमंत्री जी के व्यक्तित्व के आस पास भी ठहरता है। नहीं ना । मित्रों हमारे शुक्रनीति में राजा के राजधर्म को परिभाषित करते हुए स्पष्ट रूप से बताया गया है कि:-  

 क्रियैकदेशबोधीनि शास्त्राण्यन्यानि संति हि।।४।। सर्वोपजीवकं लोक स्थिति कृन्नीतिशास्त्रकम्। धर्मार्थकाममूलं हि स्मृतं मोक्षप्रदं यतः।।५।। 

अर्थात – नीतिशास्त्र से अन्य जितने शास्त्र हैं वे सब व्यवहार के एक अंश को बतलाते हैं किन्तु सभी लोगों का उपकारक,समाज की स्थिति को सुरक्षित रखने वाला नीतिशास्त्र ही है क्योंकि यह धर्म,अर्थ तथा काम का प्रधान कारण और मोक्ष को देनेवाला कहा हुआ है। 

भारतवर्ष प्राचीन काल से ही राजऋषियों द्वारा रक्षित,पालित,पोषित और सेवित रहा।धर्मानुकूल आचरण करने वाले राजाओं ने नीतिशास्त्र के अनुकूल राज्यव्यवस्था चलाने का कार्य किया। भारत मे रघुवंशी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के शासन को आदर्श शासन माना जाता है और उनका अनुसरण करते हुये अनेक प्रतापी राजाओं ने भारत पर शासन किया यह व्यवस्था सहस्त्रों वर्षों तक अनवरत चलती रही। याद रखिये महात्मा गाँधी जी भी राम राज की हि संकल्पना किया करते थे और हम १९७५ ई के पूर्व संविधान की प्रति को ध्यान से देखें तो उसमें भी प्रभु श्रीराम के हि आदर्शो को स्थापित करने का प्रयास किया गया था जिसे एक षड्यंत्र के तहत बदल दिया गया। विष्णुपुराण के अनुसार:- 

पित्राअपरञ्जितास्तस्य प्रजास्तेनानुरञ्जिताः।  अनुरागात्ततस्तस्य नाम राजेत्यजायत।।१।१३।४८।। 

अर्थात:- जिस प्रजा को पिता वेन ने अप्रसन्न किया उसीको पृथु ने अनुरञ्जित(प्रसन्न)किया इस कारण अनुरञ्जन करने से उनका नाम ‘राजा’ हुआ। श्री विष्णुपुराण का यह श्लोक ‘राजा’ शब्द को इस प्रकार परिभाषित करता है कि जो प्रजा को प्रसन्नता प्रदान करे वह राजा होता है। विस्त्रित रुप मे यदि देखे तो जो शासक धर्मशील सद्गुणों से युक्त हो,तेजस्वी और पराक्रमी हो और प्रजा को प्रसन्नता प्रदान करनेवाला और प्रजा को सन्मार्ग पर अग्रसर करने वाला हो वह ‘राजा’ कहलाता है।  इसी प्रकार राजा का स्थान,महत्व, योग्यता और गुण के संदर्भ में भी हमारे शास्त्र पूर्णतया स्पष्ट करते हुए कहते हैं कि:- 

स्वाम्यात्यसु्हृत्कोशराष्ट्रदुर्गबलानि च। सप्तांगमुच्यते राज्यं तत्र मूर्धा नृपः स्मृतः।।५४ 

दृगमात्याः सु्हृच्छ्रोत्रं मुखं कोशो बलं मनः।  हस्तौ पादौ दुर्गराष्ट्रौ राज्यांगानि स्मृतानि हि।।५५ 

अर्थात- स्वामी(राजा), अमात्यगण,मित्रवर्ग,कोष,देश,दुर्ग,सेना यह सात राज्य के अंग हैं इनमे राजा राज्य का मस्तक होता है। मंत्रिगण राज्य के नेत्र,मित्रवर्ग कर्ण,कोष मुख,सेना मन और दुर्ग तथा देश हाथ पैर हैं यह सब क्रम से राज्य के अंग हैं। यह उपरोक्त दोनों श्लोक राज्य के सात अंगों और उनमे राजा के स्थान का वर्णन करते हैं। राजा राज्य का मस्तक होता है। इस कारण राज्य का सबसे महत्वपूर्ण अंग राजा होता है। 

अब ज़रा गौर करें यदि हम प्रधानमंत्री के पद को राजा के स्थान पर रखकर देखें तो यही पाएंगे कि आदरणीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी की उम्मीदवारी २०२४ में भी उतनी हि महत्वपूर्ण और शसक्त है जितनी २०१४ में थी। अत: कोई कितना भी जोर अजमाइश कर ले, सम्पूर्ण विपक्ष अपना सारा जोर,काम,  सामदाम दंड और भेद का उपयोग करके देख ले भारतीय जनता के ह्रदय से आदरणीय नरेन्द्र दामोदर दास मोदी जी को नहीं निकाल पाएगी।  

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रचनाएँ
वो नहीं तो कौन ?
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मित्रों ये किताब उस व्यक्ति विशेष को समर्पित है जिसके सद्चरित्र, अनुशाशन, ईमानदारी, शांतिप्रियता, कर्मठता और अपने राष्ट्र और राष्ट्जनो के प्रति अथाह प्रेम और समर्पण का कायल सम्पूर्ण विश्व है | आप में से बहुत लोग मेरे विचार से असहमत हो सकते हैं परन्तु वर्तमान में भारत की स्थिति और विश्व के अन्य देशों की स्थिति का तुलनात्मक विशेलषण करने के पश्चात आपकी असहमति कुछ सिमा तक सहमति में परिवर्तित हो सकती है | हमारे शास्त्रों केअनुसार "विदेशेषु धनं विद्या व्यसनेषु धनं मति:। परलोके धनं धर्म: शीलं सर्वत्र वै धनम्॥" अर्थात विदेश में विद्या धन है, संकट में बुद्धि धन है, परलोक में धर्म धन है और शील(अच्छा चरित्र ) सर्वत्र ही धन है! इसी को चरितार्थ करता वो महापुरुष विश्व का सबसे लोकप्रिय जनप्रतिनिधि बन कर उभर चूका है| वृतं यत्नेन संरक्षेद वित्तमेति च याति च | अक्षीणो वित्ततः क्षीणो वृत्ततस्तु हतो हतः!" अर्थात चरित्र की यत्नपूर्वक रक्षा करनी चाहिए। धन तो आता-जाता रहता है। धन के नष्ट होने पर भी चरित्र सुरक्षित रहता है, लेकिन चरित्र नष्ट होने पर सबकुछ नष्ट हो जाता है। और उस महापुरुष के पावन जीवन से इसी तथ्य की शिक्षा मिलती है | वो महा व्यक्तित्व जानता है कि "येषां न विद्या न तपो न दानं, ज्ञानं न शीलं न गुणो न धर्मः । ते मृत्युलोके भुवि भारभूता, मनुष्यरूपेण मृगाश्चरन्ति! अत: वोअपने ज्ञान के प्रकाश से विश्व को रोशन करता है और अपना सर्वस्य दान कर देता है | वो एक तपस्वी का जीवन जीता है और कर्म को अपने जीवन का आधार बना के ही जीता है | वो यह भी जानता है कि "मानं हित्वा प्रियो भवति। क्रोधं हित्वा न सोचति।।कामं हित्वा अर्थवान् भवति। लोभं हित्वा सुखी भवेत्।।" इसीलिए हर प्रकार के अहंकार को त्याग कर सबका प्रिय बन चूका है| उसने क्रोध, कामेच्छा तथा लोभ को त्याग कर स्वयं को सुखी बना लिया है और सबको प्रेरित कर रहा है। "यथा चित्तं तथा वाचो यथा वाचस्तथा क्रियाः ! चित्ते वाचि क्रियायांच साधुनामेक्रूपता !!" वो अच्छा है इसलिए उसके ह्रदय में जो है उसे ही वो प्रकट करता है, वो जो कहता है वही करता है , उसके मन, वचन और कर्म में समानता होती है | और जब ऐसे व्यक्ति का विरोध कोई करता है तो मैं उससे केवल एक प्रश्न पूछता हूँ कि "वो नहीं तो कौन ?"
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आखिर उस “चायवाले” के व्यक्तित्व में ऐसा क्या विशेष है?

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क्या मोदी विरोधी मोदीफोबिया रूपी एक रहस्यमय मानसिक बीमारी से त्रस्त है?

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जी हाँ मित्रों आज का विपक्ष केवल एक मुद्दे पर जिवित है और वो है "विरोध"। विरोध यदि सकारात्मक है तो उसका प्रभाव राष्ट्र के जनमानस पर अवश्य पड़ता है और वो भी उसमें सम्मिलित होने का प्रयास करता है उदाहरण

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पसमांदा मुसलमानो के लिए मसीहा बने " नमो" |

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 जी हाँ मित्रों आज तक आपने मुसलमानो के केवल “शिया” या “सुन्नी” नामक दो बड़े भागो में विभक्त देखा होगा या फिर इन्हें “हनफि”, “अहमदीया”, “देवबन्दी”, “देहलवी”, ” बरेलवी”, “बहावी” और कई प्रकार की जमातो में

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ब्रिटेन को पछाड़कर विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना भारत |

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 जी हाँ मित्रों आज अंग्रेजों और अंग्रेजों का पक्ष लेने वाले और भारत में रहने वाले उनके चाटुकारो के लिए निसंदेह दुःख भरा दिन है, परन्तु प्रत्येक सच्चे भारतीय के लिए आज का दिन गौरवमय आंनद से भरा उत्सव ज

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श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदीजी विरुद्ध ममता, नितीश, केजरी और राहुल|

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पहले काबिलियत पैदा करो फिर मैदान में आओ।

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जो कर्मयोगी है वो कभी रिटायर नहीं होता है। जो कर्म में विश्वास रखता है वो अवकाश के बारे में नहीं सोचता। एक कर्मयोगी सदैव अपने कर्तव्यों के प्रती उत्साहित और जागरूक रहता है। आज हमारे देश को  लालू जी न

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पाकिस्तानी पप्पू बिलावल भुट्टो का हमारे प्रधानमंत्री के बारे में बयान|

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मित्रों पाकिस्तानी पप्पू और  "बिल्लो  रानी "   के नाम से कुख्यात बिलावल भुट्टो ने एक बयान देते हुए कहा कि “प्रधानमंत्री मोदी को अमेरिका ने बैन कर दिया था। “गुजरात का कसाई जिन्दा है” |  खैर पप्पू

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24 अक्टूबर 2024
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 मित्रों UPI अर्थात Unified Payment Interface (जिसकेमाध्यम से मोबाइल प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करके अपने बैंक अकाउंट से किसी दूसरे के बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किया जाता है) कि अभूतपूर्व सफलता के पश्चा

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" नमो" , भारत और विश्व की अर्थव्यवस्था |

24 अक्टूबर 2024
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हे मित्रों, ईश्वर की असीम अनुकम्पा है हम भारतीयों के ऊपर कि हमने सही समय पर सही निर्णय लिया और किसी के बहकावे में ना आकर हम अपने निर्णय पर अडिग रहे और  अपने  देश  की  बागडोर  श्री  नरेंद्र  दामोदरदास

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27 अक्टूबर 2024
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हाँ तुम लोग सही कह रहे हो वो तानाशाह है इसलिए :-   १:-तुम उसे खुलेआम "मौत का सौदागर, नीच, भ्रष्ट, चोर और ना जाने कैसे कैसे अपशब्दों से पुकारते हो और वो तुम्हें इसके लिए क्षमा कर  देता है और tumhare व

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