फेब्रीफ्यूगो-2
क्र0
औषधिय पौधों के नाम
उपयोग मात्रये
1
AESCULUS HIPPOCASTANUM
10
2
BERBERIS VULGARIS
20
3
CETRARIA ISLANDICA
5
4
CINCHONA CALISIYA
10
5
CINCHONA SUCCIRUBRA
10
6
ERYTHRAEA CENTURIUM
5
7
SALIX ALBA
20
SAMBUCUS NIGRA
5
8
SCOLOPENDRIUM VULGARIS
15
इस दवा का प्रभाव एफ-1 की ही तरह है परन्तु जब कभी एफ-1 से लाभ न हो रहा हो तो एफ-2 देना चाहिये । यह दवा अंतरिक प्रयोग के साथ वाहय प्रयोग में भी उपयोग की जाती है , जहॉ एफ-1 का उपयोग अंतरिक रूप से कर रहे हो वही इसके वाहय प्रयोग से और भी जल्दी लाभ मिलता है । यह दवा एन्टीपायरेटिक्स , एन्टीवायरल, एन्टी इंफलामेंशन, नर्वाईन, पसीना लाने वाली है । इसका प्रभाव गहरा होता है । वातज प्रकृति के रोगीयों पर इस दवा का अच्छा प्रभाव होता है । हर प्रकार के दर्दो पर, जीर्ण या जिद्दी किस्म के बुखारों में, सरवाईकल पेन, जोडों के र्दद में , दर्द किसी भी प्रकार का हो एंव कही भी हो रहा हो, बुखार किसी भी प्रकार का हो, इस दवा को मुंह से खिलाये एंव बुखार होने पर इसकी पट्टी माथे पर एंव इसका कम्प्रश करने से पसीना आ कर बुखार उतर जाता है , र्दद वाली जगहों पर इसका कम्प्रेश करने से लाभ जल्दी होता है । त्वचा रोगों चाहे वह ल्युकोडर्मा हो या फिर सोराईसिस,मुह के रोगो, जल जाने पर बी ई के साथ,गले की सूजन, निगलने में परेशानी होना, टॉसिल आदि में इस दवा के गरारे करने से भी लाभ होता है । चूंकि यह दवा सेंसरी नर्व पर प्रभावी होने से त्वचा की अत्याधिक संवेदनशीलता पर भी उपयोगी है ।
बालों की समस्ये जैसे बालों का झडना, सफेद होना ,बालों का गुच्छे के गुच्छे झडना आदि पर इसका उपयोग सहायक औषधीयों के साथ एंव लगाने से उचित परिणाम मिलते है । छाती के गडगडहट में इसका वाहय प्रयोग करना चाहिये । कान से मवाद या कान में छेद होना , मुंह में छॉले, दॉतों में र्दद, मसूढों में छॉले होने पर इसका गरारा करने से उचित परिणाम मिलते है । यह दवा हमारे नर्व केा शक्ति एंव शरीर केा ताकत देती है । तथा इसके प्रयोग से नशा छुडाया जा सकता है । नशा छुडाने के लिये एस-12, सी-12, एफ-1, बी0ई0 का प्रयेाग कर इसमें सफलता प्राप्त की जा सकती है । प्लीहा, यकृत, पित्ताश्य रोग जैसे इनमें सूजन हो या कोई भी बीमारी होने पर इस दवा का प्रयोग शरीर के 24 पाईट पर लगाना चाहिये । मलेरिया के कारण लीवर तथा स्पलीन के बढ जाने पर पसलीयों का चलना, पित्ताश्य की पथरी , लू लगना, ,खॉसी , वृक्कशूल, विशूचिका , लीवर में रक्त संचय, अपच, कुनैन के सेवन से जो उदभेद हो उसके लिये यह रामबाड है । ऐसे रोगी जो बिना किसी बीमारी के अपने आप को अत्यन्त बीमार समझते हो, ऐसे रोगी जो उछलते कूंदते दौडते हो कपडे फाडते हो , विचित्र एंव भयानक स्वप्न देखते हो , यह दवा सूधने व दिृष्टी दोषों पर भी प्रभावी है । यह नेत्र पेशियों के प्ररक स्नायुओं को प्रभावित करती है । एफ-1 एंव एफ-2 दवा एक दूसरे की पूरक औषधीयॉ है । अपच के कारण पेट फूलना , उदर पीडा, हेपाटाईटिस , लीवर की बीमारी, लीवर का बढ जाना, कडा हो जाना, पेट में पानी का भर जाना जलोदर, पीलिया, पागलपन, मधुमेह, कुष्ट रोग,
डायल्युशन का प्रयोग:- दूसरे डायल्युशन का प्रयोग नशा छूडाने या नशा छोडने के बाद जो परेशानीयॉ हो
तीसरा डायल्युशन:- स्पलीन रोग ,मानसिक रोग, आधे सिर का र्दद , किसी भी प्रकार के र्ददों में,
उच्च डायल्युशन- र्मिगी के दौरे में, इसके उच्च डायल्युशन से अच्छे परिणाम मिलते है किसी भी तरह के धॉव, मवाद, जल जाना, छिल जाना, फफोले पडने पर एफ-2 एंव एपीपी के कम्प्रश से किसी भी प्रकार के दॉग हो ठीक हो जाते है ।
चेहरे की सुन्दरता बढाने में एस-5 एपीपी, एफ-2 के लगाने से चहरा साफ सुन्दर हो जाता है एंव इससे दॉग धब्बे कील मुंहासे, व अन्य त्वचा रोगो में लाभ होता है यह सुन्दरता बढाती है चहरे पर चमक लाती है !
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल
बी0 एच0 एम0 एस0, एम0 डी0 (ई0)
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बण्डा रोग मकरोनिया सागर म0प्र0
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