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रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)

26 अगस्त 2022

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    रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)



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लाल इैक्‍ट्रीसिटी एक धनात्‍मक बिजली है अत: इसका प्रयोग शरीर के ऋणात्‍मक भागों मे व रोगों में किया जाता है, यह कफ प्रकृति वालों के अनुकूल है, परन्‍तु रोग स्थिति के अनुसार इसका प्रयोग सभी प्रकृति के रोगियों में सफलतापूर्वक किया जा सकता है । इसके प्रयोग से शरीर में उत्‍तेजना बढ जाती है । एंव रक्‍त संचालन तीब्र हो जाता है । शरीर में उर्जा बढती है यह शरीर को शक्ति देती है अर्थात बलवद्ध‍क है । धीमें रक्‍त संचार की वजह से अंगों व शरीर में आई शिथिलता, निश्क्रियता ,शरीर या अंगों का शून्‍यपन उसका ठण्‍डापन, यह प्रयेाग से रक्‍त संचार को तीब्र करती है , रक्‍त संचालन के व्‍याधानों की वजह से किसी भी तरह की रूकावट, अंगों की निष्‍कियता, अंगोंका शून्‍यपन, ठण्‍डा होना, झुनझुनी, आदि को यह दूर करती है , मेाटर नर्व एंव सेंसरी नर्व को प्रभावित करती है, यदि शरीर मे पसीना रूक गया हो तो यह पसीना लातीहै । जब कभी बुखार आने पर पसीना न आ रहा हो जिसकी वजह से शरीर का तापमान बढता जा रहा हो तब इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ करने पर शरीर से पसीना आ जाता है व बुखार धीरे धीरे उतर कर शरीर का तापक्रम अपने सामान्‍य अवस्‍था में आने लगता है ।


 शरीर में रक्‍त संचार की कमी की वजह से शरीर ठण्‍डा पडने लगा हो उसमें गर्मी का अभाव हो तो इसके प्रयोग से शरीर में गर्मी आने लगती है । यह दवा भूखॅ को बढाने वाली पोषण करने वाली , स्‍फूर्तिदायक, रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढाने वाली, एक उत्‍तेजक तथा शरीर को गर्मी देने वाली औषधि है ।

रक्‍त संचार:- जैसाकि हमने पहले भी कहॉ है यह धीमें रक्‍त संचार को तेज कर देती है , रक्‍त संचार के मंद होने की वजह से शरीरके किसी भी स्‍थान में रक्‍त न पहुचने के कारण शरीर का ठण्‍डा पडना, उक्‍त स्‍थान पर झुझुनी होना, चेतना शक्ति का लुप्‍त हो जाना, शून्‍यपर अंगों का सूख जाना, हाथ पैर व उनकी अंगुंलियों में शून्‍यपन  नाडी गति मंद पड रही हो तब इसके प्रयोग से रक्‍त संचालन तीब्र होता है एंव उस स्‍थान पर जहॉ कही रक्‍त संचार में बाधा हो रही हो जिसकी वजह से मूर्च्‍छा , शक्ति हीनाता जैसी परेशानीयॉ उत्‍पन्‍न हो रही हो तब इसकेप्रयोग से रक्‍त संचालन तीब्र हो जाता है एंव शरीर में गर्मी उत्‍पन्‍न होनेलगती है । परन्‍तु इसका प्रयोग उस वक्‍त नही करना चाहिये जब रोगी का रक्‍त संचार तीब्र हो (हाई ब्‍लड प्रेशर) ऐसी स्थिति में नीली बिजली का प्रयोग किया जाता है । चूकिं नीली बिजली रक्‍त संचार को कम करती है एंव रक्‍त संचालन को धीमा कर रक्‍त नाडियों को सुकोड देती है । जहां कही रक्‍त संचार के धीमा होने के कारण मस्तिष्‍क में रक्‍तकी सप्‍लाई बधित (रूक रही हो ) हो रही हो एंव रोगी मृत्‍यु के नजदीक हो नाडी गति का पता न चल रहा हो जिससे पक्षाघात का भय हो रोगी के ओढ नाखून पीले पड गये हो चहरा नि:तेज हो गया हो एंव रोगी मूच्‍छा (बेहोशी की अवस्‍था) जैसी स्थिति‍ में हो ऑखों के पलकों को झपकाने में उसे परेशानी आ रही हो उस स्थिति में इसका प्रयोग एस-1 के साथ करने पर अच्‍छे परिणाम मिलते है । विद्धान चिकित्‍सकों का अभिमत है कि इस स्थिति में इस दवा को देकर रोगी को मृत्‍यु मुंख से निकाला जा सकता है । यह दवा जैसा कि हमने पहले ही बतलाया है कि यह शक्तिवद्धक ,अर्थात कमजोरी को दूर करने वाली शरीर को बल देने वाली है । रक्‍त संचालन के धीमा होने पर आई सभी प्रकार की बीमारीयों को यह अपनी सहायक औषधियों के साथ प्रयोग करने पर उसे दूर कर देती है । निम्‍न रक्‍त चाप में इसका प्रयोग ए-1 के साथ करना चाहिये , रक्‍त संचालन की वजह से लकवा, फीलपॉव, हाथीपॉव में लाभकारी दवा है । हिद्रय की धडकन रूक रही हो धीमी पड रही हो तब लाल बिजली के लगाने व खिलाने से रक्‍त धडकन अपनी सामान्‍य अवस्‍था में आने लगती है । यह दवा रक्‍त संचालन को ठीक करती है ,

नर्वस सिस्‍टम:- इस दवा का प्रभाव मस्तिष्‍क के सेन्‍ट्रल नर्व एंव सेंरीब्रोस्‍पाइनल नर्व सिस्‍टम पर तथा सेंसरी मोटर नव पर है,मोटर मसल्‍स अमाश्‍य के मसल्‍स फाईबर नर्व पर होता है । यह शरीर के दायी ओर के अवयवों के स्‍नायु सूत्रों पर प्रभाव डालती है मस्तिष्‍क नर्व पर प्रभावी होने के कारण यह मानसिक रोगों ,पक्षाघात, पागलपन ,मृगी, हिस्‍टीरिया आदि में अपनी सहायक औषधियों के साथ प्रयोग की जाती है । मोटर नर्व सेंसरी नर्व के निष्‍किय हो जाने पर कही भी नर्व में रक्‍त संचार नही हो रहा हो तो यह ब्‍लड संचार को तेज कर देतीहै तथा उन अंगों को उत्‍तेजित करती है तथा उस स्थिान में आई बाधा को ठीक कर देती है । अमाश्‍य के स्‍नायु सूत्रों पर प्रभावी होने के कारण यह भूंख की कमी को अपनी सहायक औषधियों एस-5एल-1ए-3 एफ-1 या सी-15 या सी-16 के साथ प्रयोग करने पर इससे आशा अनरूप परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । पुराने अतिसार ,दस्‍त में सी-3एस-3 ए-3 डब्‍लू ई के साथ प्रयोग करने पर अच्‍छे परिणाम मिलते है ।

र्दद :- यह दवा पीडा नाशक अर्थात दर्दों को दूर करने वाली , गठिया, जोडों, मॉस पेशियों का र्दद, साईटिका, नशों में सूजन व दर्द, पक्षाघात, कंधों का र्दद, शून्‍यपन, मॉसपेशियों के चालक पेशियों ग्रथियों के सूत्रों और अस्थि मज्‍जा पर प्रभावी होने से गठिया, मॉसपेशियों का सूखना, जोडों का कडा होना, रीड की हड्डीयों का टेडा होना , पुरानी से पुरानी चोट आदि की वजह से दर्दो में इसका प्रयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है ।

शारीरिक विकास, लम्‍बाई का न बढना :- बच्‍चों के सूखा राग , पिनियल ग्‍लैन्‍डस , ग्रोथ हार्मोन्‍स नही बन रहे हो जिसकी वजह से बच्‍चों का शारीरिक विकास न हो रहा हो या लम्‍बाई न बढ रही हो , बच्‍चेां के मॉस क्षय आदि में इसका प्रयोग अपनी सहायक औषधियों के साथ कर उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है ।

अन्‍य रोग :- पक्षाघात की अवस्‍था में अंग शिथिल हो गया हो , दायी साईड के पक्षाघात में, दायी साईड के अंगों की शिथिलता , यदि इसके प्रयोगसे शरीर में उत्‍तेजनाव रक्‍त संचार बढ गया हो या अत्‍याधिक गर्मी महशूस हो रही हो तो वाई ई (पीली बिजली) के प्रयोग कर इसके एग्रावेशन को शान्‍त किया जा सकता है । किसी भी अंग के कार्य न करने के कारण मासिकर्धम, कब्‍ज , पेशाब , पखाने का रूकना आदि में इसका प्रयोग करने पर मासिकधर्म ,कब्‍ज, पेशाब की समस्‍या हल हो जाती है । पुरूषों के रोगों में अगर अंग शिथिल पड रहा हो तब इसके लगाने व एस-3 सी-3 आर0 ई0 के अंतरिक प्रयोग से उचित परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है । बालों का झडना, गंजापन,आदि में बालों  की ग्रोथ तक रक्‍त संचार के न होने के कारण बालों झडते हो वहा पर रूखापन हो तब इसका प्रयोग एपीपी के साथ करना चाहिये एंव उक्‍त दवा का अंतरिक सेवन भी कर अच्‍छे परिणाम प्राप्‍त किये जा सकते है ।

डायल्‍युशन प्रयोग- प्रथम डायल्‍युश्‍न :- प्रथम डायल्‍युश्‍न कमजोरी, पोलियों, अंगों का शिथिल, व निष्‍क्रिय एंव ठण्‍डा पडना आदि , शरीर में ठण्‍ड लग गई हो तो इसके प्रयोग से शरीर में गर्मी उत्‍तेजना आती है नींद का ज्‍यादा आना, हिचकी , थाईराईड की वजह से यदि नीद अधिक आती हो, कद बढाने में ,खून की कमी, सूखा रोग आदि में इसकाप्रथम डायल्‍यूश्‍न का प्रयोग किया जाता है ।   

दूसरा डायल्‍युशन:- पसीना लाने में, बुखार की वजह से पसीना न आ रहा हो , यह शरीर से पसीना ला कर बुखार को उतार देती है, पेचिस हाथ पैरों के र्दद, गढिया बात, साईटिका, भूंख न लगना , मासिक धर्म की गडबडी आदि में इसका दूसरा डायल्‍युशन का प्रयोग किया जाता है ।

तीसरा डायल्‍युशन:- किसी भी तरह का बुखार, पागलपन, याददास्‍त की कमी आदि में प्रयोग किया जाता है ।

हायर डायल्‍युशन:- इसका हायर डायल्‍युशन का प्रयोग पुरानी बीमारीयों में, ब्रेन में क्‍लाट जमने पर , पक्षाघात आदि में प्रयोग किया जाता है ।

स्‍पैरिजिक एंसेन्‍स :- नपुनसंकता, भूंख बढानेमें, बच्‍चों की वृद्धि, मूर्छा, शारीरिक कमजोरी , या शरीर कमजोर होता जा रहा हो आदि में इसका प्रयोग किया जाता है ।

 डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल

 बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

   जन जागरण चैरीटेबिल हॉस्पिटल

 हीरो शो रूम के बाजू बाली गली नर्मदा बाई स्‍कूल

 बण्‍डा रोग मकरोनिया सागर म0प्र0

 खुलने का समय 10-00 से 4-00 बजे तक

 मो0 9300071924  9926436304

हमारे यहॉ इलैक्‍ट्रो होम्‍योपैथिक के ओरिजनल डायल्‍युशन 30 ml में उपलब्‍ध है ।

 

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                                                         स्‍क्रोफोलोसो-1 इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । औषधिय पौधों के नाम जिन से यहाँ दवा बनाई  ग

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स्‍क्रोफोलोसो-2

26 अगस्त 2022
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      स्‍क्रोफोलोसो-2       इस दवा को निम्‍न पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है । इस औषधी का सर्वप्रथम प्रभाव मूत्राश्‍य पर तत्‍पश्‍चात किडनी पर एंव गालब्‍लेडर होता है ।

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स्क्रोफोलोसोस-3

26 अगस्त 2022
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      स्क्रोफोलोसोस-3   इस दवा का प्रभाव त्‍वचा एंव सेंसरी नर्व अर्थात संवेदनशील नर्व पर होने से यह त्‍वचा रोग एंव संवेदन शील नसों पर कार्य करती है , यह स्‍पर्श शक्ति को उत्‍तेजित करती है ,

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स्‍क्रेाफोलोस-5

26 अगस्त 2022
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  स्‍क्रेाफोलोस-5     स्‍क्रोफोलोसो-5 स्‍क्रोफोलोसो-5 में निम्‍न औषधिय पौधों को मिश्रित कर बनाई गयी मूल औषधिय है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1  BERBERIS VULGARIS 20

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स्‍क्रोफोलोसोस-6

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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर)

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     स्‍क्रोफोलोसोस-11 या (माल डी मर) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 COCHLEARIA  OFFICINALIS 10 2 HYDRASTIS  CANADENSIS   30 3 LOBELIA  INFLATA (Tobacco, Tambakhu)  

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स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार)

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    स्‍क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार) क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ATROPA  BELLADONNA   10 2 COCHLEARIA  OFFICINALIS  र्स्‍कर्वी घास   20 3 EUPHRASIA  OFFICINAL

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स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)

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    स्‍क्रोफोलोसो लैसेटिवो- या (एस लॉस)  क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 GENTIANA  LEUTIA   35 2 ALOES  CAPANCES (Kawar Ghandal, Ghee Kawar)   65   एस लॉस में जेन्‍टी

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एंजियाटिकोज-1

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     एंजियाटिकोज-1    रक्‍त संचार में खराबी, या रूकावट की वजह से लो, या हाई ब्‍लड प्रेसर का होना ,ब्‍लड कम्‍पोजिशन की खराबी की वजह से यूरिया, कैटिनिन, कोलेस्‍टाईल का बनना ,हिद्रय का टॉनिक

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एंजियाटिकोज -2

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     एंजियाटिकोज -2   रक्‍त संचार की खराबी की वजह से उत्‍पन्‍न हिद्रय सम्‍बन्धित समस्‍याये, यह दवा हिद्रय के दाहिने भाग पर प्रभावी तथा वेन पर कार्य करती है, वेन या शिराओं का कार्य अशुद्ध रक्‍

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एंजियाटिकोज -3

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   एंजियाटिकोज -3      इस औषधी का निर्माण निम्‍न औषधीय पौधों से एक निश्चित अनुपात में मिश्रित कर बनाया गया है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ARNICA  MONTANA (Brinjasik)  

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लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)

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   लिंफैटिको-1 Linfatico-1(Lymphmittel-1)        लिफैटिको-1 दवा के निर्माण में निम्‍न औषधीय पौधों को एक निश्चित अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये

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कैंसरोसोज-1

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       कैंसरोसोज-1   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON   20 2 CAULOPHYL

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कैंसरोसोज-2 या सी-2

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       कैंसरोसोज-2 या सी-2    इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 EQ

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कैंसरोसोज-3

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        कैंसरोसोज-3      इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM

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कैंसरोसो-4 (C-4)

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     कैंसरोसो-4 (C-4)   इस दवा का निर्माण निम्‍न औेष‍धीय पौधों को एक निश्‍चत अनुपात में मिला कर तैयार किया गया है ।     क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   40

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कैंसरोसो-5

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       कैंसरोसो-5   इस औषधिय का कार्य क्ष्‍ेात्र विस्‍तृत है, सभी तरह के रोगों इसका प्रभाव में 90 प्रतिशत तक है । यह सैल्‍स एंव टिश्‍यूज रिमेडिज दवा है , इस दवा का प्रभाव समस्‍त ग्रथियों के सैल्‍स ए

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स्‍क्रोफोलोसोस-6डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल , बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0

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                   स्‍क्रोफोलोसोस-6   स्‍क्रोफोलोसोस-6  निम्‍न औषधिय पौधों से मिश्रित कर निमिर्त की गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में       1  COCHLERIA  OFFICI

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स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)

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       स्‍क्रोफोलोसोस-10 या (स्‍क्रोफोलोसोस जियापुन)    स्‍क्रोफोलोसोस-10, एस-1 एंव एफ-1 से मिलती जुलती औषधिय है, अत: कहॉ जाता है कि जब इन दोनों औषधियों को देने की अवश्‍यकता हो तब एस-10 को दिया जा स

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कैंसरोसोस-13

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    कैंसरोसोस-13   कैंसरोसोस-10 में प्रयुक्‍त औषधीय पौधे व उनकी मात्रायें निम्‍नानुसार है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 RHUS  TOXICODENDRON  25 2 VINCETOXICUM  OFFICINALE  20 3

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कैंसरोसो-15 (सी-15) या लार्ड-1

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     कैंसरोसो-15  (सी-15) या लार्ड-1 कैंसरोसो-15 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   30 2 MARASDENIA CONDURANGO   30

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कैंसरोसो-17 (सी-17) या सी टी बी

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     कैंसरोसो-17  (सी-17) या  सी टी बी कैंसरोसो-17 निम्‍न वनस्पितियों को मिश्रित कर बनाई गयी है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 CONIUM  MACULATUM   15 2 PIMPINELLA  SAXIFRAGE  

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फेब्रीफ्यूगो-1 डॉ0 सत्‍यम सिंह चन्‍देल,बी0 एच0 एम0 एस0 , एम0 डी0 (ई0)

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     फेब्रीफ्यूगो-1   फेब्रीफ्यूगों दवा के निर्माण में निम्‍न वनस्‍पतियों का प्रयोग एक निश्‍चित अनुपात में किया गया है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 1.  ACONITE  NAPILLUS (Vatsnabh)

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फेब्रीफ्यूगो-2

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   फेब्रीफ्यूगो-2 क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 AESCULUS  HIPPOCASTANUM   10 2 BERBERIS  VULGARIS 20 3 CETRARIA  ISLANDICA 5 4 CINCHONA  CALISIYA 10 5 CINCHONA  SUCCIRUBRA

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पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)

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     पेट्रोरल्‍स -1 (पी-1)          क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये 1 ADIANTHUM CAPILI VENERIS (Hansraj)   10 2 ALLIUM CEPA (Red Onion, Lal Piyaj) 20 3 EUCALYPTUS  GLOB

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पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2)

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        पेट्रोरल्‍स -2 (पी-2) पेट्रोरल्‍स -2 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHUM CAPILI VENERIS (H

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पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)

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         पेट्रोरल्‍स -3 (पी-3)  पेट्रोरल्‍स-3 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1 PHELLANDRIUM  AQUATICUM 30

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पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)

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         पेट्रोरल्‍स -4 (पी-4)       पेट्रोरल्‍स-4 औषधी में निम्‍न वनस्‍पतियों को एक निश्‍चित अनुपात में मिला कर बनाई गई है ।   क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रयें 1   ADIANTHU

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ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)

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   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी ( हरी बिजली)   ग्रीन इलैक्‍ट्रीसिटी निम्‍न औषधिय पौधों से संगठन से बनाई गई है । क्र0 औषधिय पौधों के नाम उपयोग मात्रये प्रतिशत में 1 ALTHEA OFFICINALIS   10 2

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रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली)

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      रेड इलैक्‍ट्री सिटी (लाल बिजली) लाल इैक्‍ट्रीसिटी एक धनात्‍मक बिजली है अत: इसका प्रयोग शरीर के ऋणात्‍मक भागों मे व रोगों में किया जाता है, यह कफ प्रकृति वालों के अनुकूल है, परन्‍तु रोग स

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    ब्‍लू इलैक्‍ट्री सिटी (नीली बिजली)   इसका प्रभाव रक्‍त संचालन की धमनियों पर है जो शुद्ध रक्‍त को लेकर हमारे सम्‍पूर्ण केशिकाओं में रक्‍त का वितरण करती है, यह एक घनात्‍मक इलैक्‍ट्रीसिटी है,

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      पीली बिजली   पीली बिजली नेगेटिव दवा है अत: इसका प्रयोग धनात्‍मक बीमारीयों में एंव शरीर के धनात्‍मक स्‍थानों पर किया जाता है, अत: जब कभी उत्‍तेजना चाहे वह शरीरिक हो या मानसिक हो तब इसके  प

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सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)

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    सफेद बिजली (व्‍हाईट इलैक्‍ट्रीसिटी)   यह ए‍क न्‍यूट्रल इलैक्‍ट्रीसिटी है अत: इसका प्रयोग सभी तरह के रोगो तथा किसी भी प्रकृति में की जा सकती है । यह शरीर की कमजोरी को दूर कर शरीर को बलवान बन

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सिन्‍थेसिस (एस वाई)

26 अगस्त 2022
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    सिन्‍थेसिस  (एस वाई) इस कम्‍पाऊंड औषधी में निम्‍न आठ दवाओं को समान मात्रा में मिश्रित कर बनाया गया है । एस-1,ए-3, एफ-1, सी-1, एल-1, पी-2, वेन-1, वर-1 यह औषधी शरीर के सभी संस्‍थानों पर कार्य कर

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अकुआ पर ला पेली APP

20 नवम्बर 2022
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अकुआ पर ला पेली APP इस औषधी में उपयोग की जाने वाली वनस्‍पतियों का विवरण निम्‍नानुसार है क्र0 औषधिय पौधे अन्‍य नाम मात्रा उपयोग 1 ARNICA MONTANA बुल्फ्रस वैन, लेपछर्डस वैन,माउटेन तम्बाखू 10

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