स्क्रोफोलोसोस-12 या (मैरीना या मार)
क्र0
औषधिय पौधों के नाम
उपयोग मात्रये प्रतिशत में
1
ATROPA BELLADONNA
10
2
COCHLEARIA OFFICINALIS र्स्कर्वी घास
20
3
EUPHRASIA OFFICINALIS
20
4
HYDRASTIS CANADENSIS पीत कंद
5
5
MATRICARIA CHAMOMILLA रोगन बबूना
10
6
NASTURTIUM OFFICINALIS चीनी जलकुंभी
20
7
SCROPHULARIA NODOSA अंजीर
20
8
SMILAX MEDICA (SARSAPARILLA )
5
यह दवा ऑखों की सभी प्रकार की समस्याओं के लिये उपयोग की जाती है । इसका प्रभाव ऑखों की ऑप्टिकल नर्व, रैटिना, कार्निया लैंस, पर है , दवा का जैसे ऑखों से पानी आना, आई फ्लु, मोतियाबिन्द, ल्युकोमा, ऑखों में लालीमा, सूजन, आखों से ऑसू आना या ऑखों का सूख जाना , ऑखों के जख्म, ऑखों पर फोडा फुंसी, ऑखों की खाल का गलना, ऑखों की रोशनी का कम होना ,ऑखों का लकवा, ऑखों की पलकों का न झपकना , यह दवा रक्त स्त्रावों की भी अच्छी दवा है रक्त स्त्राव शरीर के किसी भी स्थान से हो रहा हो इसका उपयोग किया जा सकता है । यह दवा भी विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है । ऑखों की जितनी भी नस नाडीयॉ है उस पर भी इस दवा का अच्छा प्रभाव होता है, ऑखों के संक्रामण रोगों की अवस्था में, एंव जब कभी ऑखों के संक्रामण रोग की बीमारी चल रही हो तो इस दवा को सुरक्षा की दृष्टी से बचाव हेतु उपयोग किया जा सकता है । इसका प्रयोग ऑखों को सुरक्षित रखने हेतु भी किया जा सकता है । इसके प्रयोग से ऑखों की रोशनी बढती है एंव ऑखों के रोगों से सुरक्षा मिलती है अत: इसका उपयोग स्वस्थ्य व्यक्ति भी कर सकते है ।
डॉ0 सत्यम सिंह चन्देल
बी0 एच0 एम0 एस0, एम0 डी0 (ई0)
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