कैंसरोसोज-3
इस दवा का निर्माण निम्न औेषधीय पौधों को एक निश्चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।
क्र0
औषधिय पौधों के नाम
उपयोग मात्रये
1
CONIUM MACULATUM
20
2
DAPHANE MEZERIUM
20
3
PIMPINELLA SAXIFRAGE
10
4
RHUS TOXICODENDRON
60
5
VINCE TOXICUM OFFICINALIS
10
यह दवा भी कैंसरोसोज ग्रुप की अन्य दवाओं की तरह से कोशिका एंव टियूश्ज रिमेडीज दवा है साथ ही इस
दवा का प्रभाव विशेष रूप से त्वचा पर है , यह त्वचा के नीचे की कोशिकाओं पर प्रभावी होने से त्वचा के कोशिकाओं और टिशूज की बरबाद एंव उनके सडने, गलने , धॉव ,गूमड आदि के दूषित मवाद एंव अनावश्यक तत्वों को निकाल कर नये सेल्स एंव टिशूज का निर्माण करती है , यह दवा त्वचा की बरबादी व क्षय को रोकती है । इस दवा का प्रभाव रक्त की छोटी छोटी वाहिकाओं जिसे कैपेलरी अर्थात केशिकाओं कहते है होता है, इसका प्रभाव हड्डीयों पर होने से हड्डीयों के सडने गलने उसके हड्डीयों बड जाने पर, कार्टिलेज, हड्डीयों के जोडों का हट जाना या कडा हो जाना उसमें सूजन आदि पर है, इसका प्राकृतिक गुण पेशाब व पैखाना लाने वाला एंव कैंसर अण्ड प्रदाह नाशक है। इसका प्रभाव स्पाईनल नर्व पर है किन्तु विशेष रूप से संवेदन शील स्नायु (सेंसरी नर्व)
त्वचा रोग :- यह दवा त्वचा के सभी प्रकार के रोगों में प्रयोग की जाती है जैसे त्वचा में खुजली , एलर्जी , एक्जीमा, एक्जीमा में पानी का बहना, ल्युकोडर्मा, सोरायसिस, मुंहासे , मस्से , कार्न, लिपोमा, जलीय स्त्रावों , त्वचा पर दांग एंव धब्बे, दाद (रिंग वर्मं), त्वचा के नष्ट होने पर, त्वचा पर दाने निकलना, पित्ती उछलना, त्वचा में धॉव या गाठे बनने पर , त्वचा के सेल्य व उसके सूत्रों की बरबादी पर , कैंसर के रोगों पर कैंसर के तीसरे स्टेज तक पर इसका प्रभाव होता है । यह दवा त्वचा रोग की बहुत अच्छी दवा है , त्वचा रोगों में इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधी एस-3 के साथ करने पर बहुत ही अच्छे परिणा मिलते है । सी-3 एंव एस-3 दवा स्कीन के तीसरे लेयर तक कार्य करती है, इसलिये यह त्वचा रोगों में बडे ही अधिकार पूर्ण ढंग से प्रयोग की जाती है । चर्म उदभेद ,आग या तेजाब से जल जाने पर इसका अंतरिक एव वाहय प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ करने पर अच्छे परिणाम प्राप्त किये जा सकते है । त्वचा रोग की पूरानी एंव जिद्दी प्रवृति की बीमारीयो में
हड्डीयों के रोग :- यह दवा हड्डीयों के रोगों पर भी अच्छा कार्य करती है, सी-3 दवा साफ्ट बोन को ध्यान में रख कर बनाई गई है । यह दवा शरीर की लम्बी हड्डीयों पर भी अच्छा कार्य करती है , घूटनों के कार्टिलेज का कडा हो जाना या घिस जाना, बढ जाना जिसकी वजह से घुटनों में र्दद व सूजन होना, घुटनों का मुमेन्ट का न होना , हड्डीयों में र्दद, हड्डीयों के म्यूकस मेम्बरेन में सूजन व उसका सक्त हो जाना, छोटे छोटे जोडों , नाक , गले की हड्डी का बड जाना ,कैंसर चाहे वह शरीर के किसी भी स्थान में जैसे मुंह , छाती , जनन अंगों में इस दवा का प्रयोग अन्य सहायक औषधियों के साथ कर उचित परिणाम प्राप्त किये जा सकते है । रीड की हड्डी का टेडा पड जाना, हड्डीयों के बड जाने पर एंव हड्डीयों के क्षय होने पर इसका प्रयोग सी-4 के साथ करना चाहिये हाथ पैर के जोडो का अपनी जगह से हट जाना उस का कडा हो जाना आदि में प्रयोग की जाती है । यह दवा जोडों में चिकनाई पैदा करती है । हड्डीयों के सडने गलने पर, यह दवा त्वचा रोग के अतिरिक्त हड्डीयों की प्रमुख औषधि है ।
पाचन सम्बधित रोग :- इस दवा का प्रभाव छोटी आंत एंव उसके सेंसरी नर्व पर होने से अतिसार, पुराने डायरिया, बच्चेां के दांत निकलते समय पानी की तरह के दस्तों के होने पर , आंतों के रोगों की प्रारम्भिक अवस्था में ,अजीर्ण, अपच,
स्त्री पुरूषों के जननेन्द्रीय रोग :- इस दवा का प्रभाव सेंसरी नर्व पर होने से यह स्त्री पुरूषों के जननेन्द्रीय रोगों पर अपना प्रभाव रखती है, इसीलिये इसका प्रयोग उत्तेजना की कमी, लिंग का छोटा होना या टेडा पड जाना, बच्चादानी में धॉव
ग्रंथियों के रोग :- यह दवा पहले कडी और सक्त ग्रंथियों को मुलायम करती है इसके बाद उसे सुखा देती है ,इसीलिये घेघा रोग में इसके प्रयोग से ग्रंथी पहले मुलायम हो कर ढीली हो जाती है बाद मे सूख जाती है इसलिये इस दवा का प्रयोग ग्रंथियों के रोगों पर अपनी सहायक औषधियों के साथ किया जाता है ।
अन्य रोग:- सूखा रोग, टी0बी0 कठमाला, उपदंश , जीर्ण जुकाम, लंग की सूजन एंव र्दद, नाक, कान , आंख , जबडे, गला , स्तन, लोवर ऐब्डेामिन जांध, नासूर , मांसपेशियों में र्दद, आदि में प्रयोग की जाती है ।
डायल्युश्न का प्रयोग:- प्रथम डायल्युशन :- इसके प्रथम डायल्युशन का प्रयोग किसी भी तरह के गाढों को फोडन एंव उसके मवाद को निकालने में , जोडों के तीब्र रोगों में
दूसरा डायल्युशन:- इसका दूसरा डायल्युशन का प्रयोग त्वचा रोगों में , खुजली में, नासूर और हड्डीयों के उपर श्ल्ैाष्मिक कला के प्रदाह में,मांसपेशियों व हड्डीयों के र्दद में प्रयोग की जाती है ।
तीसरा डायल्युशन:- इसके तीसरे डायल्युशन का प्रयोग डिसऐंट्री, जोडों में चिकनाई पैदा करने में ,आतों के उपरी म्यूकस मैम्बरेन एंव कार्टिलेज के घिस जाने पर,एक्जीमा, दाद, खाज ,खुजली ल्युकोडर्मा प्रयोग की जाती है ।
हायर डायल्युशन :- इसके उच्च डायल्युशन का प्रयोग जीर्ण अपच, अजीर्ण , धॉव कैसर रोगों पर किया जाता है ।
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल
बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)
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