कैंसरोसो-17 (सी-17) या सी टी बी
कैंसरोसो-17 निम्न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है ।
क्र0
औषधिय पौधों के नाम
उपयोग मात्रये
1
CONIUM MACULATUM
15
2
PIMPINELLA SAXIFRAGE
15
3
POPULUS TREMULOIDUS
20
4
RHUS AROMATICUS
30
5
RHUS TOXICODENDRON
20
6
VINCITOXICUM OFFICINALIS
20
यह दवा मूत्ररोग व मूत्र संस्थान की विशेष औषधी है , यह मूत्र की अधिकता एव मूत्र अवरोध में प्रयोग की जाती है । शूगर के रोगीयों के लिये तो यह बरदान है । इस औषधी का प्रभार शरीर के सभी ग्लैण्ड पर होता है परन्तु प्रमुख रूप से एड्रीनल, पिट्रयूटरी , हाईपोथाईमस ग्लैण्ड पर विशेष रूप से होता है पेनक्रियाज, थाईराई, पैराथाईराईड एंव हार्मोनल इनबैलेंस में यह दवा बहुत ही अच्छा कार्य करती है । पेशाब का बार बार लगना एंव बहुमूत्र ,पेशाब में शुगर आना इत्यादि में इस दवा का प्रयोग किया जाता है , बच्चों का बिस्तर में पेशाब कर देना , पेनक्रियाज में सूजन इंशूलीन का न बनना ,पथरी को निकालने में, मूत्रमार्ग के इनफेक्शन , हार्मोनल गडबडी में इसकी वजह से मानसिक बीमारी नीद न आना या अन्य प्रकार की मानसिक बीमारीयों में इसका प्रयोग अपनी अन्य सहायक औषधियों के साथ करने से अच्छे परिणाम मिलते है । थाईराईड की बजह से कोई भी परेशानी या बीमारी होने पर इसका प्रयोग कदापी न भूले , स्त्रीयो का पुरूषों की तरह व्यवहार या पुरूषों का स्त्रीयों की तरह व्यवहार करने पर स्त्रीयों के चहरे पर बाल आना, पी सी ओ डी की समस्या , शुगर की यह एक बहुत ही अच्छी दवा है ऐसे रोगी जिन्हे इंशूलीन लेना पडता हो उन्हे इस दवा के नियमित प्रयोग से इंशूलीन लेने की आवश्यकता नही पडती एंव शुगर धीरे धीरे पूरी तरह से ठीक हो जाती है । शुगर रोगीयों को लगातार इंशूलीन लेने के कारण कई प्रकार की समस्याये होने लगती है इस दवा के नियमित सेवन से उनकी इस प्रकार की समस्या से छुटकारा मिल जाता है । शुगर की वहज से ऑखों की समस्या पर एस-12 के साथ प्रयोग करना चाहिये , एंव प्रोस्टेट की सूजन व समस्याओं पर इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधीयों के साथ कर उचित परिणाम प्राप्त किये जा सकते है एव प्रोस्टेट की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है । इस दवा का प्रभाव हमारी तंत्रिका तंत्र पर भी होता है इस लिये तंत्रिका तंत्र की समस्याओं में भी इसका प्रयोग किया जा सकता है । स्त्रीयों के जननअंगो के रोग, वेनेरियल बीमारीयॉ आदि में इसका प्रयोग वेन-1 के साथ कर आशानुरूप परिणाम प्राप्त किये जा सकते है । यह दवा शुगर नाशक एंव हार्मोनल इनबैलंस को ठीक करती है ।
डायल्युशन का प्रयोग – प्रथम डायल्युशन :- पेनक्रियाज का सही काम न करने पर , इंशूलीन का सही तरीके से काम न करने पर , किडनी व मूत्रमार्ग की पथरी को निकालने में , किडनी या मूत्र संस्थान के सैल्स या टिश्यू के नष्ट होने पर ,किडनी का कम कार्य करने पर , शरीर में जमा विजातीय तत्वों को निकालने में ,
दूसरा डायल्युशन:- पेनक्रियाज की सूजन , गाठों ,टयूमर, शरीर में आई कमजोरी , ब्लड प्रेसर का बढना आदि पर किया जाता है ।
तीसरा डायल्युशन :- बिस्तर में पेशाब करने पर , बार बार पेशाब जाने पर , प्रोस्टेट ग्लेण्ड की समस्याओं पर , पेशाब से जुडी समस्याओं पर , पेशाब में शुगर आने पर
उच्च डायल्युशन:- पेनक्रियाज की समस्याओं पर एंव कैसर में
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल
बी0 एच0 एम0 एस0, एम0 डी0 (ई0)
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