सिन्थेसिस (एस वाई)
इस कम्पाऊंड औषधी में निम्न आठ दवाओं को समान मात्रा में मिश्रित कर बनाया गया है ।
एस-1,ए-3, एफ-1, सी-1, एल-1, पी-2, वेन-1, वर-1
यह औषधी शरीर के सभी संस्थानों पर कार्य करती है यह दवा शक्तिवद्धक, संक्रामण रोगों से सुरक्षित रखने वाली तथा रोग के पश्चात उपयोग करने पर वलवद्धक की तरह कार्य करती है । डॉ0 मनीष पाटीदार का कहना है कि यह दवा केरेाना के संक्रामण काल में जिसको भी दी गई उन्हे केरोना नही हुआ । उनका कहना है कि उन्होने इस संक्रमण से बचाओं हेतु इसमें डब्लू ई को और मिला कर दिया था । अत: हम कह सकते है कि यह दवा छूत की बीमारीयों से सुरक्षित रखती है साथ ही इस दवा में सभी आठ वर्ग की ऐसी दवाओं को मिश्रित कर बनाई गयी है जो हमारे शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करते है एंव उन्हे एक्टीव कर देते है इससे जो भी अंग या सिस्टम रोगग्रस्त होते है वे एक्टीव हो कर अपनी सामान्य अवस्था में आ कर कार्य करने लगते है । डॉ0 सिन्हा सहाब ने लिखा है कि बीमारी की अवस्था के बाद उनमें नये नये सूत्र बनाकर स्थाई तौर पर रोगी को बिलकुल अच्छा कर देती है । इसके निर्माण में जो भी औषधीयॉ मिश्रित की गई है । वे सभी मोटे तौर पर देखा जाये तो हमारे शरीर के अधिकाश कार्यो को व अंगों को प्रभावित करती है । जैसे इसमें एस-1 प्रथम समूह की दवा एस-1 है जो हमारे लिम्फ पर एंव चयापचय पर कार्य करती है,
ए-3 हमारे रक्त के संचालन तथा रक्त की कम्पोजिशन में आई खराबीयों ,रक्त एंव हिद्रय से सम्बधित बीमारीयों पर एंव रक्त को बलवान बनाती है ।
एफ-1 यह नवाईन टॉनिक है जो हमारे नशों व हमारे स्नायुतंत्र पर कार्य करती है पसीना लाती है एंव बुखार केा ठीक करती है ,दर्दो को दूर करती है, मस्तिक सम्बधित रोगों के साथ कमजोरी व थकान को दूर करती है,
सी-1 यह दवा हमारे शरीर की कोशिकाओं व सूत्रों पर कार्य करती है , हमारे शरीर से नष्ट होने वाले कोशिकाओं व टिश्यू का पुर्ननिर्माण करती है, धॉवों को भरती है कैंसर रोगों से बचाव में सहायक है तथा शरीर को शक्ति प्रदान करती है, इसका प्रभाव महिलाओं से सम्बधित बीमारीयों में किया जाता है ।
एल-1 यह दवा रक्त एंव रस में आई खराबी को ठीक व संतुलित करती है । अत: दोनों के कार्यो को व्यवस्थित करती है तथा शरीर को शक्ति प्रदान करती है ।
पी-2 यह दवा हमारे श्वसनतंत्र पर कार्य करती है, परन्तु ए-3 के साथ मिलकर रक्त के कार्यो में सहायक है , पी-2 दवा खॉसी , गले व फेफडे के रोगों पर कार्य करती है ।
वेन-1 यह दवा स्त्री पुरूषों के जननागों पर कार्य करती है एंव पैतृक रोगों के दोषों को दूर करती है । इसका प्रभाव मल निश्काशन संस्थान पर भी होता है यह दवा हमारे शरीर सभी सहायक है ।
वर-1 यह एक एण्टी बैक्टेरियल , एंव एण्टी वायरल होने से हमारे शरीर केा वाहय किटाणुओं वायरस एंव पेट में होने वाले कीडों से सुरक्षित रखती है ।
कुल मिला कर यह दवा बलवर्द्धक एंव कमजोरी को दूर करने वाली संक्रामण बीमारीयों से सुरक्षित रखने वाली दवा है ।